कष्ट से मुक्त परादीस—सिर्फ़ एक सपना?
“यहाँ कितनी शांति है!” आइडाहो राज्य, अमरीका में रॆडफ़िश झील के ऊपर चीड़ के जंगल से दिखनेवाला नज़ारा वाक़ई ख़ुशनुमा था। एक यात्री ने कहा, “ये बिलकुल मेरे सपनों के परादीस की तरह है।”
साइप्रस के मॆडिटिरेनियन द्वीप के दक्षिणी तट पर सूरज तेज़ी-से चमक रहा था। लहरें किनारे से धीरे-धीरे टकरा रही थीं। चोटी पर बने एक रेस्तरां में बैठकर इस नज़ारे को देख रहे एक यात्री ने कहा: “यह परादीस है!”
हममें से बहुत लोगों के पास ऐसे नज़ारों की सुनहरी यादें होंगी। लेकिन रहनेवाले जानते हैं कि परादीसीय वातावरण रोज़मर्रा जीवन की कड़वी सच्चाइयों को अकसर एक धोखा साबित करता है: रॉकी माउन्टेन की पेड़ों से भरी तलहटियों में लगनेवाली जंगल की आग, समुद्र का प्रदूषण जो मछलियों को नुक़सान पहुँचाता है और अंततः मनुष्यों को—साथ ही घातक अंतर्राष्ट्रीय और अंतरजातीय झगड़ों का तो कहना ही क्या।
परादीस—यह क्या है?
आप परादीस की कल्पना कैसे करते हैं? द न्यू शॉर्टर ऑक्सफर्ड इंग्लिश डिक्शनरी अपनी पहली परिभाषा ऐसे देती है: “उत्पत्ति २, ३ में बतायी गयी अदन की बाटिका की तरह।” यह बाइबल की पहली किताब में बताए गए उस क्षेत्र की ओर इशारा करती है, जिसमें परमेश्वर ने पहले पुरुष, आदम को बसाया था। इस असली परादीस में ऐसे पेड़ बहुतायत में उगते थे जो “देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे” थे।—उत्पत्ति २:९.
वह डिक्शनरी अपनी दूसरी परिभाषा में “परादीस” को “मसीही और मुस्लिम धर्मविज्ञान में, स्वर्ग” के साथ जोड़ती है। लेकिन आगे कहती है: “यह अब मुख्यतः काव्यात्मक है।” लेकिन हमारे यात्रियों और सैलानियों के लिए परादीस “बेहद ख़ूबसूरत और ख़ुशी की एक जगह” था, जो डिक्शनरी की तीसरी परिभाषा है।
सोलहवीं शताब्दी के ब्रिटेनवासी राजनेता सर थॉमस मोर ने एक किताब लिखी जिसका शीर्षक था यूटोपिया, जिसमें उन्होंने एक काल्पनिक देश का वर्णन किया जहाँ कानून, सरकार और सामाजिक परिस्थितियाँ परिपूर्ण थीं। यह वर्णन इतना अवास्तविक लगता है कि आज वॆब्स्टर्स न्यू कॉलिजिएट डिक्शनरी “यूटोपिया” की अपनी एक परिभाषा में इसे “समाज सुधार के लिए एक अव्यावहारिक योजना” बताती है।
पीपल्स् टेम्पल पंथ के नेता जिम जोन्स के अनुयायियों के लिए यूटोपिया का अर्थ था गयाना के जंगलों के बीच एक जगह। दुःख की बात है कि १९७८ में यह जगह जिसे परादीस समझा गया था, उनमें से ९०० से ज़्यादा लोगों का क़ब्रिस्तान बन गयी—सचमुच एक ख़ौफ़नाक सपना! इसका नतीजा यह होता है कि कभी-कभी लोग परादीस की बात को अजीबो-ग़रीब पंथों के साथ जोड़ देते हैं, ऐसे पंथ जिनके रीति-रिवाज़ दहशत फैलाते और कष्ट देते हैं।
ऐसे संसार में जहाँ अपराध और हिंसा का ख़तरा है, जहाँ बीमारी बड़ों और बच्चों दोनों को शिकार बनाती है और जहाँ नफ़रत और धार्मिक मतभेद समाज में फूट पैदा करते हैं, ऐसी जगह में सुंदर नज़ारे मात्र ऊपरी दिखावे के सिवाय और कुछ नहीं। इसमें कोई ताज्जुब नहीं कि लोगों के विचार में परादीस मात्र एक सपना है! लेकिन इसकी वज़ह से लोगों ने परादीस की खोज करना या ख़ुद उसे बनाने की कोशिश करना नहीं छोड़ा। वे कितने सफल रहे हैं?