शब्दों की समझ
क्या आपमें विश्वास है?
यहोवा को खुश करने के लिए हममें विश्वास होना ज़रूरी है। लेकिन प्रेषित पौलुस ने कहा था कि “विश्वास हर किसी में नहीं होता।” (2 थिस्स. 3:2) उसने यह बात उन “खतरनाक और दुष्ट” लोगों के बारे में कही थी जो उस पर ज़ुल्म कर रहे थे। पर ऐसे और भी लोग हैं जिनमें विश्वास नहीं होता। जैसे कुछ लोग परमेश्वर को नहीं मानते, जबकि इस बात के साफ सबूत हैं कि कोई है जिसने सबकुछ बनाया है। (रोमि. 1:20) वहीं कुछ लोग मानते हैं कि एक शक्ति या ईश्वर है। लेकिन यहोवा को खुश करने के लिए सिर्फ इतना मानना काफी नहीं।
विश्वास होने के लिए ज़रूरी है कि हमें पूरा यकीन हो कि यहोवा सचमुच में है और वह “उन लोगों को इनाम देता है” जिन्हें उस पर पक्का विश्वास है। (इब्रा. 11:6) विश्वास, पवित्र शक्ति के फल का एक पहलू है। हम पवित्र शक्ति की मदद से ही अपने अंदर विश्वास बढ़ा सकते हैं। इसलिए यहोवा से प्रार्थना कीजिए और पवित्र शक्ति माँगिए। (लूका 11:9, 10, 13) पवित्र शक्ति पाने के लिए यह भी ज़रूरी है कि हम बाइबल पढ़ें। परमेश्वर ने अपनी पवित्र शक्ति के ज़रिए इसे लिखवाया है। इसलिए जब हम बाइबल पढ़ते हैं, उस पर गहराई से सोचते हैं और उसके हिसाब से चलते हैं, तो पवित्र शक्ति हम पर काम करती है। फिर हम ऐसी ज़िंदगी जी पाते हैं जिससे पता चलता है कि हममें विश्वास है। और हमारा यह विश्वास देखकर यहोवा खुश होता है।