परमेश्वर की सेवा स्कूल की चर्चा
28 अप्रैल, 2008 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए गए सवालों पर चर्चा होगी। स्कूल अध्यक्ष, 30 मिनट के लिए 3 मार्च से 28 अप्रैल, 2008 तक के हफ्तों में पेश किए भागों पर हाज़िर लोगों के साथ चर्चा करेगा।
भाषण के गुण
1. दी गयी जानकारी के मुताबिक भाषण तैयार करना क्यों ज़रूरी है, और यह हम कैसे कर सकते हैं? [be-HI पेज 234 पैरा. 1-पेज 235 पैरा.1]
2. सिखाते वक्त सवाल पूछना क्यों फायदेमंद है? [be-HI पेज 236 पैरा. 1-5]
3. सवाल कैसे हमारे सुननेवालों को किसी विषय पर तर्क करने में मदद दे सकते हैं? [be-HI पेज 237 पैरा. 3-पेज 238 पैरा. 1]
4. सिखाते वक्त, सुननेवाले के मन की भावनाएँ बाहर लाने के लिए सवालों का बड़ी कुशलता से इस्तेमाल करना क्यों ज़रूरी है? (नीति. 20:5; मत्ती 16:13-16; यूह. 11:26) [be-HI पेज 238 पैरा. 3-5]
5. सिखाते वक्त उपमा का इस्तेमाल करने के क्या फायदे हैं? (उत्प. 22:17; यिर्म. 13:11) [be-HI पेज 240 पैरा. 1-3]
भाग नं. 1
6. मरकुस की किताब में ऐसे कुछ सिद्धांत क्या हैं, जिन पर चलकर हम परमेश्वर के राज्य में जीवन पा सकते हैं? [bsi08-1-HI पेज 8 पैरा. 32]
7. पवित्र आत्मा आज परमेश्वर के सेवकों की मदद कैसे करती है? (यूह. 14:25, 26) [be-HI पेज 19 पैरा. 2-3]
8. पढ़ाई से मिलनेवाला सबसे बड़ा फायदा क्या है? [be-HI पेज 21 पैरा. 3]
9. अध्ययन करने में क्या-क्या शामिल है? [be-HI पेज 27 पैरा. 3-पेज 28 पैरा. 1]
10. लूका की सुसमाचार की किताब कैसे इस बात पर हमारा यकीन बढ़ाती है कि इब्रानी शास्त्र, परमेश्वर की प्रेरणा से लिखा गया है? [bsi08-1-HI पेज 11 पैरा. 30-1]
हफ्ते की बाइबल पढ़ाई
11. यीशु ने उस आदमी की बात को क्यों सुधारा, जिसने उसे “भला गुरु” कहा? (मर. 10:17, 18, बुल्के बाइबल) [w08 2/15-HI “यहोवा का वचन जीवित है—मरकुस किताब की झलकियाँ”]
12. यीशु ने अंजीर के पेड़ का दृष्टांत देकर, इस्राएल जाति के बारे में क्या समझाया? (मर. 11:12-14, 20, 21) [w03 5/15-HI पेज 26 पैरा. 2-3]
13. जब स्वर्गदूत जिब्राईल ने मरियम से कहा कि पवित्र आत्मा उस पर उतरेगी और परमेश्वर की शक्ति उस पर छाया करेगी, जिस वजह से वह “गर्भवती होगी,” तो उसके कहने का क्या मतलब था? (लूका 1:30, 31, 34, 35) [w08 3/15-HI “यहोवा का वचन जीवित है—लूका किताब की झलकियाँ”; it-2 पेज 56 पैरा. 2]
14. क्या यीशु के चेले वाकई ‘वह काम कर रहे थे, जो सब्त के दिन करना उचित नहीं’ था? (लूका 6:1, 2) [gt-HI 31]
15. यीशु ने मार्था को जो सलाह दी, उससे हम क्या सबक सीख सकते हैं? (लूका 10:40-42) [w99 9/1-HI पेज 31]