जूतियाँ
बाइबल के ज़माने में जूतियाँ सैंडल की तरह होती थीं। उनका तला चमड़े, लकड़ी या किसी रेशेदार चीज़ से बना होता था। जूतियों में चमड़े के फीते होते थे जिनसे इन्हें पैरों में बाँधा जाता था। जूतियाँ कुछ किस्म के लेन-देन की निशानी के तौर पर इस्तेमाल की जाती थीं या फिर कोई बात समझाने के लिए उनकी मिसाल दी जाती थी। उदाहरण के लिए, कानून का पालन करते हुए एक विधवा उस आदमी की जूती उतार देती थी, जो उसके साथ देवर-भाभी विवाह करने से इनकार कर देता था। ऐसे आदमी का अपमान करने के लिए कहा जाता था, “उसका घराना जिसकी जूती उतार दी गयी है।” (व्य 25:9, 10) जब कोई अपनी संपत्ति दूसरे के नाम करता था या छुड़ाने का अपना हक दूसरे को देता था तो निशानी के तौर पर वह अपनी जूती उतारकर उसे दे देता था। (रूत 4:7) किसी की जूतियों के फीते खोलना या उन्हें उठाना छोटा काम माना जाता था, जो अकसर एक गुलाम करता था। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने इस रिवाज़ का ज़िक्र यह बताने के लिए किया कि वह मसीह की तुलना में छोटा है।
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