जुए के नए भरती युवजन!
क्या आप अविश्वास से अपना सर हिलाते हैं कि वयस्क जनसंख्या, पुरुष और स्त्री दोनों किस हद तक जुएबाज़ी के दलदल में फँसे हुए हैं? क्या आपको इस बात का अनुमान लगाना कठिन लगता है जब आप वयस्क जुआरियों को अपने जीवन के काम और उपलब्धियों को—नौकरी, व्यवसाय, परिवार, और कुछ लोगों के लिए, अपना जीवन—जुए के लिए बलिदान करते हुए पढ़ते हैं? क्या आप एक प्रौढ़, शिक्षित वयस्क की तर्कबुद्धि को समझ सकते हैं जो जुए में $१५ लाख जीतने के बाद उसी रात $७० लाख हारने तक खेलता रहा? अनेक मामलों में यह लालच है, उस पकड़ में न आनेवाले डॉलर के पीछे दौड़। लेकिन अकसर, वह सिर्फ़ जुआ खेलने की उत्तेजना है।
यदि आप माता-पिता हैं जिनके छोटे बच्चे हैं, तो क्या आप इस विचार से सांत्वना प्राप्त करते हैं कि जुआ एक प्रौढ़ वयस्क का खेल है? तो दोबारा सोचिए। उन नए जवान भरतियों के बारे में विचार कीजिए जो खेल में भाग लेने के लिए तैयार हैं—या खेल के मैदान में उतर चुके हैं। तथ्य शायद आपको चकित कर दें।
हाल के समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में लेखों के निम्नलिखित शीर्षक छपे: “काफ़ी संभावनाएँ हैं कि जुआ किशोरों के नब्बेआदि का दुराचरण होगा।” “अधिक युवक जुएबाज़ बन रहे हैं।” “नब्बेआदि का नशा: जुआ बच्चों को फँसाता है।” “मेरा बेटा जुआ खेलना बन्द नहीं कर सका।”
अब शीर्षकों के नीचे पढ़िए। “अधिकारी मुख्यतः संकट का दोष सरकार और गिरजे द्वारा प्रायोजित जुए के प्रफलन पर लगाते हैं,” एक समाचारपत्र ने लिखा। “आज दाँव लगाना नाज़ुक युवा लोगों के लिए पहले से कहीं ज़्यादा आसान है। और विशेषज्ञ चिताते हैं कि ९० प्रतिशत से अधिक मनोग्रस्त वयस्क जुआरी इस आदत को १४ वर्ष के होने से पहले अपना लेते हैं।” “ऐसा होता था कि ज़्यादातर मनोग्रस्त जुआरी क़रीब १४ की आयु में जुआ खेलना शुरू करते थे। अब हम उस आयु को घटाकर ९ या १० होते हुए देख रहे हैं,” दूसरे शोधकर्ता ने कहा। “क्यों? क्योंकि अवसर है,” उसने आगे जोड़ा। “बच्चों . . . पर हर जगह जुए के विज्ञापनों की बमवर्षा हो रही है। यह सामाजिक तौर पर स्वीकार्य उत्तेजना है।” “यह बहुत तेज़ी से बदतर होता जा रहा है,” जुआरी बेनाम नामक एक समूह के एक प्रवक्ता ने कहा। “बच्चे कम और कम आयु में शुरू कर रहे हैं, और पहले से कहीं ज़्यादा बच्चे अब इस फंदे में फँस रहे हैं।”
एक अमरीकी राज्य में किशोर जुआरियों के एक अध्ययन के अनुसार, क़रीब ३.५ प्रतिशत संभाव्य मनोग्रस्त जुआरी थे; और ९ प्रतिशत किशोरों की कुछ भी दाँव पर लगानेवाले जुआरी बनने की संभावना थी। एक अमरीकी कॉलेज की परामर्श सेवाओं के समन्वयक, विलियम सी. फिल्लिपस् ने कहा, “सामान्यतः आँकड़ों ने दिखाया है कि युवाओं के बीच, आम वयस्क जनसंख्या से ज़्यादा जुआ खेलने के ऊँचे दाँव हैं।” लत के एक अन्य सलाहकार ने कहा, “हम अगले दशक या उसके क़रीब नशीले पदार्थों के प्रयोग—ख़ास तौर पर ग़ैरक़ानूनी नशीले पदार्थों के प्रयोग—से ज़्यादा युवाओं के बीच जुआ खेलने की समस्याओं का सामना करेंगे।” प्रोफ़ॆसर हेन्री लेस्योर ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों का एक अध्ययन किया। द लास ऐंजॆलिस टाइम्स् (अंग्रेज़ी) ने रिपोर्ट किया कि “उनके निष्कर्ष आश्चर्यजनक रूप से कॉलेज छात्रों के अध्ययन से निकले निष्कर्ष के समान हैं: ‘वैकृत’ या ‘मनोग्रस्त’ जुआरियों—ऐसे लोग जिन्होंने अपनी जुआ गतिविधि पर नियंत्रण खो दिया है—में गिने जानेवाले युवाओं का औसत विश्व-भर की किशोर जनसंख्या का लगभग ५ प्रतिशत है।”
जुआ चिकित्सक सहमत हैं कि युवा जुआरियों की संख्या उन्हें उतना चिन्तित नहीं करती जितना कि “बच्चों, माता-पिताओं और यहाँ तक कि शिक्षकों की किशोर जुआ खेलने के बारे में मनोवृत्ती। . . . अनेक बच्चे और उनके माता-पिता जुआ खेलना एक ‘अहानिकर मनबहलाव’ मानते हैं, जिसके परिणाम नशीले पदार्थों और मदिरा का सेवन या हिंसा अथवा स्वछंद संभोग में भाग लेने से काफ़ी कम गंभीर हैं।” लेकिन व्यवहार सलाहकार, ड्युरैंट जेकब्ज़ ने चिताया कि जुआ खेलना युवजनों को अपराध, आवारापन, और बिना मेहनत के पैसे की इच्छा के प्रभाव में डाल सकता है।
उदाहरण के लिए, एक उच्च विद्यालय के छात्र के बारे में विचार कीजिए जिसने कम उम्र में जुआ खेलना शुरू किया। स्कूल में रहते वक़्त उसने अपने स्कूल के समय में से बहुत समय दूसरे छात्रों के साथ जुआ खेलने में बिताया। जब वह हार जाता और उसके जेबख़र्च के पैसे ख़त्म हो जाते तब वह उन पैसों में से चुराता जो छात्रों ने ज़रूरतमंद परिवारों के लिए भोजन ख़रीदने के लिए दान किए गए थे। चुराए हुए पैसे से जुआ खेलने के द्वारा वह अपने ही परिवार के टेलिविज़न और एक सुलेमानी अंगूठी वापस ख़रीदने की आशा करता था जिसे उसने जुआ खेलने के कारण हुए कर्ज़ को चुकाने के लिए गिरवी रखा था। जब तक वह नवीं कक्षा में पहुँचा तब तक वह $१,५०० चुराने के लिए एक किशोर सुधार केंद्र में २० दिन बिता चुका था और ताश के खेल के दाँव में और बिलियर्ड के हर खेल पर $५ के दाँवों में उलझा हुआ था। “जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ दाँव की रक़म बढ़ती गई,” उसने कहा। जल्द ही वह अपने जुए के कर्ज़ को चुकाने के लिए अपने पड़ोसियों से चुरा रहा था। उसकी माँ हताश थी। १८ वर्ष की आयु तक वह एक मनोग्रस्त जुआरी बन चुका था।
इंग्लैंड में समाजशास्त्री कहते हैं, अकठोर जुआ संबंधी नियम बच्चों को स्लॉट मशीन पर खेलने की अनुमति देते हैं। हवाई-अड्डों और मनोरंजन केन्द्रों पर बड़ी संख्या में बच्चे अपने माता-पिता से चुराकर और उठाईगीरी करने के द्वारा अपनी लत को बनाए रखते हैं।
“युवजनों के बीच, माध्यमिक विद्यालय, उच्च विद्यालय और कॉलेज कैम्पसों में सबसे लोकप्रिय और तेज़ी से बढ़नेवाला जुआ खेलने का तरीक़ा है [छात्रों में] आपस में खेलों पर शर्त लगाना, जो कभी-कभी स्थानीय दाँव बिचवइयों से समर्थित होता है,” जेकब्ज़ ने कहा। “मैं अनुमान लगाता हूँ कि बहुत ही कम उच्च विद्यालय और कॉलेज कैम्पस हैं जहाँ सुव्यवस्थित और उच्च दाँव वाले दाँव लगाने की व्यवस्थाएँ न हों।” इसके साथ ताश के खेल, लॉटरियाँ और कैसीनो भी हैं जहाँ अनेक किशोर प्रवेश कर पाते हैं क्योंकि वे अपनी उम्र से ज़्यादा के लगते हैं।
“एक और महत्त्वपूर्ण बात जिसे बताया जाना चाहिए,” जेकब्ज़ ने कहा, “यह है कि अधिकांश लोग मनोग्रस्त जुआरी बन गए क्योंकि जब किशोरों के तौर पर उन्होंने शुरू किया तब वे जीतते थे।” “उसने कहा, युवा लोगों में से एक ‘विस्मयकारी बहुमत,’ का जुए से परिचय उनके माता-पिताओं द्वारा या रिश्तेदारों द्वारा कराया गया जो उसे मज़ा और खेल के तौर पर अनदेखा करते थे,” द लास ऐंजॆलिस टाइम्स् (अंग्रेज़ी) ने आगे बताया। नशीले पदार्थों के दुष्प्रयोग के एक अन्य सलाहकार ने इसका समर्थन किया: “माता-पिताओं को उसी पुराने विषय पर विचार करना है जिसका वे मदिरा और नशीले पदार्थों के संबंध में सामना करते थे। मैं सिर्फ़ यह सोचता हूँ कि जितना ज़्यादा आप जुए के खेल को विस्तृत करेंगे, मनोग्रस्त जुआ खेलनेवालों के संघ में उतने ही नए जन भरती होंगे।” विशेषज्ञ जो मनोग्रस्त जुआरियों की चिकित्सा करते हैं, कहते हैं कि नशीले पदार्थों और मदिरा की तरह, जब जुए की लत लग जाती है तब अधिकाधिक युवजन अपनी लत को चोरी करने, नशीले पदार्थों को बेचने, और अपने आप को वेश्यागामी में शामिल करने के द्वारा बनाए रखते हैं। माता-पिता जुए को शायद “मज़ा और खेल” समझें लेकिन पुलिस अधिकारी ऐसा नहीं समझते।
“बच्चे जो स्लॉट मशीनों की लत में पड़ गए . . . उन्होंने वयस्क मनोग्रस्त जुआरियों के सभी हानिकारक गुणों को प्रदर्शित किया। युवजन जो इन स्लॉट मशीनों की लत में पड़ गए उन्होंने शायद ९ या १० की आयु में शुरू किया होगा। उन्होंने अपने जेबख़र्च के पैसे, स्कूल में खाना खाने के पैसे, और घर में इधर-उधर पड़े पैसे का प्रयोग किया। एक या दो साल के बीतने पर लड़के चीज़ें चुराने लगे। बच्चे के अपने कमरे से सब कुछ बेच दिया जाता, बैट, किताबें, रिकार्ड प्लेयर जैसे ख़ज़ाने भी: और वे दूसरे बच्चों के खिलौनों को भी चुराते। घर में कुछ भी सुरक्षित नहीं था। मूडी ने निराश माताओं के बारे में सुना जो अपनी संपत्ति एक कमरे में इकट्ठी करतीं ताकि उनकी रखवाली कर सकें, या जिनको सोते वक़्त अपने हैन्डबैग चादर के नीचे छुपाना पड़ता था। हताश, ऐसी माताएँ इस बात को नहीं समझ सकीं कि उनके बच्चों के साथ क्या हो रहा था ठीक वैसे ही जैसे कोयल द्वारा चुरायी गयी चिड़िया को कुछ मालूम नहीं पड़ता। बच्चे फिर भी कहीं न कहीं से चुरा ही लेते हैं। सोलह साल की उम्र तक, पुलिस दरवाज़े पर खटखटा रही होती।”—डेविड स्पैनियर द्वारा आसान पैसा: जुआरी के मन में (अंग्रेज़ी)।
जैसे इन लेखों में दिखाया गया है, अनेक वयस्क और युवजन अपने गिरजों द्वारा जुए के खेल से परिचित हुए हैं—बिंगो, लॉटरियाँ, इत्यादि। क्या धार्मिक संस्थाओं और उनके अगुओं को, जो मसीह के अनुयायी होने का दावा करते हैं, किसी भी तरह के जुए को प्रोत्साहित करना, बढ़ावा देना, और उकसाना चाहिए? निश्चित ही नहीं! जुआ खेलना उसके सब पहलुओं में, मनुष्यों की सबसे बुरी आदतों में से एक को बढ़ावा देता है, बिना कुछ ख़र्च किए कुछ पाने की इच्छा, या ज़्यादा साफ़-साफ़ कहा जाए तो, लोभ। जो उसको बढ़ावा देते हैं वे लोगों को यह विश्वास करने का प्रोत्साहन देते हैं कि दूसरों की हानि से लाभ उठाना सही है। क्या यीशु ऐसे कार्य को बढ़ावा देता जब यह परिवारों को तोड़ता है, और शर्म, बिगड़ा हुआ स्वास्थ्य तथा स्वयं अपने जीवन के नाश में परिणित होता है? कभी नहीं! इसके बजाय, परमेश्वर का उत्प्रेरित वचन स्पष्ट करता है कि लोभी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे।—१ कुरिन्थियों ६:९, १०.
माता-पिताओं को छोटी उम्र से ही अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि किसी भी तरह का जुआ ग़लत है। उसे मज़ा और खेल की तरह मत मानिए परन्तु आलसीपन, झूठ बोलना, ठगना और बेईमानी की शुरूआत मानिए। अनेक शहरों में, जुआरी बेनाम जैसे सहायता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इससे भी महत्त्वपूर्ण, यदि आपको कोई समस्या है तो परमेश्वर के वचन, बाइबल में पाई गई उत्प्रेरित सलाह को ढूँढिए। कुछ लोग जिन्होंने आत्महत्या के बारे में विचार किया है कहते हैं कि वे अब ऐसी उत्प्रेरित सलाह की वजह से ही जीवित हैं।
दिलचस्पी की बात है कि यहोवा के साक्षियों ने अनेक लोगों को मनोग्रस्त जुए के फंदे से बच निकलने में मदद की है। एक ऐसा भूतपूर्व मनोग्रस्त जुआरी ने अनेक साल दुराचरण में, जिसमें बहुत ज़्यादा जुआ खेलना भी शामिल था, उलझे रहने के बाद लिखा, “जैसे-जैसे मेरी सखी और मैं ने यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन किया, आचरण में तुरन्त और नाटकीय बदलाव होने लगे। जुआ एक व्यसनकारी शक्ति थी, और उसे क़ाबू में रखना बहुत ही मुश्किल साबित हुआ। यहोवा की सहायता से और मेरी सखी के सहयोग से—साथ ही ख़ास तौर पर लोभ के बारे में परमेश्वर के दृष्टिकोण पर अध्ययन, प्रार्थना, और मनन—यह जुआ खेलने की लत नियंत्रण के अधीन हो गयी। दोनों, मेरी सखी, जो अब ३८ सालों से मेरी पत्नी है, और मैं ने अपना जीवन यहोवा को समर्पित किया। हालाँकि हम ने वहाँ सेवा की है जहाँ ज़रूरत ज़्यादा है और सालों से पूर्ण-समय सेवकाई की है तथा वॉचटावर संस्था के एक सफ़री प्रतिनिधि के तौर पर सेवा की है, मेरी लत अब भी मौजूद है और केवल यहोवा की मदद और मार्गदर्शन से ही नियंत्रित है।”
यदि जुआ आपके लिए एक समस्या है, तो क्या आप इस लत से छुड़ाए जा सकते हैं? जी हाँ, यदि आप परमेश्वर की मदद का फ़ायदा उठाते रहेंगे और इसे दूसरों को पेश करते रहेंगे जिनको शायद इसकी ज़रूरत है।
[पेज 9 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
जल्द ही युवजनों के जुए खेलने से परिणित समस्याएँ नशीले पदार्थों की समस्याओं से ज़्यादा होंगी
[पेज 11 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
लोभी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे
[पेज 10 पर बक्स]
लास वेगास कैथोलिक चर्च में जुए के चिप्प स्वीकृत
परम पवित्र उद्धारकर्ता के चर्च में भेंट करनेवाले अकसर पादरी से पूछते हैं: “फ़ादर, क्या आप मेरी जीत के लिए प्रार्थना करेंगे?”
संसार-भर से करोड़ों लोग हर साल अपनी क़िस्मत आज़माने के लिए लास वेगास, नेवेडा, अमरीका आते हैं। रोमन कैथोलिक चर्च के इस मद्धिम प्रकाशवाले गिरजे में, जहाँ यीशु के जन्म की, आख़री भोज की, और क्रूस पर चढ़ाए जाने की भव्य कांस्य मूर्तियाँ दीवारों पर लगी हैं, जुए से प्राप्त पैसों का लोग इस्तेमाल करते हैं। उपासक कैसीनो के चिप्प दान-पात्र में डालते हैं।
“कभी-कभी हम एक $५०० का चिप्प किसी पात्र में पाते हैं,” इस गिरजे के फ़ादर लीयरी एक नरम आयरलैंड के लहज़े में बोले।
लास वेगास व्यवसाय क्षेत्र के उत्तर में एक रोमन कैथोलिक गिरजे ने दशकों तक उपासकों के लिए कार्य किया, लेकिन जब संसार के सबसे बड़े कैसीनो होटलों में से चार—एम.जी.एम. ग्रैंड, लक्ज़र, एक्सकैलिबर, और ट्रौपीकाना—उस व्यवसाय क्षेत्र के दक्षिणी सिरे पर बनाए गए, तो परम पवित्र उद्धारकर्ता का नया गिरजा सिर्फ़ एक ब्लाक छोड़कर बनाया गया।
जब पादरी से पूछा गया कि ऐसा क्यों किया गया, उसने कहा: “क्यों नहीं? वहीं तो लोग होते हैं।”
वहीं पर पैसा भी है। तो क्यों नहीं?
लोभी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे
[पेज 9 पर तसवीर]
जुआ खेलना बुरी संगति की ओर ले जाता है