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km 3/11 पेज 3-4

शासी निकाय का खत

यहोवा की सेवा करनेवाले हमारे प्यारे भाइयो:

हम ऐसे समय में जी रहे हैं जो बहुत खास है और हमारे पास खुश होने की बेहतरीन वजह है। आज स्वर्ग में रहनेवाले हमारे पिता यहोवा के बारे में जो शानदार गवाही देने का काम चल रहा है, उसमें आप प्यारे भाई-बहनों के साथ “कन्धे से कन्धा” मिलाकर काम करने में हमें वाकई बड़ी खुशी मिलती है!—सप. 3:9; यूह. 14:12.

हालाँकि यहोवा की सेवा में हमें खुशी मिलती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम पर कोई बड़ी समस्या नहीं आती। पिछले सेवा साल के दौरान आपमें से कुछ लोग भूकंप, बाढ़, तूफानों और दूसरे प्राकृतिक संकटों के शिकार हुए। (मत्ती 24:7) कई लोगों को हर रोज़ बीमारी और बुढ़ापे के बुरे असर का सामना करना पड़ता है। ये मुसीबतें अचानक हम पर उसी तरह आती हैं जैसे एक गर्भवती स्त्री पर “प्रसव पीड़ा।” (मत्ती 24:8) आर्मेनिया, एरिट्रीया, दक्षिण कोरिया और दूसरे कई देशों में हमारे भाइयों को अपने विश्‍वास की खातिर जेल भी जाना पड़ा है।—मत्ती 24:9.

इन मुश्‍किलों के बावजूद किस बात ने हमें एक अच्छा नज़रिया बनाए रखने में मदद दी है? सन्‌ 2010 का सालाना वचन हमें एक अहम बात याद दिलाता है कि ‘प्यार सबकुछ धीरज के साथ सह लेता है। प्यार कभी नहीं मिटता।’ (1 कुरिं. 13:7, 8) जी हाँ, यहोवा और एक-दूसरे के लिए प्यार हमें धीरज से मुसीबतों का सामना करने की ताकत देता है।

दुनिया भर में जिस तरह नियमित तौर पर प्रचार काम हो रहा है, उसे देखकर मसीही होने का दावा करनेवाले कई लोग चकरा जाते हैं। हालाँकि वे हमारे विश्‍वास और शिक्षाओं से सहमत नहीं होते, मगर फिर भी वे यह कहे बिना नहीं रह पाते कि “आप लोग जो काम कर रहे हैं, वह दरअसल हमें करना चाहिए!” ऐसी एक वजह क्या है कि यहोवा के साक्षी दिन-रात प्रचार काम कर पाते हैं? जवाब वही है, प्यार। स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता की तरह हम भी नहीं चाहते कि कोई नाश हो। (2 पत. 3:9) पिछले सेवा साल में 75,08,050 प्रकाशकों का नया शिखर बना। यह हमारे प्यार का सबूत है जो हम चाहते हैं कि सब पश्‍चाताप करके यहोवा की ओर फिरें। ऐसा कौन-सा दूसरा संगठन है जिसके इतने सारे लोग अपनी मरज़ी से दूसरों को आध्यात्मिक मदद देने में जुटे हैं?

हमें यशायाह की इस भविष्यवाणी को पूरा होते देखकर बड़ी खुशी होती है: “अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगे।” (यशा. 2:2-4) यहोवा के भवन में धारा की नाईं आनेवाली इस भीड़ में वे 2,94,368 लोग भी हैं, जिन्होंने पिछले सेवा साल में बपतिस्मा लिया। हम इन अनमोल भाई-बहनों का अपने संगठन में स्वागत करते हैं। ऐसा हो कि हमारा मसीही प्यार हमें इनकी मदद करने के लिए उभारे ताकि वे हमारे दुश्‍मन शैतान के हमलों का डटकर सामना कर सकें।—1 पत. 5:8, 9.

30 मार्च, 2010 को मंगलवार के दिन 1,87,06,895 लोग स्मारक में हाज़िर हुए थे, जो अब तक कि सबसे बड़ी संख्या है। तो हम देख सकते हैं कि यहोवा की उपासना में और भी लाखों लोग जुड़ेंगे। हम कितने खुश हैं कि यहोवा ने अब तक इस दुष्ट व्यवस्था का नाश नहीं किया! उस दिन के आने तक प्यार का गुण हमें धीरज धरते रहने में मदद देगा।—2 थिस्स. 3:5.

सन्‌ 2010 के दौरान पूरी दुनिया में “यहोवा के करीब बने रहिए!” ज़िला अधिवेशन आयोजित किए गए थे, जो स्वर्ग में रहनेवाले हमारे पिता यहोवा के साथ हमारे रिश्‍ते को और मज़बूत करने में बहुत मददगार साबित हुए। भजनहार के ये शब्द कितने सच हैं: “जिस राज्य का परमेश्‍वर यहोवा है, वह क्या ही धन्य है!” (भज. 144:15) हमारा भविष्य चाहे जो हो मगर हमें यह भरोसा है कि अगर यहोवा हमारी तरफ है तो हमें किसी बात से डरने की ज़रूरत नहीं। (भज. 23:4) जल्द ही यहोवा अपने बेटे के ज़रिए “शैतान के कामों को नष्ट कर” देगा। (1 यूह. 3:8) वाकई हम बेसब्री से उस दिन की आस देख रहे हैं! लेकिन इस बीच हमें बहुत-से काम करने हैं।—1 कुरिं. 15:58.

इस बात का भरोसा रखिए कि हम “लगातार” आपको अपनी प्रार्थनाओं में याद करते हैं। (रोमि. 1:9) ऐसा हो कि “हमेशा की ज़िंदगी” की आस में आप “हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया पाने का इंतज़ार” करते हुए “खुद को ऐसा इंसान बनाए रखो जिससे परमेश्‍वर प्यार करे।”—यहू. 21.

हम आप सभी से प्यार करते हैं!

आपके भाई,

यहोवा के साक्षियों का शासी निकाय

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