दाख-मदिरा रखने के लिए मशकें
मशक आम तौर पर भेड़-बकरी जैसे पालतू जानवर की खाल से बनायी जाती थी। मरे हुए जानवर का सिर और पैर काट दिए जाते थे। फिर पूरी खाल बड़ी सावधानी से उतारी जाती थी ताकि पेट की तरफ चीरा न लगाना पड़े। खाल को कमाने के बाद उसके खुले हुए हिस्सों को सिल दिया जाता था, सिर्फ गरदन या एक पैर का हिस्सा खुला छोड़ दिया जाता था ताकि वह मशक का मुँह बन सके। मुँह बंद करने के लिए या तो उसमें कुछ लगाया जाता था या उसे डोरी से बाँध दिया जाता था। मशकों में दाख-मदिरा के अलावा, दूध, मक्खन, पनीर, तेल या पानी भी रखा जाता था।
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