परमेश्वर की सेवा स्कूल की चर्चा
नीचे दिए सवालों पर परमेश्वर की सेवा स्कूल में चर्चा की जाएगी।
1. निर्गमन 23:19 में बतायी पाबंदी से हम क्या सीखते हैं? [w06 4/1-HI पेज 31 पैरा. 1-5]
2. ऊरीम और तुम्मीम क्या हैं और प्राचीन इसराएल में इनका इस्तेमाल कैसे होता था? (निर्ग. 28:30) [w06 1/15-HI पेज 18; w01 9/1-HI पेज 27]
3. यहोवा ने मूसा से “आम्हने-साम्हने” कैसे बात की? (निर्ग. 33:11, 20) [w04 3/15-HI पेज 27]
4. मिलापवाला तंबू बनाने के लिए इसराएलियों ने जिस तरह दिल खोलकर दान दिया और अपने हुनर का इस्तेमाल किया, उससे हम क्या सीखते हैं? (निर्ग. 35:5, 10) [w99 11/1-HI पेज 31 पैरा. 1-2]
5. निर्गमन 40:28 में बताया गया परदा, परमेश्वर के महान आत्मिक मंदिर में किस बात को दर्शाता है? [w00 1/15-HI पेज 15 पैरा. 7-8]
6. वेदी पर पूरे जानवर का “होमबलि” के तौर पर चढ़ाया जाना, यीशु के बलिदान के किस पहलू पर हमारा ध्यान खींचता है? (लैव्य. 1:13) [w04 5/15-HI पेज 21 पैरा. 3]
7. “सारी चरबी यहोवा की है,” यह हकीकत हमें किस बात की याद दिलाती है? (लैव्य. 3:16, 17) [w04 5/15-HI पेज 22; पैरा. 2]
8. वेदी के पाए पर लोहू उँडेलने और दूसरी चीज़ों पर लोहू लगाने के क्या मायने हैं? (लैव्य. 9:9) [w04 5/15-HI पेज 22 पैरा. 5]
9. लैव्यव्यवस्था 12:8 से यीशु की परवरिश के बारे में हमें क्या समझ मिलती है और उससे हम क्या सीखते हैं? [w98 12/15-HI पेज 6 पैरा. 5]
10. सालाना प्रायश्चित दिन को चढ़ाया जानेवाला बलिदान, यीशु के छुड़ौती बलिदान को कैसे दर्शाता है? (लैव्य. 16:11-16) [w98 2/15-HI पेज 12 पैरा. 2]