1-7 जून
उत्पत्ति 44-45
गीत 130 और प्रार्थना
सभा की एक झलक (1 मि.)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यूसुफ ने अपने भाइयों को माफ किया”: (10 मि.)
उत 44:1, 2—यूसुफ ने अपने भाइयों को परखा (प्र15 7/1 पेज 14-15)
उत 44:33, 34—यहूदा ने यूसुफ से बिनती की कि वह बिन्यामीन को छोड़ दे
उत 45:4, 5—अपने भाइयों को माफ करके यूसुफ यहोवा की तरह पेश आया
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (10 मि.)
उत 44:13—पुराने ज़माने में लोग कब और क्यों कपड़े फाड़ते थे? (इंसाइट-2 पेज 813)
उत 45:5-8—क्या बात हमारी मदद कर सकती है कि हम अन्याय के बावजूद निराश न हो जाएँ? (प्र04 8/15 पेज 15 पै 15)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा, प्रचार सेवा और दूसरे मामलों के बारे में क्या सीखा?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या कम) उत 45:1-15 (जी-जान गुण 10)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पढ़ने और सिखाने में जी-जान लगाएँ: (10 मि.) चर्चा। ऐसी जानकारी जिससे सुननेवाले कुछ सीखें वीडियो दिखाइए। फिर जी-जान ब्रोशर से गुण 18 पर चर्चा कीजिए।
भाषण: (5 मि. या कम) प्र06 2/1 पेज 31—विषय: क्या यूसुफ, चाँदी के कटोरे से शकुन विचारता था, जैसे उत्पत्ति 44:5, 15 को पढ़ने पर लगता है? (जी-जान गुण 18)
जीएँ मसीहियों की तरह
मंडली की ज़रूरतें: (10 मि.)
संगठन को मिली कामयाबी: (5 मि.) जून महीने के लिए संगठन को मिली कामयाबी वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) बच्चों को सिखाइए कहानी 7 और 8
समाप्ति के चंद शब्द (3 मि. या कम)
गीत 135 और प्रार्थना