शासी निकाय का खत
यहोवा की सेवा में हमारे प्यारे भाइयो:
हमें आपको यह खत लिखते हुए बेहद खुशी हो रही है। हम भी प्रेरित यूहन्ना की तरह महसूस करते हैं, जिसने कहा कि वह अपने मसीही भाइयों से “सच्चा प्रेम रखता” है (आर.ओ.वी.) और उसे यह देखकर खुशी होती है कि वे “सत्य पर चलते” हैं। (2 यूह. 1,4) वाकई, हमारा सच्चाई में होना क्या ही आशीष है! सच्चाई ने हमें बड़े बाबुल की झूठी शिक्षाओं और रीति-रिवाज़ों की बेड़ियों से छुड़ाया है, जिनसे परमेश्वर का अपमान होता है। सच्चाई के मुताबिक जीने से हम प्यार करनेवाले और दयालु इंसान बन पाए हैं। सच्चाई की बदौलत ही हम परमेश्वर की नज़र में शुद्ध ठहरे हैं और हमारे आगे हमेशा की ज़िंदगी पाने का रास्ता खुल गया है।
हम परमेश्वर की पवित्र शक्ति के लिए भी बहुत एहसानमंद हैं, जो हमें रोज़ाना मार्गदर्शन और हिम्मत देती है! यह यहोवा की तरफ से एक प्यार भरा इंतज़ाम है। हाल में हुए “परमेश्वर की पवित्र शक्ति के मार्गदर्शन पर चलिए” ज़िला अधिवेशन में आपने गौर किया होगा कि यह शक्ति कैसे अलग-अलग तरीकों से काम करती है। दुनिया के हालात बदतर होते जा रहे हैं, इसलिए यह और भी ज़रूरी है कि हम यहोवा की पवित्र शक्ति पर निर्भर रहें, ताकि हम आनेवाले संकट का सामना कर सकें।
हमें पूरा यकीन है कि इयरबुक में, भाई-बहनों के जोशीले अनुभव पढ़कर आपका दिल भर आया होगा कि कैसे उन्होंने अपने विश्वास की खातिर बहुत-सी मुसीबतें सहीं। यह सोचकर ताज्जुब होता है कि जिन पर मुसीबतें आयीं वे या तो विश्वास में नए-नए थे या फिर उनका बपतिस्मा भी नहीं हुआ था। इसके बावजूद वे हर हाल में यहोवा के वफादार बने रहे और उसके स्तरों से समझौता नहीं किया। यह देखकर हमारे दिल में वाकई उनके लिए प्यार उमड़ आता है! बेशक, उनके बेहतरीन उदाहरण हमारे इरादे को मज़बूत करते हैं कि हम भी परमेश्वर के राज के लिए वफादारी दिखाएँ, फिर चाहे हम पर कितनी ही मुसीबतें क्यों न आएँ।—1 थिस्स. 1:6-8.
प्यारे भाइयो-बहनो, हम जानते हैं कि आपको पैसे की तंगी के साथ-साथ दूसरी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से परिवार की एकता में खलल पैदा हो सकता है। और आपमें से कुछ के लिए तो नियमित तौर पर प्रचार में और कलीसिया की सभाओं में जाना भी एक चुनौती है। इसलिए काफी विचार-विमर्श और प्रार्थनाओं के बाद हमने 1 जनवरी, 2009 से शुरू होनेवाली सभाओं के कार्यक्रम में कुछ बदलाव किए हैं। उम्मीद करते हैं कि आप इस नए इंतज़ाम का पूरा-पूरा फायदा उठाएँगे, ताकि आप निजी और पारिवारिक अध्ययन के लिए ज़्यादा समय दे सकें।
पिछले साल हुए अलग-अलग सम्मेलनों और अधिवेशनों में यह देखकर बड़ी खुशी हुई कि बहुत-से लोगों ने बपतिस्मा लिया। उनमें से कुछ की उम्र तो काफी कम थी। इसके लिए आप माता-पिताओं की तारीफ की जानी चाहिए जिन्होंने अपने बच्चों की ऐसी परवरिश की जिससे उनके दिल में सच्चाई के लिए कदर बढ़ी और उन्होंने यहोवा को अपना समर्पण किया। ये प्यारे बच्चे स्कूल में बहुत-सी मुश्किलों का सामना करते हैं, इसके बावजूद वे बपतिस्मा पाने के काबिल बने। इससे ज़ाहिर होता है कि उन्हें घर पर बढ़िया तालीम दी गयी थी।—भज. 128:1-6.
बाइबल अध्ययन के काम में जिस तरीके से बढ़ोतरी हो रही है वह भी काबिले-तारीफ है। बेशक, इसमें हमारे मेहनती मिशनरियों और खास पायनियरों का काफी हाथ है। शासी निकाय के हम सभी सदस्य पूरी दुनिया के उन भाई-बहनों के भी बहुत एहसानमंद हैं, जिन्होंने सच्चाई के प्यासे नेक दिल लोगों को यह न्यौता देने में एक अहम भूमिका निभायी है कि “आ” और “जीवन का जल सेंतमेंत ले।” (प्रका. 22:17) पिछले साल जिन 2,89,678 लोगों ने पानी में बपतिस्मा लेकर अपना समर्पण ज़ाहिर किया उन सभी का हम यहोवा के संगठन में गर्मजोशी से स्वागत करते हैं!
यह कितना ज़रूरी है कि हम हमेशा प्रेरित यूहन्ना के इन शब्दों को याद रखें: “संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।” (1 यूह. 2:17) और हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हम उस घड़ी के बहुत नज़दीक हैं, जब यह संसार ‘मिट जाएगा!’ इसलिए बुद्धिमानी इसी में है कि हम हमेशा ‘जागते रहें’ और अपनी ज़िंदगी परमेश्वर की इच्छा पूरी करने में लगाएँ। (मत्ती 24:42) अगर हम ऐसा करेंगे तो हमें कभी पछतावा नहीं होगा और परमेश्वर की निरंतर प्रेम-कृपा का फायदा मिलेगा।—यशा. 63:7.
हम उम्मीद करते हैं कि इस साल की इयरबुक में और दूसरे साहित्य में दिए कई देशों के भाई-बहनों के बढ़िया अनुभवों से आपका हौसला बढ़ेगा, ताकि आप राज के कामों को अपनी ज़िंदगी में पहली जगह दे सकें। यकीन मानिए, हम आप सबसे बहुत प्यार करते हैं और आप लोगों के बारे में हमेशा सोचते और प्रार्थना करते हैं। हमारी दुआ है कि यहोवा आप पर आशीषों की बौछार करे।
आपके भाई,
यहोवा के साक्षियों का शासी निकाय