20-26 दिसंबर
न्यायियों 10-12
गीत 127 और प्रार्थना
सभा की एक झलक (1 मि.)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यिप्तह का यहोवा के साथ मज़बूत रिश्ता था”: (10 मि.)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (10 मि.)
न्या 11:1—यह क्यों कहा जा सकता है कि यिप्तह नाजायज़ औलाद नहीं था? (इंसाइट-2 पेज 26)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा, प्रचार सेवा और दूसरे मामलों के बारे में क्या सीखा?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि.) न्या 10:1-18 (जी-जान गुण 5)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (3 मि.) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव अपनाइए। (जी-जान गुण 1)
वापसी भेंट: (4 मि.) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर खुशी से जीएँ ब्रोशर दीजिए। (जी-जान गुण 4)
बाइबल अध्ययन: (5 मि.) खुशी ब्रोशर पाठ 02 मुद्दा 5 (जी-जान गुण 3)
जीएँ मसीहियों की तरह
मैंने जवानी में अपना जीवन यहोवा को समर्पित किया: (15 मि.) भाषण और थोड़े सवाल-जवाब। वीडियो दिखाइए। फिर सवाल कीजिए: माता-पिता और भाई-बहनों से सीखना क्यों ज़रूरी है? कम उम्र में यहोवा को अपना जीवन समर्पित करना क्यों अच्छा है? अगर आप यहोवा के संगठन में सेवा करने के लिए तैयार रहेंगे, तो क्या होगा?
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) बहाल अध्या 17 पै 15-21
समाप्ति के चंद शब्द (3 मि.)
गीत 55 और प्रार्थना