5-11 अक्टूबर
निर्गमन 31-32
गीत 45 और प्रार्थना
सभा की एक झलक (1 मि.)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“मूर्तिपूजा से दूर भागो”: (10 मि.)
निर्ग 32:1—हालात चाहे जैसे भी हों, हमें यहोवा के सिवा किसी और की भक्ति नहीं करनी चाहिए (प्र09 5/15 पेज 11 पै 11)
निर्ग 32:4-6—इसराएली सच्ची उपासना के साथ-साथ झूठी उपासना करने लगे (प्र12 10/15 पेज 25 पै 12)
निर्ग 32:9, 10—यहोवा का क्रोध इसराएलियों पर भड़क उठा (प्र18.07 पेज 20 पै 14)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (10 मि.)
निर्ग 31:17—यहोवा ने किस मायने में सातवें दिन आराम किया? (प्र19.12 पेज 2 पै 4)
निर्ग 31:18—“परमेश्वर की उँगली” का क्या मतलब है? (प्र87 6/15 पेज 5, बक्स, अँग्रेज़ी)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा, प्रचार सेवा और दूसरे मामलों के बारे में क्या सीखा?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या कम) निर्ग 32:15-35 (जी-जान गुण 10)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात का वीडियो: (4 मि.) चर्चा। वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए: प्रीति ने किस तरह कुशलता से सवाल किए? वापसी भेंट करने के लिए उसने क्या किया?
पहली मुलाकात: (4 मि. या कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर बाइबल का अध्ययन क्यों करें? वीडियो के बारे में बताइए और चर्चा कीजिए (मगर उसे चलाइए मत)। (जी-जान गुण 9)
भाषण: (5 मि. या कम) प्र10 5/15 पेज 21—विषय: यहोवा ने हारून को सोने का बछड़ा बनाने के लिए सज़ा क्यों नहीं दी? (जी-जान गुण 7)
जीएँ मसीहियों की तरह
“यहोवा के साथ अपने रिश्ते को अनमोल समझिए”: (15 मि.) चर्चा। यहोवा के साथ अपने रिश्ते की हिफाज़त कीजिए (कुल 3:5) वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि. या कम) परिवार खुश रह सकता है भाग 4
समाप्ति के चंद शब्द (3 मि. या कम)
गीत 35 और प्रार्थना