घोषणाएँ
▪ जून के लिए साहित्य पेशकश: बाइबल असल में क्या सिखाती है? अगर घर-मालिक के पास पहले से यह किताब है, तो प्रचारक 192 पेजवाली ऐसी कोई भी किताब पेश कर सकता है, जो समय के गुज़रते बदरंग हो गयी है या जो 1992 से पहले छपी थी। जुलाई और अगस्त: आगे बताए 32-पेज के ब्रोशरों में से कोई भी दिया जा सकता है जो आपके स्टॉक में हो: क्या आपको त्रियेक में विश्वास करना चाहिए?, क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है?, जब आपका कोई अपना मर जाए, जागते रहो!, जीवन का उद्देश्य क्या है?—आप इसे कैसे पा सकते हैं?, “देख! मैं सब कुछ नया कर देता हूँ,” मरने पर हमारा क्या होता है? (अँग्रेज़ी), वह शासन जो प्रमोदवन लाएगा, संतोष से भरी ज़िंदगी—कैसे हासिल की जा सकती है, सब लोगों के लिए एक किताब और हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा? सितंबर: बाइबल असल में क्या सिखाती है? जहाँ भी मुमकिन हो यह किताब पेश करते वक्त, प्रचारकों को पहली मुलाकात में ही बाइबल अध्ययन शुरू करने की कोशिश करनी चाहिए। एक छोटे-से प्रदर्शन से घर-मालिक को दिखाइए कि वह बाइबल अध्ययन से कैसे फायदा पा सकता है।
▪ सालों से हम अपनी किताबों-पत्रिकाओं में जो शब्द इस्तेमाल करते आए हैं, उनमें से कुछेक को बदलना ज़रूरी हो गया है। इस फेरबदल से विचारों का और भी सही-सही अनुवाद हो पाएगा। मिसाल के लिए, कुछ भारतीय भाषाओं में “पवित्र आत्मा” के बजाय, अब “पवित्र शक्ति” या “परमेश्वर की पवित्र शक्ति” शब्द इस्तेमाल किया जाएगा। इस बात का यकीन रखिए कि इस तरह के फेरबदल शासी निकाय के साथ विचार-विमर्श के बाद ही किए गए हैं।
▪ सन् 2009 में होनेवाले ज़िला अधिवेशनों और अधिवेशन के मुख्यालयों के पते हमारी राज-सेवा के आगे के एक अंक में दिए जाएँगे।
▪ अगर आप किसी ऐसे देश में घूमने की योजना बनाते हैं, जिसके बारे में हाल की सेवा साल की रिपोर्ट में अलग से नहीं बताया गया है या जिसका पता नयी इयरबुक के आखिरी पेज पर नहीं दिया गया है, तो आपको अपने इलाके के शाखा दफ्तर से संपर्क करना चाहिए। शाखा दफ्तर आपको ज़रूरी हिदायतें देगा और बताएगा कि आपको क्या सावधानी बरतनी चाहिए। हो सकता है उस देश में राज के प्रचार काम पर कुछ पाबंदी लगी हो। (मत्ती 10:16) कुछ देशों में वहाँ के साक्षियों या मंडलियों से संपर्क करना शायद मुनासिब न हो। शाखा दफ्तर आपको मौका देखकर गवाही देने या अपने साथ किताबें-पत्रिकाएँ ले जाने के बारे में हिदायतें दे सकता है। शाखा दफ्तर से मिलनेवाली हिदायतों को मानने से न तो आपके लिए, न प्रचार काम के लिए कोई समस्या खड़ी होगी।—1 कुरिं. 14:33, 40.
▪ उपलब्ध नया प्रकाशन:
नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र बाइबल—कन्नड़, तमिल, मलयालम, हिंदी