जीएँ मसीहियों की तरह
हम अनुभवी मसीहियों से क्या सीख सकते हैं?
हमारी मंडली में ऐसे भाई-बहन हैं जो दशकों से यहोवा की सेवा करते आए हैं। उन्होंने अब तक जिस तरह यहोवा पर भरोसा रखा है, उससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। हम उनसे यहोवा के संगठन के इतिहास के बारे में बताने के लिए कह सकते हैं। हम उनसे यह भी पूछ सकते हैं कि इन सालों के दौरान उन्होंने किन मुश्किलों का सामना किया और कैसे यहोवा ने उनकी मदद की। हम अपनी पारिवारिक उपासना में किसी बुज़ुर्ग भाई या बहन को बुला सकते हैं और अपना अनुभव बताने के लिए कह सकते हैं।
याकूब और यूसुफ ने भी अपने अनुभव अपने बच्चों को बताए। (उत 48:21, 22; 50:24, 25) आगे चलकर यहोवा ने परिवार के मुखियाओं को यह आज्ञा दी कि वे अपने बच्चों को यहोवा के महान कामों के बारे में बताएँ। (व्य 4:9, 10; भज 78:4-7) आज माता-पिता और दूसरे मसीही, जवान भाई-बहनों को बता सकते हैं कि उन्होंने यहोवा के संगठन में क्या-क्या ज़बरदस्त काम होते हुए देखे हैं। अगर आप कई सालों से यहोवा की सेवा करते आए हैं, तो खुलकर जवान भाई-बहनों को अपना अनुभव बताइए।
पाबंदी के बावजूद अपनी एकता बनाए रखिए वीडियो देखिए। फिर आगे बताए सवालों के जवाब दीजिए:
किस तरह ऑस्ट्रिया शाखा दफ्तर ने उन देशों के भाइयों की मदद की, जहाँ प्रचार और उपासना करने की आज़ादी नहीं थी?
इन देशों में हमारे भाइयों ने अपना विश्वास कैसे मज़बूत बनाए रखा?
रोमानिया में कई प्रचारकों ने खुद को यहोवा के संगठन से क्यों अलग कर लिया था? वे कैसे संगठन में वापस आए?
इन अनुभवों से आपका विश्वास कैसे मज़बूत होता है?
मंडली के अनुभवी मसीही किसी खज़ाने से कम नहीं!