मृत्युसंख्या जो युद्ध के टक्कर की है
जब २३-वर्षीया मर्लिन का वज़न घटने लगा और उसे कमज़ोरी महसूस होने लगी, तब उसने सोचा कि शायद यह उसकी हाल की गर्भावस्था से संबंधित हो। उसकी खाँसी भी नहीं जा रही थी, जिसके बारे में उसने अपने डॉक्टर को बताया। डॉक्टर ने कहा कि यह ऊपरी श्वासनली का संक्रमण है और ऐन्टीबायोटिक दवाएँ लिख दीं। बाद में, जब रात को पसीने आने लगे, तब मर्लिन सचमुच घबरा गयी। वह अपने डॉक्टर के पास लौटी, जिसने उसकी छाती का एक्सरे लेने का प्रबंध करवाया।
एक्सरे पर दिख रही छाया ने स्पष्ट किया कि तुरंत कुछ करने की ज़रूरत है, लेकिन मर्लिन से फ़ोन पर संपर्क नहीं किया जा सकता था। “डॉक्टर ने मेरी मम्मी से बात की और उन्हें बताया कि मैं बहुत बीमार हूँ,” मर्लिन ने कहा। “मेरी मम्मी मुझे ढूँढ़ने आयीं और मुझसे कहा कि तुरंत [डॉक्टर] के पास जाऊँ। डॉक्टर ने मुझे अस्पताल भेजा जहाँ मेरा एक और एक्सरे लिया गया और मुझे वहीं भरती कर लिया गया।”
मर्लिन यह सुनकर हक्का-बक्का रह गयी कि उसे तपेदिक (टी.बी.) है। उसने सोचा कि वह मर जाएगी, लेकिन ऐन्टी-टी.बी. दवाओं से इलाज के बाद, वह जल्द ही ठीक हो गयी।
टी.बी. होने पर मर्लिन की हैरानी स्वाभाविक है। हाल के समय तक, अनेक स्वास्थ्य पेशेवर भी मानते थे कि विकसित देशों से टी.बी. को मिटा दिया गया है। “मैंने सोचा टी.बी. को भी प्लेग की तरह ही दूर कर दिया गया है,” लंदन के एक उपचार केंद्र में एक चिकित्सा सहायक ने कहा। “लेकिन जब मैं यहाँ काम करने आयी, तब पाया कि यह दूर नहीं हुई बल्कि बीच शहर में तेज़ी से फैल रही है।”
उन स्थानों में जहाँ टी.बी. दूर हो गयी थी, यह लौट आयी है; जहाँ से यह नहीं गयी थी, वहाँ यह और प्रचंड हो गयी है। दूर होने के बजाय, टी.बी. युद्ध और अकाल के जितनी ही जानलेवा है। विचार कीजिए:
◼ आधुनिक चिकित्सा की उपलब्धियों के बावजूद, पिछले सौ सालों में टी.बी. ने क़रीब २० करोड़ लोगों को क़ब्र में पहुँचा दिया है।
◼ दो अरब लोग—संसार की एक तिहाई जनसंख्या—टी.बी. जीवाणु से संक्रमित हैं, जो एक क़िस्म का बैक्टीरिया है। इसके अलावा, हर सॆकॆंड एक व्यक्ति टी.बी. से संक्रमित होता है!
◼ वर्ष १९९५ में जीर्ण टी.बी. से पीड़ित लोगों की संख्या क़रीब २.२ करोड़ थी। लगभग ३० लाख मर गये, और इनमें से अधिकांश विकासशील देशों में थे।
टी.बी. से लड़ने के लिए प्रभावकारी दवाएँ उपलब्ध होने के बावजूद, यह बीमारी मानवजाति को क्यों पीड़ित किये हुए है? क्या इसे कभी दूर किया जा सकेगा? अपने आपको इससे बचाने का क्या कोई रास्ता है? आगे के लेख इन प्रश्नों के उत्तर देंगे।
[पेज 3 पर चित्र का श्रेय]
New Jersey Medical School—National Tuberculosis Center