अंजीर का पेड़, अंगूर की बेल और कँटीली झाड़ी
इसमें कोई शक नहीं कि यीशु बहुत सोच-समझकर तय करता होगा कि वह किन पेड़-पौधों की मिसाल देगा। जैसे, अंजीर के पेड़ (1) और अंगूरों की बेल (2) का ज़िक्र बाइबल में कई बार एक-साथ किया गया है। (2रा 18:31; योए 2:22) और लूक 13:6 में यीशु के शब्दों से पता चलता है कि अंजीर के पेड़ अकसर अंगूरों के बाग में लगाए जाते थे। ‘अपनी अंगूरों की बेल और अपने अंजीर के पेड़ तले बैठना,’ इन शब्दों का मतलब है शांति, खुशहाली और सुरक्षा। (1रा 4:25; मी 4:4; जक 3:10) दूसरी तरफ, काँटे और कँटीली झाड़ियों का ज़िक्र तब किया गया है जब यहोवा ने आदम के पाप करने के बाद ज़मीन को शाप दिया। (उत 3:17, 18) यीशु ने मत 7:16 में किस तरह की कँटीली झाड़ियों का ज़िक्र किया, यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता। लेकिन यहाँ तसवीर में जिस तरह का कँटीला पौधा (सेंटौरीया इबैरिका) दिखाया गया है (3), वह इसराएल में उगनेवाला एक जंगली पौधा है।
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