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g 4/13 पेज 4-7
[तसवीर]

पहले पेज का विषय

कैसे बनें एक अच्छा पिता

“मैंने कहाँ गलती कर दी?” दक्षिण अफ्रीका में रहनेवाले माइकलa को यह सवाल अकसर परेशान करता था। हालाँकि एक अच्छा पिता बनने की उन्होंने जी-तोड़ कोशिश की, मगर फिर भी जब भी वे अपने 19 साल के बिगड़े हुए बेटे के बारे में सोचते हैं, तो उन्हें इस बात का मलाल रहता है कि काश, मैंने उसकी और अच्छी परवरिश की होती!

दूसरी तरफ, स्पेन का रहनेवाला टैरी अपने बेटे की परवरिश करने में कामयाब रहा। उसका बेटा ऐन्ड्रू कहता है: “जहाँ तक मुझे याद है, मेरे पापा हमेशा मुझे कुछ पढ़कर सुनाते थे, मेरे साथ खेलते और मुझे सैर पर ले जाया करते थे, जहाँ हम दोनों अकेले में काफी वक्‍त बिताते थे। वे मुझे खेल-खेल में ही बहुत कुछ सिखा देते थे।”

माना कि एक अच्छा पिता बनना आसान नहीं है। पर कुछ बुनियादी सिद्धांतों की मदद से आप इसमें कामयाब हो सकते हैं। कई पिताओं ने पाया है कि जब उन्होंने और उनके परिवार ने बाइबल में दर्ज़ बुद्धि की बातों को लागू किया, तो उन्हें इससे बहुत फायदा हुआ। अब आइए कुछ ऐसे कारगर सुझावों पर गौर करें, जिनसे पिता अपनी ज़िम्मेदारी बेहतर तरीके से निभा सकते हैं।

1. अपने परिवार के लिए वक्‍त निकालिए

एक पिता होने के नाते आप अपने बच्चों को कैसे यह एहसास दिलाते हैं कि वे आपकी ज़िंदगी में बहुत अहमियत रखते हैं? ज़रूर आप अपने बच्चों के लिए बहुत कुछ करते हैं, जैसे उनके लिए रोटी-कपड़ा-मकान मुहैया कराने के लिए कई त्याग करना। अगर आपके बच्चे आपकी ज़िंदगी में अहमियत न रखते, तो बेशक आप ये सब करते ही नहीं। लेकिन अगर आप उनके साथ काफी वक्‍त नहीं बिताएँगे, तो उन्हें लगने लगेगा कि आप अपनी नौकरी, यार-दोस्त और अपने शौक पूरा करने में ही सारा वक्‍त बिता देते हैं, और उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं देते।

एक पिता को अपने बच्चे के साथ वक्‍त बिताना कब से शुरू करना चाहिए? एक माँ का अपने बच्चे के साथ रिश्‍ता तब से शुरू हो जाता है, जब बच्चा उसकी कोख में ही होता है। आम तौर पर गर्भ में पड़ने के 16 हफ्तों में ही बच्चा सुनने लगता है। इसी वक्‍त से एक पिता भी अपने अजन्मे बच्चे के साथ रिश्‍ता जोड़ने की शुरूआत कर सकता है। उस वक्‍त वह अपने बच्चे के दिल की धड़कन सुन सकता है, उसकी हलचल महसूस कर सकता है, उससे बात कर सकता है और उसके लिए गाने गा सकता है।

बाइबल का सिद्धांत: बाइबल के ज़माने में खासकर पुरुष अपने बच्चों को सिखाने में दिलचस्पी लिया करते थे। पिताओं को नियमित तौर पर अपने बच्चों के साथ वक्‍त बिताने का बढ़ावा दिया गया था, यह बात बाइबल में व्यवस्थाविवरण 6:6, 7 में दर्ज़ इन शब्दों से पता चलती है, जहाँ लिखा है: “ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; और तू इन्हें अपने बालबच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।”

2. अच्छा पिता वही जो अपने बच्चों की बात सुनने के लिए तैयार हो

[पेज 5 पर तसवीर]

झट से कोई राय कायम करने के बजाय पूरी बात ध्यान से सुनिए

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे आपसे बेझिझक बात करें, तो जब भी वे आपके पास आते हैं, तो ध्यान से उनकी पूरी बात सुनिए और झट-से चिल्लाने मत लगिए।

अगर आपके बच्चे को लगता है कि आप उसकी बात सुनते ही भड़क उठेंगे या फिर पहले से ही राय कायम कर लेंगे, तो फिर वह आपके पास आकर बात करने की हिम्मत नहीं करेगा। लेकिन अगर आप ठंडे दिमाग से उसकी बात सुनेंगे, तो आप दिखा रहे होंगे कि आपको अपने बच्चे में गहरी दिलचस्पी है। तब वह बेझिझक आपको अपनी भावनाएँ और दिल की हर बात बता सकेगा।

बाइबल का सिद्धांत: बाइबल में पायी जानेवाली कारगर और बुद्धि-भरी बातें रोज़मर्रा ज़िंदगी के कई पहलुओं में फायदेमंद साबित हुई हैं। मिसाल के लिए, बाइबल कहती है: “हर इंसान सुनने में फुर्ती करे, बोलने में सब्र करे, और क्रोध करने में धीमा हो।” (याकूब 1:19) जिन पिताओं ने बाइबल की इस सलाह को लागू किया है, वे अपने बच्चों के साथ अच्छी बातचीत के ज़रिए उनके दिल तक पहुँच पाएँ हैं।

3. प्यार से अनुशासन दीजिए और दिल खोलकर तारीफ कीजिए

अगर आप बच्चे की किसी बात से झुँझला जाएँ, तब भी आप जब उसे कोई अनुशासन देते हैं, तो ऐसा गुस्से में आकर नहीं बल्कि उसकी भलाई को ध्यान में रखते हुए कीजिए। अनुशासन में सलाह देना, सुधारना, सिखाना और ज़रूरत पड़े तो सज़ा देना भी शामिल है।

यही नहीं, अनुशासन तब और भी ज़्यादा असरदार होता है जब एक पिता दिल खोलकर बच्चे की तारीफ करता है। एक पुरानी कहावत है: “जैसे चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब हों वैसा ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है।” (नीतिवचन 25:11) एक बच्चे की तारीफ करने से उसकी शख्सियत निखरती है। कैसे? जब बच्चे देखते हैं कि उनके मम्मी-पापा उन पर ध्यान देते और उनकी कदर करते हैं, तो इससे उनका खुद पर भरोसा बढ़ता है। और जो पिता अपने बच्चों की तारीफ करने के मौके ढूँढ़ता है, वह अपने बच्चों का आत्म-विश्‍वास बढ़ाने में उनकी मदद करता है। साथ ही, ऐसा करके वह उन्हें हमेशा सही काम करने और कभी हार न मानने का बढ़ावा देता है।

बाइबल का सिद्धांत: “हे पिताओ, अपने बच्चों को खीझ न दिलाओ, कहीं ऐसा न हो कि वे हिम्मत हार बैठें।”—कुलुस्सियों 3:21.

4. अपनी पत्नी से प्यार करें और उसे आदर दें

[पेज 4 पर तसवीर]

एक पिता अपनी पत्नी के साथ जिस तरह पेश आता है, उसका असर बच्चों पर ज़रूर पड़ता है। बच्चों के विकास पर अध्ययन करनेवाले विशेषज्ञों के एक समूह का कहना है: “एक पिता अपने बच्चों के लिए जो सबसे बढ़िया काम कर सकता है वह है उनकी माँ को आदर देना। . . . जो माता-पिता एक-दूसरे की इज़्ज़त करते हैं और यह बात वे अपने बच्चों पर ज़ाहिर करते हैं, वे बच्चों के लिए एक सुरक्षित माहौल पैदा करते हैं।”—बच्चों के अच्छे विकास में पिताओं की अहमियत।b (अँग्रेज़ी)

बाइबल का सिद्धांत: “हे पतियो, अपनी-अपनी पत्नी से प्यार करते रहो, . . . तुम में से हरेक अपनी पत्नी से वैसा ही प्यार करे जैसा वह अपने आप से करता है।”—इफिसियों 5:25, 33.

5. परमेश्‍वर की कारगर बुद्धि पर अमल कीजिए

एक पिता जो परमेश्‍वर से दिलो-जान से प्यार करता है, वह अपने बच्चों को सबसे बेशकीमती विरासत दे सकता है, और वह है स्वर्ग में रहनेवाले पिता के साथ करीबी रिश्‍ता।

[तसवीर]

अपने छ: बच्चों की परवरिश में सालों कड़ी मेहनत करने के बाद, अन्टोन्यो नाम के एक यहोवा के साक्षी को उसकी एक बेटी से यह खत मिला: “प्यारे पापा, मैं आपका बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ कि आपने मुझे यहोवा परमेश्‍वर से, अपने पड़ोसी से और खुद से प्यार करना सिखाया। इस तरह, मैं एक समझदार इंसान बन पायी। आपने दिखाया कि आप यहोवा से कितना प्यार करते हैं, साथ ही, आपको मेरी भी कितनी परवाह है। अपनी ज़िंदगी में यहोवा को पहली जगह देने और हम बच्चों को यहोवा से मिला तोहफा समझने के लिए मैं आपका बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ!”

बाइबल का सिद्धांत: “तू अपने परमेश्‍वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्‍ति के साथ प्रेम रखना। और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें।”—व्यवस्थाविवरण 6:5, 6.

लाज़िमी है कि एक अच्छा पिता बनने में यहाँ चर्चा किए पाँच पहलुओं के अलावा और भी बहुत कुछ शामिल है। लेकिन ये बात भी सच है कि आप चाहे कितने ही अच्छे पिता बनने की कोशिश क्यों न करें, आपसे गलतियाँ ज़रूर होंगी। मगर फिर भी, अगर आप बाइबल में दिए इन सिद्धांतों को समझदारी और प्यार से लागू करेंगे, तो आप एक अच्छा पिता बनने की अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभा पाएँगे।c ◼ (g13-E 03)

a इस लेख में कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

b अगर एक पिता का अपने बच्चों की माँ के साथ शादी का कोई रिश्‍ता नहीं रहा, तब भी बच्चे और माँ के बीच के रिश्‍ते को मज़बूत करने के लिए अच्छा होगा अगर पिता माँ को आदर दे और उसके साथ गरिमा से पेश आए।

c पारिवारिक ज़िंदगी के बारे में और ज़्यादा जानने के लिए किताब पारिवारिक सुख का रहस्य देखिए, जो www.pr418.com वेबसाइट पर उपलब्ध है।

एक अच्छा पिता अपने बच्चों के लिए हमेशा वक्‍त निकालता है

[पेज 6 पर तसवीर]

सिल्वन जो पहले बार्बाडोस में रहता था, अब न्यू यॉर्क सिटी में बस ड्राइवर की नौकरी करता है। वह अपनी पत्नी और तीन किशोर बेटों के साथ रहता है। उसका शेड्‌यूल बहुत ही चुनौती-भरा है। उसे दोपहर दो-तीन बजे से लेकर सुबह तीन-चार बजे तक काम करना पड़ता है। गुरुवार और शुक्रवार को उसकी छुट्टी होती है, मगर शनिवार और रविवार की रात उसे काम पर जाना पड़ता है। इतना व्यस्त होने के बावजूद भी वह अपने बच्चों के लिए वक्‍त निकाल ही लेता है।

सिल्वन बताता है: “हाँ इसमें मुश्‍किल ज़रूर है, मगर मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हूँ। मैं जानता हूँ कि मुझे अपने हर बेटे के साथ अलग से कुछ वक्‍त बिताने की ज़रूरत है। इसलिए गुरुवार दोपहर को जब मेरा सबसे बड़ा बेटा स्कूल से लौटता है, तब मैं उसके साथ वक्‍त बिताता हूँ। शुक्रवार का दिन मैंने अपने दूसरे बेटे के लिए रखा है। और रविवार की सुबह मैंने अपने सबसे छोटे बेटे के लिए रखी है।”

बच्चे अपने पापा की कौन-सी बात पसंद करते हैं

“पापा मेरे साथ खेलते हैं और रात में मुझे कहानी पढ़कर सुनाते हैं।” —सिएरा, 5 साल।

“कभी-कभी ऐसा होता है जब हम खूब मज़े करते हैं और फिर पापा कहते हैं, ‘चलो, अब घर साफ करने का टाइम हो गया!’ तो कभी ऐसा भी होता है जब हम काम कर रहे होते हैं और पापा बीच में रोककर कहते हैं, ‘चलो, अब कुछ खेल हो जाए!’”—माइकल, 10 साल।

“मेरे पापा अपनी नौकरी या शौक पूरे करने में कभी इतने व्यस्त नहीं हो जाते कि उनके पास मम्मी का हाथ बँटाने के लिए वक्‍त न हो। खाना सिर्फ मम्मी ही नहीं, पापा भी बनाते हैं। वे बरतन धोते हैं, घर की साफ-सफाई में हाथ बँटाते हैं, और मम्मी के साथ प्यार और कोमलता से पेश आते हैं।”—ऐन्ड्रू, 32 साल।

[पेज 7 पर तसवीर]
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