7-13 जनवरी
प्रेषितों 21-22
गीत 55 और प्रार्थना
सभा की एक झलक (3 मि. या कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यहोवा की मरज़ी पूरी हो”: (10 मि.)
प्रेष 21:8-12—भाइयों ने पौलुस से मिन्नत की कि वह यरूशलेम न जाए क्योंकि वहाँ खतरा था (गवाही दो पेज 177-178 पै 15-16)
प्रेष 21:13—पौलुस ने यहोवा की मरज़ी पूरी करने की ठान ली थी (गवाही दो पेज 178 पै 17)
प्रेष 21:14—पौलुस का अटल इरादा देखकर भाइयों ने उसे रोकना छोड़ दिया (गवाही दो पेज 178 पै 18)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
प्रेष 21:23, 24—यरूशलेम के प्राचीनों ने पौलुस को यह निर्देश क्यों दिया, जबकि मसीहियों पर मूसा का कानून लागू नहीं था? (गवाही दो पेज 184-185 पै 10-12)
प्रेष 22:16—पौलुस को क्या करना था ताकि उसके पाप धुल जाएँ? (“उसका नाम लेकर अपने पापों को धो ले” प्रेष 22:16 अ.बाइ. नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या कम) प्रेष 21:1-19 (जी-जान गुण 5)a
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पढ़ने और सिखाने में जी-जान लगाएँ: (10 मि.) चर्चा। अच्छी शुरूआत वीडियो दिखाइए। फिर जी-जान ब्रोशर के पाठ 1 पर चर्चा कीजिए।
भाषण: (5 मि. या कम) प्र10 2/1 पेज 13 पै 2–पेज 14 पै 2, अँग्रेज़ी—विषय: क्या मसीहियों को हर हफ्ते सब्त मनाना चाहिए? (जी-जान गुण 1)b
जीएँ मसीहियों की तरह
“यहोवा ने हमें बच्चों की परवरिश करना सिखाया”: (15 मि.) चर्चा। वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) राज किताब अध्या 1 पै 1-10, शासी निकाय का खत
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 70 और प्रार्थना