महँगाई आसमान छू रही है
जितना है उतने में खुश रहिए
जो लोग संतुष्ट रहते हैं, वे ज़िंदगी में खुश रहते हैं। और जब उनके हालात में बदलाव होता है, तो वे आसानी से फेरबदल कर पाते हैं ताकि जितनी उनकी कमाई है उससे ज़्यादा वे खर्चा ना करें।
ऐसा करना क्यों ज़रूरी है?
मनोवैज्ञानिक जैसिका कोलर बताती हैं कि जो लोग ज़िंदगी में संतुष्ट रहते हैं, वे अकसर अच्छा सोचते हैं और हँसते-मुस्कुराते रहते हैं। ऐसा बहुत कम होता है कि वे किसी से जलते हों। इसलिए यह कोई हैरानी की बात नहीं कि ऐसे लोग तनाव में कम, खुश ज़्यादा नज़र आते हैं। और यह देखा भी गया है कि जो लोग सबसे ज़्यादा खुश रहते हैं, उनमें से कुछ के पास कम पैसा या चीज़ें होती हैं। वह इसलिए क्योंकि वे ऐसी चीज़ों को अहमियत देते हैं जिन्हें पैसों से खरीदा नहीं जा सकता। जैसे, परिवार और दोस्तों के साथ खुशी के पल बिताना।
आप यह कैसे कर सकते हैं?
तुलना मत कीजिए। किसी को देखकर ऐसा मत सोचिए कि उसके पास कितना कुछ है, मेरे पास तो कुछ भी नहीं है। इस तरह तुलना करने से आप दुखी हो सकते हैं। यहाँ तक कि आप उससे जलने भी लग सकते हैं। यही नहीं, आप जो सोच रहे हों, हकीकत उससे कोसों दूर हो सकती है। कुछ लोगों को देखकर लग सकता है कि वे कितने अमीर हैं, उनके पास सबकुछ है। पर असल में हो सकता है कि वे सिर से लेकर पाँव तक कर्ज़ में डूबे हों। अफ्रीका के एक देश सेनेगल की रहनेवाली निकोल कहती है, “मैंने देखा है कि खुश रहने के लिए ज़्यादा चीज़ों की ज़रूरत नहीं होती। अगर मैं ज़िंदगी में संतुष्ट रहना सीखूँ तो भले ही मेरे पास दूसरों से कम हो, उतने में भी मैं खुश रह सकती हूँ।”
इसे आज़माकर देखिए: ऐसे विज्ञापन या सोशल मीडिया पोस्ट मत देखिए जिनमें बताया जाता है कि दूसरे लोग कितने दौलतमंद हैं और उनके पास ऐशो-आराम की सारी चीज़ें हैं।
एहसानमंद रहिए। आपके पास जो है, उसके लिए एहसानमंद रहिए। जो लोग ऐसा करते हैं वे ज़्यादा संतुष्ट रहते हैं। वे ऐसा नहीं सोचते, ‘मुझे यह भी चाहिए, वह भी चाहिए’ या ‘ये चीज़ें तो मुझे मिलनी ही चाहिए।‘ हैती देश के रहनेवाले रौबर्टोन को ही लीजिए। वह कहता है, “मैं वक्त निकालकर सोचता हूँ कि दूसरों ने कैसे मेरी और मेरे परिवार की मदद की है। इससे मैं उनका दिल से धन्यवाद कर पाता हूँ। मैं अपने आठ साल के बेटे को भी सिखाता हूँ कि जब भी उसे किसी से कुछ मिलता है तो वह उसे थैंक्यू ज़रूर बोले।”
इसे आज़माकर देखिए: हर दिन लिखिए कि आप किन चीज़ों के लिए एहसानमंद हैं। जैसे, अच्छी सेहत, आपका प्यारा परिवार, सच्चे दोस्त या डूबते सूरज का खूबसूरत नज़ारा।
हमारे पास जितना है उतने में खुश रहना कभी-कभी हमारे लिए मुश्किल हो सकता है। फिर भी हमें संतुष्ट रहने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। अगर हम संतुष्ट रहना सीखें तो हम खुश रहेंगे। यह एक और चीज़ है जिसे पैसों से खरीदा नहीं जा सकता।