अस्तित्त्व के लिए फ्राँसीसी बाइबल की लड़ाई
फ्रांस में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
संसार में दस करोड़ से अधिक लोग फ्राँसीसी भाषा बोलते हैं। यदि आप उनमें से नहीं हैं, तो भी अस्तित्त्व के लिए फ्राँसीसी बाइबल की लड़ाई के बारे में पढ़ना रोमांचक है, अंशतः इसलिए कि उसका धार्मिक स्वतंत्रता से संबंध है। सदियों के दौरान शत्रुओं और झूठे मित्रों ने अनेक फ्राँसीसी बाइबलों को क्रूरता से नष्ट कर दिया। कड़े विरोध के बावजूद, अनुवादकों और मुद्रकों ने इस लड़ाई को जीतने के लिए अपनी जान का जोखिम उठाया।
बारहवीं सदी के दौरान, बाइबल के कुछ भागों के अनुवाद अनेक प्रांतीय भाषाओं में उपलब्ध थे, जिनमें फ्राँसीसी भी थी। कैथोलिक चर्च द्वारा अपधर्मी समझे जानेवाले गुटों ने इन्हें इस्तेमाल करने का प्रोत्साहन दिया। लेकिन १९वीं सदी में ही कहीं जाकर, फ्राँसीसी भाषा में बाइबल का व्यापक वितरण शुरू हुआ। इसके बीच की कई सदियाँ दिखाती हैं कि अस्तित्त्व के लिए फ्राँसीसी बाइबल को किन-किन कठिनाइयों से गुज़रना पड़ा।
सामान्य युग ९०० के क़रीब प्रकाशित एक बाइबल कोश, फ्राँसीसी की पहली पुस्तकों में से था। यह लैटिन बाइबल को समझने में पाठकों की मदद करने के लिए बनाया गया था। कैथोलिक चर्च इस भाषा का प्रयोग करता था। लेकिन उस समय तक आम लोग लैटिन भाषा छोड़कर कई प्रांतीय बोलियाँ बोलने लगे थे। इस प्रकार उन्हें परमेश्वर का वचन सुलभ नहीं था। यह लैटिन-शिक्षित पादरियों तक सीमित रहा, जो इसे पढ़ सकते थे।
सामान्य युग ८४२ में, फ्राँसीसी में पहला औपचारिक सरकारी दस्तावेज़ आया। यह इस बात की मौन स्वीकृति थी कि अधिकांश लोग अब लैटिन नहीं बोलते थे। प्रांतीय बोली में धार्मिक कविताएँ सा.यु. ८८० के क़रीब आने लगीं। लेकिन, बाइबल अनुवाद अगली दो सदियों तक नहीं आये। बाइबल के कुछ भागों के नॉरमन-फ्रॆंच अनुवाद सबसे पहले आनेवाले अनुवादों में से थे। ये १२वीं सदी की शुरूआत में किये गये थे।
ज़ोर-शोर से लड़ाई शुरू होती है
बारहवीं सदी में केंद्रीय फ्रांस, लीयों के एक व्यापारी, पीटर वाल्डो ने पहला सतत प्रयास किया कि फ्रांस के लोगों के लिए पवित्र शास्त्र को एक ऐसे रूप में उपलब्ध कराये जिसे वे पढ़ सकें। वाल्डो ने बाइबल के कुछ भागों का अनुवाद प्रॉवनसॉल बोली में करवाया, जो कि दक्षिणपूर्वी फ्रांस में बोली जाती है। वर्ष ११७९ में, तीसरी लैटरॆन समिति में, उसने अपना आंशिक बाइबल अनुवाद पोप ऐलक्ज़ैंडर तृतीय के समक्ष प्रस्तुत करवाया।
बाद में, चर्च ने वाल्डो और उसके अनुयायियों को अपधर्मी कहकर उनकी निंदा की, और मठवासियों ने उन अनुवादों को जला दिया जो उसने करवाये थे। उस समय से, चर्च ने परमेश्वर के वचन को आम लोगों तक पहुँचाने के हर प्रयास का विरोध किया।
चर्च ने १२११ में पूर्वी फ्रांस के मॆट्स नगर में बाइबलें जलवाकर अपनी नीति स्पष्ट कर दी। वर्ष १२२९ में टुलूज़ समिति ने किसी भी भाषा में आम लोगों द्वारा प्रांतीय बाइबलों का प्रयोग एकदम वर्जित कर दिया। इसके बाद १२३४ में स्पेन की टारागोना समिति ने यही नीति अपनाते हुए किसी भी रोमांस भाषा (लैटिन से उद्भूत भाषा) में बाइबल रखना वर्जित किया, यहाँ तक कि पादरी भी ऐसा नहीं कर सकते थे।
ऐसे अथक विरोध के बावजूद, फ्राँसीसी भाषा में बाइबल का पहला पूर्ण अनुवाद १३वीं सदी के दूसरे भाग में निकला। गुमनामी में अनुवादित, इस बाइबल का बहुत कम वितरण हुआ। इस समय बाइबल आम लोगों को किसी भी रूप में उपलब्ध नहीं थी। हाथ से प्रतियाँ बनायी जाती थीं। बड़ी क़ीमत और सीमित मात्रा के कारण, बाइबल रखने की हैसियत मानो केवल कुलीन और पादरी वर्ग के पास थी।
बाइबल को बचाने का काम तेज़ी पकड़ता है
क़रीब १४५० में योहानस गूटनबर्ग द्वारा मुद्रण प्रॆस और वियोज्य टाइप के आविष्कार से, यूरोप में आयी मुद्रण क्रांति द्वारा फ्रांस बहुत प्रभावित हुआ। फ्रांस के तीन नगर—पैरिस, लीयों, और रूआँ—मुद्रण के महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गये, जिन्होंने बाइबल को बचाने के काम में बहुत योग दिया।a
संघर्ष के इस चरण तक, फ्राँसीसी बाइबल अनुवाद लैटिन वल्गेट पर आधारित हुआ करते थे। हज़ार साल तक बार-बार प्रतिलिपियाँ बनाने के कारण लैटिन पाठ में कई ग़लतियाँ आ गयी थीं, लेकिन चर्च वल्गेट को ही मानता रहा। परंतु, फ्राँसीसी कैथोलिक ज़्हाक लफ़ॆवरॆ देतापलॆ ने लोगों के लिए बाइबल को सुलभ बनाने का फ़ैसला किया। वर्ष १५३० में उसने वल्गेट को फ्राँसीसी में अनुवादित किया, और हाल ही में उपलब्ध हुई इब्रानी और यूनानी हस्तलिपियों को जाँचने के द्वारा उसने इसकी कुछ ग़लतियों को सुधारा। उसने उलझानेवाली धर्मसैद्धांतिक व्याख्याओं को भी निकाल दिया जो चर्च ने पाठ में जोड़ दी थीं।
लफ़ॆवरॆ के अनुवाद पर जल्द ही हमला हो गया। कुछ संस्करणों को फ्रांस के बाहर छापना पड़ा। इन्हें उन पुस्तकों की सूची में डाल दिया गया जो चर्च द्वारा निषिद्ध थीं। कुछ समय के लिए लफ़ॆवरॆ को स्ट्रासबुर्ग में शरण लेनी पड़ी, जो उस समय फ्रांस के पूर्व में एक स्वतंत्र साम्राज्यिक नगर था। इसके बावजूद, उसका अनुवाद सफल रहा।
मौलिक भाषा पाठों पर आधारित बाइबल का पहला फ्राँसीसी अनुवाद १५३५ में प्रकाशित हुआ। इसका अनुवादक था फ्राँसीसी प्रोटॆस्टॆंट पायर-रॉबर ऑलीवेताँ, जो सुधारक जॉन कैल्विन का रिश्तेदार था। चर्च के विरोध के कारण इसे फ्रांस में नहीं छापा जा सका, सो इस अनुवाद को न्युशटॆल, स्विट्ज़रलॆंड में छापा गया, जो एक नया प्रोटॆस्टॆंट समुदाय था। ऑलीवेताँ के फ्राँसीसी बाइबल अनुवाद ने बाद के अनेक संशोधित-संस्करणों और दूसरी भाषाओं में बाइबल अनुवादों के लिए आधार का काम किया।
कठिन लड़ाई
फ्रांस में कुछ साहसी मुद्रकों को, जैसे कि १५४६ में एट्यन डॉलॆ को बाइबल छापने के लिए स्तंभ पर जला दिया गया। वर्ष १५४६ में ट्रॆंट समिति ने वल्गेट की ग़लतियों के बावजूद उसकी “प्रामाणिकता” की पुनःपुष्टि की, और तब से चर्च ने प्रांतीय अनुवादों के विरुद्ध अधिकाधिक दृढ़ स्थिति अपनायी। वर्ष १६१२ में स्पेनी धर्माधिकरण ने प्रांतीय बाइबलों को नष्ट करने का एक क्रूर अभियान शुरू किया।
सताहट के कारण कई बार बढ़िया और नये तरीक़े निकाले गये। “शीनयॉन,” या “बन” (जूड़ा) बाइबलें बनायी गयीं, जो इतनी छोटी थीं कि एक स्त्री के बालों के जूड़े में छिपायी जा सकती थीं। और १७५४ में, इब्रानी और यूनानी शास्त्र के कुछ भाग एक पुस्तक में छापे गये जो केवल तीन बाइ पाँच सॆंटीमीटर की थी।
हमले का जवाब
लेकिन, कुछ समय बाद हवा का रुख़ बदला। बाइबल द्वारा सदियों तक हिंसक हमले सहने के बाद, इसके पक्ष में ज़बरदस्त जवाबी हमले हुए। फ्राँसीसी क्रांति के बाद दी गयी नयी धारणाओं और उपासना की स्वतंत्रता ने चर्च द्वारा विरोध पर ज़बरदस्त जवाबी हमला किया। इस तरह १२५ सालों में पहली बार, १८०३ में फ्रांस में एक प्रोटॆस्टॆंट नया नियम छापा गया!
बाइबल संस्थाओं ने भी मदद देने के लिए हाथ बढ़ाया। वर्ष १७९२ में लंदन, इंग्लॆंड में फ्रॆंच बाइबल सोसाइटी बनायी गयी। इसका उद्देश्य था कि “जहाँ तक संभव हो, फ्राँसीसी लोगों के लिए फ्राँसीसी बाइबलें हासिल करे, क्योंकि उनके पास यह ईश्वरीय ख़ज़ाना उस भाषा में नहीं है जो उनकी समझ में आती है।” दूसरी बाइबल संस्थाओं ने इसमें साथ दिया। फ्राँसीसी में बाइबल बनाने और वितरित करने के उनके लक्ष्य को सफलता मिली।
आख़िरी वार
कैथोलिक चर्च ने अपनी नीतियों में किसी भी परिवर्तन का विरोध किया, लेकिन वह एक ऐसी लड़ाई लड़ रहा था जो वह हारनेवाला था। पूरी १९वीं सदी के दौरान, पोप ने कई आदेश जारी किये जिनमें प्रांतीय बाइबलों का तीव्रता से विरोध किया। वर्ष १८९७ तक, पोप लियो तेरहवें ने इसकी पुनःपुष्टि की कि “पवित्र पुस्तकों के सभी संस्करण जो किसी भी ग़ैर-कैथोलिक लेखक ने बनाये हैं और किसी आम भाषा में हैं वे वर्जित हैं, ख़ासकर वे जो बाइबल संस्थाओं द्वारा प्रकाशित किये गये हैं, जिनकी निंदा रोम के पोप ने कई अवसरों पर की है।”
लेकिन, बाइबल संस्थाओं द्वारा प्रकाशित सस्ती प्रोटॆस्टॆंट बाइबलों के उपलब्ध होने के कारण, कैथोलिक चर्च ने कैथोलिक विद्वानों को अनुमति दी कि फ्राँसीसी में बाइबल का अनुवाद करें। ऑगस्ताँ क्रामपाँ का अनुवाद, जो पहले सात खंडों (१८९४-१९०४) में और फिर एक खंड (१९०४) में प्रकाशित हुआ, मौलिक पाठों पर आधारित पहला फ्राँसीसी कैथोलिक अनुवाद था। अनेक विद्वतापूर्ण फुटनोट और यह तथ्य उल्लेखनीय था कि क्रामपाँ ने परमेश्वर के नाम के फ्राँसीसी रूप, ज़्हेओवा, का खुलकर प्रयोग किया।
रवैया बदलते हुए, १९४३ के अपने पोप-परिपत्र डीवीनो आफ्लान्ते स्पीरीतू में वैटिकन ने प्रांतीय भाषाओं में बाइबल के अनुवाद के लिए अंततः नियम निर्धारित किये। तब से अनेक कैथोलिक अनुवाद प्रकाशित हुए हैं, जिनमें जानी-मानी जरुसलॆम बाइबल भी सम्मिलित है, जो पहले फ्राँसीसी में प्रकाशित हुई और बाद में अनेक अन्य भाषाओं में अनुवादित हुई, जिसमें अंग्रेज़ी भी सम्मिलित है।
एक बाइबल जिसने संसार भर में फ्राँसीसी-भाषी लोगों की मदद की है वह है पवित्र शास्त्र का नया संसार अनुवाद का फ्राँसीसी संस्करण। यह पूर्ण रूप में पहले १९७४ में प्रकाशित हुई, और १९९५ में इसका संशोधन किया गया। उन अनेक भाषाओं में जिनमें यह अब तक प्रकाशित हुई है, नया संसार अनुवाद बाइबल के रचयिता के नाम, यहोवा, को इब्रानी शास्त्र में वापस डालने और जहाँ उपयुक्त है वहाँ यूनानी शास्त्र में डालने के द्वारा उसे ही श्रेय देती है। आज तक, इसके फ्राँसीसी संस्करण की ५० लाख से अधिक प्रतियाँ छापी जा चुकी हैं। इसमें संदेह नहीं कि बाइबल फ्राँसीसी में अपने अस्तित्त्व की लड़ाई जीत गयी है।
[फुटनोट]
a फ्राँसीसी मुद्रण इतना सफल था कि जब स्पेनी धर्माधिकरण ने १५५२ में विदेशी बाइबलों को ज़ब्त करने का आदेश दिया, तब सॆविल की अदालत ने रिपोर्ट किया कि ज़ब्त की गयी बाइबलों में कुछ ९० प्रतिशत तो फ्रांस में ही छापी गयी थीं!
[पेज 13 पर तसवीर]
लफ़ॆवरॆ देतापलॆ की १५३० की बाइबल
[पेज 13 पर तसवीर]
ऑलीवेताँ की १५३५ की बाइबल
[पेज 14 पर तसवीर]
“१३वीं-सदी बाइबल” का एक दुर्लभ उदाहरण
[पेज 14 पर तसवीर]
बाइबलें: Bibliothèque Nationale de France