जॉर्जिया
प्यार के लिए सरहदें नहीं होतीं
सानेल के पैदा होने से काफी पहले ही डॉक्टरों ने उसके माता-पिता को बता दिया था कि अगर वह ज़िंदा पैदा हुई तो उसे सेहत से जुड़ी कई गंभीर समस्याएँ होंगी। जिस दिन सानेल पैदा हुई उसी दिन उसे ऑपरेशन की ज़रूरत पड़ी। उसके माता-पिता को ऐसा डॉक्टर नहीं मिल रहा था जो बगैर खून के उसका ऑपरेशन कर सके। वे आबखाज़ीया प्रांत में रहते थे जिसने खुद को जॉर्जिया से आज़ाद घोषित किया था।
सानेल के माता-पिता ने अपने इलाके की अस्पताल संपर्क समिति (एच.एल.सी.) से बात की।a इस समिति के भाइयों ने जल्द ही जॉर्जिया की राजधानी तिब्लिसी में एक डॉक्टर का पता लगाया जो बगैर खून के ऑपरेशन करने को तैयार था। यह जानकर सानेल के माता-पिता ने राहत की साँस ली। मगर सानेल की माँ उसे जन्म देने के बाद पूरी तरह ठीक नहीं हुई थी, इसलिए वह सफर नहीं कर सकती थी। यह फैसला किया गया कि सानेल की दादी और नानी उसे तिब्लिसी के अस्पताल में ले जाएँगी। वे दोनों यहोवा की साक्षी हैं।
ऑपरेशन बहुत मुश्किल था, मगर यह कामयाब रहा। कुछ समय बाद सानेल की दादी और नानी ने लिखा, “हम अस्पताल में 20 से ज़्यादा दिन रहे। उस दौरान जॉर्जिया के बहुत-से भाई-बहन हमसे मिलने आए और उन्होंने हमारी मदद की। कई लोगों ने हमसे हमदर्दी जतायी। हमने भाई-बहनों के प्यार के बारे में पढ़ा था, मगर अब हमने खुद उसे महसूस किया है।”
a जॉर्जिया में एच.एल.सी. के प्राचीनों ने 250 से ज़्यादा सर्जनों से संपर्क किया है, जो बगैर खून के ऑपरेशन करने को तैयार हैं।