बहुत लोग खून से इनकार क्यों कर रहे हैं
खून चढ़वाने के बाद दो लोगों को एच.आई.वी. संक्रमण हो गया। इन दोनों लोगों को एक ही व्यक्ति का संक्रमित खून चढ़ाया गया था। इसके लिए ऑन्टॆरियो कोर्ट ने कनेडियन रॆड क्रॉस को ज़िम्मेदार ठहराया। इसे एक ऐतिहासिक निर्णय कहा गया। “जब संक्रमित खून जैसी खतरनाक चीज़ के कारण मरीज़ों की जान को जोखिम था,” तो न्यायाधीश स्टीफन बॉरन्स ने कहा कि “तुरंत कदम उठाने की ज़रूरत है।”
दशक १९८० के दौरान करीब १,२०० कनाडावासियों को एच.आई.वी. संक्रमण हुआ और १२,००० अन्य लोग हॆपाटाइटिस सी से संक्रमित हुए—यह सब संक्रमित खून और खून के उत्पादनों से हुआ। संक्रमणों की संख्या कम करने के लिए रक्तदान करनेवालों की और भी ज़्यादा बारीकी से जाँच की जा रही है। लेकिन रक्तदान करनेवाले सभी लोग अपने लैंगिक जीवन के बारे में सच नहीं बोलते। उदाहरण के लिए, अमरीका में एक सर्वेक्षण ने दिखाया कि ५० में से १ रक्तदान करनेवाला जोखिमवाली बातें नहीं बताता, जैसे समलैंगिक व्यवहार या वेश्या के साथ संभोग।
यह समस्या और भी बढ़ जाती है क्योंकि खून की जाँच पूरी गारंटी नहीं देती। न्यू साइंटिस्ट पत्रिका के अनुसार, “यदि एक व्यक्ति एच.आई.वी. से संक्रमित होने के बाद तीन हफ्ते के अंदर रक्तदान करता है तो खून की जाँच से विषाणुओं का पता नहीं चल पाता। हॆपाटाइटिस सी के मामले में संक्रमण होने के दो महीने बाद तक भी विषाणु का पता नहीं चल पाता।”
हाल के सालों में, कनाडा में खून देनेवालों और चढ़वानेवालों की संख्या में काफी कमी आयी है। स्तंभ-लेखक पॉल श्राट्स लिखता है: “रक्तदान करने में दिलचस्पी घट गयी है और उनकी संख्या बढ़ गयी है जो रक्तदान नहीं कर सकते। खुदा का शुक्र है कि यहोवा के साक्षी आगे बढ़कर रक्त विकल्पों के बारे में शोध कर रहे हैं।”
दिलचस्पी की बात है, द टोरॉन्टो स्टार रिपोर्ट करता है कि हाल के एक साल के दौरान करीब ४० लोग “यहोवा के साक्षी होने का झूठा दावा करते हुए कनाडा के अस्पतालों में भरती हुए क्योंकि वे खून नहीं चढ़वाना चाहते थे।” सर्वेक्षण दिखाते हैं कि करीब ९० प्रतिशत कनाडावासी खून चढ़वाने के बजाय दूसरा विकल्प पसंद करेंगे। इसलिए खून का इस्तेमाल अब सिर्फ धार्मिक मुद्दा नहीं रहा।