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  • जब सब लोगों के बीच प्रेम होगा

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  • जब सब लोगों के बीच प्रेम होगा
  • सजग होइए!–1999
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सजग होइए!–1999
g99 1/8 पेज 8-11

जब सब लोगों के बीच प्रेम होगा

अपने पहाड़ी उपदेश में यीशु मसीह ने उस समय की ओर संकेत किया जब सब लोगों के बीच प्रेम होगा। अपनी बात शुरू करते हुए यीशु ने ३७वें भजन को उद्धृत किया: “धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।” बाइबल का यह भजन इसका वर्णन भी करता है कि वह शानदार स्थिति कैसे आएगी। वहाँ लिखा है: “कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।”—मत्ती ५:५; भजन ३७:९.

यह कितना बढ़िया परिवर्तन होगा—पृथ्वी से सारे कुकर्मी हटा दिये जाएँगे और सिर्फ वही लोग बचेंगे जो एक दूसरे से प्रेम करते हैं! यह कैसे हो सकता है? यीशु ने अपने प्रसिद्ध उपदेश में आगे दिखाया कि यह कैसे होगा जब उसने हमें प्रार्थना करनी सिखायी: “तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो।” (मत्ती ६:१०) नोट कीजिए कि परमेश्‍वर की इच्छा कहाँ पूरी होनी है। सिर्फ स्वर्ग में नहीं। द क्रिस्टिअन सॆंचुरी के एक लेख ने ज़ोर दिया, “हम प्रार्थना करते हैं, तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है वैसे पृथ्वी पर भी हो।”

तो फिर, परमेश्‍वर का राज्य क्या है जिसके लिए यीशु ने हमें प्रार्थना करनी सिखायी? स्पष्ट है कि यह एक वास्तविक सरकार है जो स्वर्ग से शासन करती है। इसीलिए इसे “स्वर्ग का राज्य” कहा गया है। (मत्ती १०:७) इस राज्य या सरकार का नियुक्‍त शासक है परमेश्‍वर का पुत्र, यीशु मसीह।

मरियम द्वारा यीशु के जन्म से बहुत समय पहले, यहोवा के भविष्यवक्‍ता यशायाह ने उस अद्‌भुत घटना के बारे में पूर्वबताया था और यह कि बाद में क्या होगा: “हमारे लिये एक बालक उत्पन्‍न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत युक्‍ति करनेवाला पराक्रमी परमेश्‍वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। उसकी प्रभुता सर्वदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शान्ति का अन्त न होगा।” (यशायाह ९:६, ७) यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान के बाद, वह अपने पिता के साथ स्वर्ग में विराजमान हुआ और उस समय की प्रतीक्षा की जब उसे राजा के रूप में शासन शुरू करने की आज्ञा दी जाती।—भजन ११०:१, २; इब्रानियों १०:१२, १३; प्रकाशितवाक्य ११:१५.

तो इस घृणा-भरे संसार को आखिर में क्या होगा? नोट कीजिए कि बाइबल इस प्रश्‍न का उत्तर कैसे देती है। परमेश्‍वर के भविष्यवक्‍ता दानिय्येल ने पूर्वबताया: “उन राजाओं के दिनों में स्वर्ग का परमेश्‍वर, एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्तकाल तक न टूटेगा, और न वह किसी दूसरी जाति के हाथ में किया जाएगा। वरन वह उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा; और वह सदा स्थिर रहेगा।”—दानिय्येल २:४४.

स्पष्ट है कि यह बाइबल भविष्यवाणी मानव समाज में एक बड़े परिवर्तन की ओर संकेत कर रही है। इस संपूर्ण रीति-व्यवस्था को पृथ्वी से मिटा दिया जाएगा और इसमें मानवजाति के वे लोग भी शामिल होंगे जो परमेश्‍वर के शासन के अधीन आने से हठपूर्वक इनकार करते हैं! इस पर विचार कीजिए कि उसके बदले में क्या आएगा।

धर्मी नये संसार में जीवन

जब इस पुराने संसार का अंत होगा, तो कुछ लोग बचेंगे। बाइबल बताती है: “संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्‍वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।” (१ यूहन्‍ना २:१७) जी हाँ, जो परमेश्‍वर की इच्छा पर चलते हैं वे बचकर नये संसार में जाएँगे, जैसे नूह और उसका परिवार उस समय के संसार के अंत से बचकर निकले। प्रेरित पतरस ने लिखा: “[परमेश्‍वर] की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धार्मिकता बास करेगी।” (तिरछे टाइप हमारे।)—२ पतरस ३:५-७, ११-१३.

उस समय के बारे में जब परमेश्‍वर का राज्य एकमात्र सरकार के रूप में शासन कर रहा होगा, बाइबल प्रतिज्ञा करती है: “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।” (भजन ३७:२९) धर्मी लोग साफ पृथ्वी पर जीवन का आनंद लेंगे। वह कितना शानदार समय होगा! यदि आपने अब तक बाइबल में बतायी गयी आशिषों को नहीं जाँचा है तो कृपया अब जाँचिए। वे पिछले पन्‍नों में सचित्रित की गयी हैं।

क्या यह जानकर आपका हृदय पुलकित नहीं होता कि हमारा सृष्टिकर्ता अपने उपासकों के लाभ के लिए ऐसी शानदार चीज़ों की प्रतिज्ञा करता है? निश्‍चित ही यही परमेश्‍वर का उद्देश्‍य था जब उसने पहले मानव जोड़े को सृजा और उन्हें पार्थिव परादीस में रखा! नोट कीजिए कि परमेश्‍वर ने उनसे क्या कहा: “फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो।”—उत्पत्ति १:२७, २८.

आदम और हव्वा को बच्चे उत्पन्‍न करने थे और जैसे-जैसे वे बड़े होते, उन्हें पार्थिव परादीस को सुंदर बनाए रखने के सुखद काम में हिस्सा लेना था। जैसे-जैसे मानव परिवार बढ़ता वैसे-वैसे अदन की वाटिका की सीमाओं को बढ़ाने में जो आनंद मिलता उसकी कल्पना कीजिए! स्पष्ट है कि यह परमेश्‍वर का उद्देश्‍य था कि पूरी पृथ्वी एक परादीस बन जाए। क्या वह उद्देश्‍य कभी पूरा होगा? हम विश्‍वस्त हो सकते हैं कि वह अवश्‍य पूरा होगा क्योंकि स्वयं परमेश्‍वर ने वचन दिया है! वह प्रतिज्ञा करता है: “मैं ही ने यह बात कही है और उसे पूरी भी करूंगा।”—यशायाह ४६:११; ५५:११.

क्या आप पार्थिव परादीस में सर्वदा जीवन का आनंद लेना चाहेंगे जिसका वर्णन इन शास्त्रवचनों में किया गया है और पिछले पन्‍नों में सचित्रित किया गया है? हम यह अपेक्षा कर ही सकते हैं कि वहाँ सर्वदा रहने की अनुमति सभी को नहीं दी जाएगी। वहाँ रहने के लिए कुछ माँगें हैं। वे माँगें क्या हैं?

सर्वदा जीवित रहने के योग्य बनना

सबसे पहले, जो परमेश्‍वर के नये संसार में रहेंगे उन्हें एक दूसरे से प्रेम करना सीखने की ज़रूरत है, और परमेश्‍वर हमें यही सिखाता है। बाइबल कहती है: “आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्‍वर से सीखा है।” (१ थिस्सलुनीकियों ४:९) परमेश्‍वर हमें यह कैसे सिखाता है?

वह खासकर हमें अपने लिखित वचन, बाइबल से सिखाता है। इसका अर्थ है कि सर्वदा जीवित रहने के लिए हमें बाइबल में दी गयी परमेश्‍वर की शिक्षाओं को स्वीकार करने की ज़रूरत है। एक पूर्वी बाइबल विद्यार्थी ने कहा: “मैं उस समय की उत्सुकता से आस देखता हूँ जब बाइबल की प्रतिज्ञा के अनुसार सभी लोगों ने एक दूसरे से प्रेम करना सीख लिया होगा।”

अपने पिता से प्रार्थना में यीशु ने एक बहुत ज़रूरी माँग की पहचान करायी। उसने कहा: “अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ अद्वैत सच्चे परमेश्‍वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जानें।” (यूहन्‍ना १७:३) ३२ पन्‍नों का ब्रोशर परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है? आपको यह ज्ञान लेने में मदद देगा। आप पृष्ठ ३२ पर दिये गये कूपन को भरकर Watch Tower, H-58 Old Khandala Road, Lonavla, 410 401, Mah., India को या पृष्ठ ५ पर दिए गए उपयुक्‍त पते पर भेजने से इसकी एक प्रति प्राप्त कर सकते हैं।

[पेज 8-10 पर बक्स/तसवीरें]

परमेश्‍वर की प्रतिज्ञाएँ

प्रेममय विश्‍वव्यापी भाईचारा

“परमेश्‍वर किसी का पक्ष नहीं करता, बरन हर जाति में जो उस से डरता और धर्म के काम करता है, वह उसे भाता है।”—प्रेरितों १०:३५.

अपराध अथवा युद्ध न रहेगा

“दुष्ट लोग देश में से नाश होंगे।”—नीतिवचन २:२२.

“[परमेश्‍वर] पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है।”—भजन ४६:९.

खाने के लिए ढेर सारी अच्छी-अच्छी चीज़ें

“देश में पहाड़ों की चोटियों पर बहुत सा अन्‍न होगा।”—भजन ७२:१६.

मनुष्यों और पशुओं के बीच शांति

“भेड़िया भेड़ के बच्चे के संग रहा करेगा, और चीता बकरी के बच्चे के साथ बैठा करेगा, . . . और एक छोटा लड़का उनकी अगुवाई करेगा।”—यशायाह ११:६.

बीमारी, बुढ़ापा और मृत्यु न रहेगी

“[परमेश्‍वर] उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।”—प्रकाशितवाक्य २१:४.

प्रिय मृतजनों का पृथ्वी पर पुनरुत्थान

“वह समय आता है, कि जितने कब्रों में हैं, [यीशु] का शब्द सुनकर निकलेंगे।”—यूहन्‍ना ५:२८, २९.

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