लूका
अध्ययन नोट—अध्याय 8
प्रचार करता: मत 3:1 का अध्ययन नोट देखें।
मरियम जो मगदलीनी कहलाती थी: जिस औरत को अकसर मरियम मगदलीनी कहा जाता था, उसका पहली बार ज़िक्र यीशु की प्रचार सेवा के दूसरे साल के इस ब्यौरे में हुआ है। इसकी पहचान बताने के लिए इसका उपनाम मगदलीनी (मतलब “मगदला की रहनेवाली”) शायद मगदला से निकला है, जो गलील झील के पश्चिमी तट पर बसा एक नगर था। यह नगर कफरनहूम और तिबिरियास के लगभग बीच में था। माना जाता है कि मरियम, मगदला में पैदा हुई थी या उसका घर वहाँ था। मरियम मगदलीनी का ज़िक्र खासकर तब किया गया है जब यीशु की मौत हुई और उसे दोबारा ज़िंदा किया गया।—मत 27:55, 56, 61; मर 15:40; लूक 24:10; यूह 19:25.
योअन्ना: यह शब्द स्त्रीलिंग है और इब्रानी नाम यहोहानान का छोटा रूप है जिसका मतलब है, “यहोवा ने मदद की; यहोवा ने कृपा की।” योअन्ना उन औरतों में से एक थी जिन्हें यीशु ने ठीक किया था। योअन्ना का ज़िक्र मसीही यूनानी शास्त्र में सिर्फ दो बार आता है, और दोनों बार लूका की खुशखबरी की किताब में आता है।—लूक 24:10.
खुज़ा: हेरोदेस अन्तिपास के घर का प्रबंधक।
की सेवा करती थीं: या “की मदद करती (या ज़रूरत की चीज़ें मुहैया कराती) थीं।” यूनानी शब्द दीआकोनीयो का मतलब हो सकता है, दूसरों की खाने-पीने की ज़रूरतें पूरी करने के लिए काम करना, जैसे खाने-पीने की चीज़ें लाना, खाना पकाना और परोसना वगैरह। यही मतलब देने के लिए दीआकोनीयो शब्द का इस्तेमाल इन आयतों में हुआ है: लूक 10:40 (“सारा काम” करना), लूक 12:37 (“सेवा करेगा”), लूक 17:8 (“सेवा कर”) और प्रेष 6:2 (“खाना बाँटने”)। यहाँ बताया गया है कि आयत 2 और 3 में ज़िक्र की गयी औरतों ने किस तरह यीशु और उसके चेलों की मदद की ताकि वे परमेश्वर से मिला काम पूरा करने पर ध्यान दे सकें। ऐसा करके वे औरतें परमेश्वर की महिमा करती थीं और परमेश्वर ने भी उनके लिए कदरदानी दिखायी। उसने उनकी दरियादिली के काम बाइबल में दर्ज़ करवाए ताकि आनेवाली सभी पीढ़ियाँ उन्हें पढ़ सकें। (नीत 19:17; इब्र 6:10) यूनानी शब्द दीआकोनीयो मत 27:55; मर 15:41 में बतायी औरतों के सिलसिले में भी इस्तेमाल हुआ है।—लूक 22:26 का अध्ययन नोट देखें, जहाँ इससे संबंधित संज्ञा दीआकोनोस के बारे में बताया गया है।
मिसाल: मत 13:3 का अध्ययन नोट देखें।
ज़मीन पर: मत 13:5 का अध्ययन नोट देखें।
काँटों में: मत 13:7 का अध्ययन नोट देखें।
पवित्र रहस्यों: मत 13:11 का अध्ययन नोट देखें।
दीपक: मत 5:15 का अध्ययन नोट देखें।
भाई: मत 12:46 का अध्ययन नोट देखें।
मेरी माँ और मेरे भाई: यहाँ यीशु अपने चेलों को भाई कहकर उनके और अपने भाइयों के बीच फर्क बता रहा था। ज़ाहिर है कि उसके भाई उस पर विश्वास नहीं करते थे। (यूह 7:5) इस तरह वह दिखा रहा था कि जो परमेश्वर का वचन सुनते और उस पर चलते हैं, उनके और उसके बीच का रिश्ता, सगे-संबंधियों से कहीं ज़्यादा मज़बूत है।
उस पार: यानी गलील झील का पूर्वी किनारा।
भयंकर तूफान: इन शब्दों के लिए यूनानी में दो शब्द हैं जिनका शाब्दिक अनुवाद इस तरह किया जा सकता है: “एक भयानक आँधी।” (मर 4:37 का अध्ययन नोट देखें।) गलील झील में ऐसी आँधी आना आम है। यह झील समुद्र-तल से करीब 690 फुट (210 मी.) नीचे है और उसके ऊपर की हवा का तापमान आस-पास के पहाड़ों और पठारों के तापमान से ज़्यादा रहता है। इन वजहों से वहाँ का वातावरण गड़बड़ा जाता है और तेज़ हवाएँ चलने लगती हैं जिससे लहरों में उफान उठने लगता है।
गिरासेनियों: मर 5:1 का अध्ययन नोट देखें।
गिरासेनियों के इलाके: गलील झील के उस पार यानी पूर्वी तट का इलाका। यह इलाका कहाँ तक फैला था, इसकी कोई जानकारी नहीं है। हालाँकि कई लोग इस जगह की पहचान बताते हैं, लेकिन इसका कोई पक्का सबूत नहीं है। कुछ लोग कहते हैं कि आज कुरसी नाम की जगह के आस-पास जो इलाका है, वही ‘गिरासेनियों का इलाका’ था। (कुरसी, गलील झील के पूर्वी तट पर खड़ी ढलान के पास है।) दूसरे कहते हैं कि ‘गिरासेनियों का इलाका’ एक बड़ा ज़िला था जो गेरासा (जराश) शहर के चारों तरफ फैला हुआ था। गेरासा गलील झील से 55 कि.मी. (34 मील) दूर दक्षिण-पूरब में था। मत 8:28 में इसे ‘गदरेनियों का इलाका’ कहा गया है। (मत 8:28; मर 5:1 के अध्ययन नोट देखें।) हालाँकि अलग-अलग नाम इस्तेमाल हुए हैं, मगर एक ही इलाके की बात की गयी है जो गलील झील के पूर्वी तट पर था। शायद कुछ जगह ऐसी थीं जो दोनों इलाकों में पड़ती थीं। इसलिए कहा जा सकता है कि तीनों ब्यौरों में दी जानकारी अलग-अलग नहीं है।—अति. क7, नक्शा 3ख, “गलील झील के पास” और अति. ख10 भी देखें।
एक आदमी . . . जिसमें दुष्ट स्वर्गदूत समाए थे: मत्ती (8:28) में दो आदमियों का ज़िक्र है, जबकि मरकुस (5:2) और लूका में सिर्फ एक आदमी का। ज़ाहिर है कि मरकुस और लूका ने सिर्फ एक आदमी का ज़िक्र इसलिए किया क्योंकि यीशु ने उससे बात की और उसकी हालत अनोखी थी। वह शायद ज़्यादा खूँखार था या लंबे समय से दुष्ट स्वर्गदूत के कब्ज़े में था। यह भी हो सकता है कि जब यीशु ने दोनों आदमियों को ठीक किया तो उनमें से सिर्फ एक ने यीशु के साथ चलने की इच्छा ज़ाहिर की।—लूक 8:37-39.
कब्रों: मत 8:28 का अध्ययन नोट देखें।
मेरा तुझसे क्या लेना-देना?: मर 5:7 का अध्ययन नोट देखें।
मुझे . . . तड़पा: इनसे जुड़ा यूनानी शब्द मत 18:34 में “जेलरों” के लिए इस्तेमाल हुआ है। इससे पता चलता है कि यहाँ शब्द ‘तड़पाने’ का मतलब बाँधना या फिर “अथाह-कुंड” में कैद करना हो सकता है, जैसा कि लूक 8:31 में बताया गया है।—मत 18:34 का अध्ययन नोट देखें।
पलटन: मर 5:9 का अध्ययन नोट देखें।
अथाह-कुंड: या “गहराई।” इसके यूनानी शब्द एबिसोस का मतलब है, “बहुत गहरा” या “जिसकी कोई थाह या सीमा नहीं।” यह शब्द कैद होने की हालत या ऐसी जगह के लिए इस्तेमाल हुआ है जहाँ किसी को कैद किया जाता है। यह शब्द मसीही यूनानी शास्त्र में नौ बार आया है: इस आयत में, रोम 10:7 में और सात बार प्रकाशितवाक्य की किताब में। प्रक 20:1-3 में लिखा है कि भविष्य में शैतान को एक हज़ार साल के लिए अथाह-कुंड में डाल दिया जाएगा। शायद इसी बात को ध्यान में रखकर स्वर्गदूतों की पलटन ने यीशु से बिनती की कि वह उन्हें “अथाह-कुंड में” न भेजे। जैसे आयत 28 में लिखा है, इनमें से एक स्वर्गदूत ने यीशु से कहा कि वह उसे न ‘तड़पाए।’ इसके मिलते-जुलते ब्यौरे मत 8:29 में स्वर्गदूतों ने यीशु से कहा, “क्या तू तय किए गए वक्त से पहले हमें तड़पाने आया है?” इसका मतलब, जब दुष्ट स्वर्गदूतों ने ‘तड़पाने’ की बात की तो वे शायद “अथाह-कुंड” में कैद किए जाने से डर रहे थे।—शब्दावली और मत 8:29 का अध्ययन नोट देखें।
सूअर: कानून के मुताबिक सूअर अशुद्ध जानवर माने जाते थे (लैव 11:7), मगर दिकापुलिस के इलाके में बहुत-से गैर-यहूदी रहते थे और उनके यहाँ इस जानवर का गोश्त बिकता था। यूनानी और रोमी लोगों को यह गोश्त बहुत पसंद था। क्या ‘सूअर चरानेवाले’ यहूदी थे जो कानून तोड़ रहे थे, इस बारे में बाइबल कुछ नहीं बताती।—लूक 8:34.
परमेश्वर ने जो कुछ तेरे लिए किया है, वह सबको बताता रह: आम तौर पर यीशु यह हिदायत देता था कि उसके चमत्कारों के बारे में किसी को न बताया जाए (मर 1:44; 3:12; 7:36; लूक 5:14), मगर यहाँ उसने इस आदमी से कहा कि वह जाकर अपने रिश्तेदारों को बताए कि उसके साथ क्या हुआ है। यीशु ने शायद ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसे उस इलाके से चले जाने को कहा गया था और इस वजह से उसे लोगों को गवाही देने का मौका नहीं मिलता। साथ ही, उस आदमी के ऐसा करने से सूअरों के नाश होने की खबर सुनकर लोगों में खलबली नहीं मचती।
पूरे शहर: इसके मिलते-जुलते ब्यौरे मर 5:20 में लिखा है, “दिकापुलिस में।” तो फिर यहाँ जिस शहर की बात की गयी है, वह शायद दिकापुलिस के इलाके का एक शहर था।—शब्दावली में “दिकापुलिस” देखें।
इकलौती: यूनानी शब्द मोनोजीनेस का अनुवाद आम तौर पर “इकलौता” किया गया है और इसका मतलब है, “उसके जैसा और कोई नहीं; एक अकेला; किसी वर्ग या जाति का एकमात्र या अकेला सदस्य; अनोखा।” यह शब्द बेटे या बेटी का माता-पिता के साथ रिश्ता समझाने के लिए इस्तेमाल होता है। इस संदर्भ में इस शब्द का मतलब है, इकलौता बच्चा। यही यूनानी शब्द नाईन की विधवा के बेटे के लिए इस्तेमाल हुआ जो उसका “अकेला बेटा” था। (लूक 7:12) यह शब्द उस लड़के के लिए भी इस्तेमाल हुआ जिसके बारे में कहा गया है कि वह अपने पिता का “एक ही” बेटा था और जिसमें से यीशु ने दुष्ट स्वर्गदूत को निकाला था। (लूक 9:38) यूनानी सेप्टुआजेंट में शब्द मोनोजीनेस यिप्तह की बेटी के लिए इस्तेमाल हुआ है, जिसके बारे में लिखा है, “वह उसकी इकलौती औलाद थी, उसके सिवा यिप्तह के न तो कोई बेटा था न बेटी।” (न्या 11:34) प्रेषित यूहन्ना की किताबों में मोनोजीनेस पाँच बार यीशु के लिए इस्तेमाल हुआ है।—यीशु के सिलसिले में इस शब्द का मतलब जानने के लिए यूह 1:14; 3:16 के अध्ययन नोट देखें।
खून बहने की बीमारी: मत 9:20 का अध्ययन नोट देखें।
बेटी: मर 5:34 का अध्ययन नोट देखें।
अब और चिंता मत करना: मर 5:34 का अध्ययन नोट देखें।
मरी नहीं बल्कि सो रही है: मर 5:39 का अध्ययन नोट देखें।
जान: या “जीवन-शक्ति; साँस।” यहाँ यूनानी शब्द नफ्मा का शायद मतलब है, इंसानों और जानवरों की जीवन-शक्ति या साँस।—मत 27:50 का अध्ययन नोट देखें।