पाएँ बाइबल का खज़ाना | प्रेषितों 1-3
मसीही मंडली पर पवित्र शक्ति उँडेली गयी
ईसवी सन् 33 के पिन्तेकुस्त के दौरान कई देशों से यहूदी यरूशलेम आए हुए थे। (प्रेष 2:1-8) वे मूसा का कानून मानते थे, लेकिन उन्होंने शायद पूरी ज़िंदगी पराए देश में बितायी थी। (यिर्म 44:1) इसलिए उनमें से कुछ लोगों की वेश-भूषा और उनकी बोली यहूदियों जैसी नहीं, बल्कि अपने देश के लोगों जैसी रही होगी। जब इनमें से 3,000 लोगों ने बपतिस्मा लिया, तो अचानक मसीही मंडली अलग-अलग देशों के लोगों से भर गयी। वे सब अलग-अलग संस्कृति के लोग थे, फिर भी ‘वे एक ही मकसद के साथ हर दिन मंदिर में हाज़िर रहते थे।’—प्रेष 2:46.
आप नीचे बताए लोगों में सच्ची दिलचस्पी कैसे ले सकते हैं?
आपके इलाके में रहनेवाले परदेसी
आपकी मंडली के वे भाई-बहन जो दूसरे राज्यों या देशों से हैं