31 अगस्त–6 सितंबर
निर्गमन 21-22
गीत 141 और प्रार्थना
सभा की एक झलक (1 मि.)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“जीवन के बारे में यहोवा के जैसा नज़रिया रखिए”: (10 मि.)
निर्ग 21:20—किसी की जान लेना यहोवा की नज़र में पाप है (इंसाइट -1 पेज 271)
निर्ग 21:22, 23—गर्भ में पल रहे बच्चे की जान भी यहोवा के लिए कीमती है (प्यार के लायक पेज 95 पै 16)
निर्ग 21:28, 29—यहोवा चाहता है कि हम अपनी और दूसरों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें (प्र10 4/15 पेज 29 पै 4)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (10 मि.)
निर्ग 21:5, 6—इन आयतों के मुताबिक यहोवा को अपनी ज़िंदगी समर्पित करने में हमारी भलाई क्यों है? (प्र10 1/15 पेज 4 पै 4-5)
निर्ग 21:14—इस आयत का क्या मतलब हो सकता है? (इंसाइट -1 पेज 1143)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा, प्रचार सेवा और दूसरे मामलों के बारे में क्या सीखा?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या कम) निर्ग 21:1-21 (जी-जान गुण 5)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (3 मि. या कम) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर उस व्यक्ति को हमारी सभाओं में बुलाइए। (जी-जान गुण 2)
वापसी भेंट: (4 मि. या कम) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर राज-घरों में क्या होता है? वीडियो के बारे में बताइए और चर्चा कीजिए (मगर उसे चलाइए मत)। (जी-जान गुण 20)
भाषण: (5 मि. या कम) प्र09 10/1 पेज 21—विषय: यहोवा—अनाथों का पिता। (जी-जान गुण 19)
जीएँ मसीहियों की तरह
परमेश्वर की तरह जीवन को अनमोल समझिए: (10 मि.) चर्चा। वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए: गर्भावस्था के दौरान क्या समस्याएँ हो सकती हैं? निर्गमन 21:22, 23 में दिए सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए हमें गर्भपात के बारे में कैसा नज़रिया रखना चाहिए? सही फैसले लेने के लिए हमें क्यों विश्वास और हिम्मत से काम लेना होगा? यह जानकर हमें कैसे दिलासा मिलता है कि हमारे अज़ीज़ ज़िंदा किए जाएँगे?
अपना जीवन यहोवा को समर्पित करने में हमारी भलाई क्यों है?: (5 मि.) 15 जनवरी, 2010 की प्रहरीदुर्ग , पेज 4, पैराग्राफ 4-7 पर आधारित भाषण। बाइबल विद्यार्थियों को बढ़ावा दीजिए कि वे समर्पण करें और बपतिस्मा लें।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) 10 सवाल ब्रोशर, सवाल 9
समाप्ति के चंद शब्द (3 मि. या कम)
गीत 5 और प्रार्थना