8-14 अक्टूबर
यूहन्ना 11-12
गीत 14 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यीशु की तरह करुणा कीजिए”: (10 मि.)
यूह 11:23-26—यीशु ने अपनी बातों से मारथा को दिलासा दिया (“मैं जानती हूँ . . .वह ज़िंदा हो जाएगा” अ.बाइ. यूह 11:24 अध्ययन नोट; “मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला और उन्हें जीवन देनेवाला मैं ही हूँ” अ.बाइ. यूह 11:25 अध्ययन नोट)
यूह 11:33-35—जब यीशु ने मरियम और दूसरों को रोते हुए देखा, तो उसका दिल भर आया (“रोते,” “गहरी आह भरी और उसका दिल भर आया” अ.बाइ. यूह 11:33 अध्ययन नोट; “आँसू बहने लगे” अ.बाइ. यूह 11:35 अध्ययन नोट)
यूह 11:43, 44—यीशु ने उन्हें राहत दिलाने के लिए कदम उठाया
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
यूह 11:49—किसने कैफा को महायाजक ठहराया? वह कितने समय तक इस पद पर रहा? (“महायाजक” अ.बाइ. यूह 11:49 अध्ययन नोट)
यूह 12:42—कुछ यहूदी यीशु को मसीह मानने से क्यों डरते थे? (“धर्म-अधिकारियों,” “सभा-घर से बेदखल” अ.बाइ. यूह 12:42 अध्ययन नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) यूह 12:35-50
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।
दूसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
भाषण: (6 मि. या उससे कम) प्र13 9/15 पेज 32—विषय: लाज़र को ज़िंदा करने से पहले यीशु क्यों रोया?
जीएँ मसीहियों की तरह
“मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला और उन्हें जीवन देनेवाला” यीशु है (यूह 11:25): (15 मि.) चर्चा। ‘यकीनन परमेश्वर ने उसे प्रभु और मसीह ठहराया है’—भाग 2, एक झलक नाम का वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से ये सवाल पूछिए: इस वाकए से हम यीशु की करुणा के बारे में क्या सीखते हैं? इस बात का क्या मतलब है कि “मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला और उन्हें जीवन देनेवाला” यीशु है? भविष्य में यीशु कौन-से चमत्कार करेगा?
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 18 पै 1-13
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 5 और प्रार्थना