जब सभी अपंगताएँ जाती रहेंगी
एक लकवारोगी ने एक बार कहा कि ज़्यादातर लोग सिर्फ “थोड़े समय तक हट्टे-कट्टे” रहते हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है क्योंकि आज नहीं तो कल हम सभी में शारीरिक कमज़ोरियाँ उभरने लगती हैं! इसलिए चश्मे, कॉन्टैक्ट लॆंस, नकली दाँत, हियरिंग एड, इलॆक्ट्रॉनिक पेसमेकर (दिल की धड़कन नियंत्रित करनेवाली मशीन) और घुटना रोपण (knee implants) जैसी चीज़ों की बहुत माँग है। रोमियों ८:२२ कहता है कि “सारी सृष्टि अब तक मिलकर कहरती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है।”
इसलिए परमेश्वर की प्रतिज्ञा से हम सभी सांत्वना पा सकते हैं कि वह धार्मिकता की “नई पृथ्वी” पर आज्ञाकारी मनुष्यों को फिर से पूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य देगा। (२ पतरस ३:१३; प्रकाशितवाक्य २१:३, ४) यशायाह ३५:५, ६ कहता है: “तब अन्धों की आंखें खोली जाएंगी और बहिरों के कान भी खोले जाएंगे; तब लंगड़ा हरिण की सी चौकड़िया भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे।”
बाइबल पहले से ही बताती है कि ‘एक बड़ी भीड़’ इस वर्तमान दुष्ट व्यवस्था के विनाश से बचकर निकलेगी। (प्रकाशितवाक्य ७:९, १४; भजन ३७:१०, ११, २९) इसमें कोई शक नहीं कि उस विनाश के बाद जल्द ही वे लोग तुरंत स्वस्थ हो जाएँगे जो आज गंभीर अपंगताओं और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं! (यशायाह ३३:२४) यीशु जब पृथ्वी पर था तो उसने जो चंगाई की उससे उसने दिखाया कि परमेश्वर की नयी पृथ्वी पर उसी तरह की चंगाई होगी। (मरकुस ५:२५-२९; ७:३३-३५ से तुलना कीजिए।) यह समझाने की कोशिश भी करना हमारे बस से बाहर है कि जब अपंग लोग अपने कृत्रिम अंगों, बैसाखियों और पहिया-कुर्सियों को दूर फेंकेंगे तो उस समय लोग खुशी से कैसे झूम उठेंगे और खुशी के कितने आँसू बहाएँगे! तब वे स्वस्थ होकर उस ज़िम्मेदारी को पूरा कर सकेंगे जो परमेश्वर ने उन्हें दी है कि इस पृथ्वी को एक सुंदर परादीस-रूपी घर में बदलने के काम में हाथ बँटायें।—लूका २३:४३.
इस बीच, आज विकलांग लोगों को अपनी लाचारी से जूझना पड़ता है। कनाडा में नॆलसन नाम का एक विकलांग कहता है: “जब मुझे अपने आप पर तरस आने लगता है, तो मैं मत्ती २४:१३ में दिये यीशु के शब्दों पर विचार करता हूँ: ‘जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा।’ ” अपनी शारीरिक कमज़ोरी के बावजूद, विकलांग लोग मसीही विश्वास में अटल रहने के द्वारा आध्यात्मिक रूप से मज़बूत और स्वस्थ रह सकते हैं जो कि सबसे महत्त्वपूर्ण बात है।—याकूब १:३, ४.
इस विश्वास को अपनाने में यहोवा के साक्षियों ने लाखों लोगों की मदद की है। पिछले लेख में डॆल नाम के जिस विकलांग व्यक्ति का ज़िक्र किया गया है, वह कहता है: “यह समझाना मेरे लिए बहुत ही मुश्किल है कि मुझे उस समय कैसा महसूस हुआ जब मैंने सीखा कि ये शारीरिक समस्याएँ सिर्फ कुछ समय की हैं।” जी हाँ, डॆल और उसके जैसे कई दूसरों को ऐसी आशा ने बहुत शक्ति दी है, तो फिर उन्हें अपाहिज कहना सही नहीं होगा।
[पेज 10 पर तसवीर]
आनेवाले विनाश से जो लोग बचेंगे उन्हें चमत्कारिक रूप से चंगाई मिलेगी