वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • g25 अंक 1 पेज 12-13
  • दरियादिल बनिए

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • दरियादिल बनिए
  • सजग होइए!—2025
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • ऐसा करना क्यों ज़रूरी है?
  • आप यह कैसे कर सकते हैं?
  • उदारता से देनेवाले खुश रहते हैं
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2018
  • यहोवा की दरियादिली और लिहाज़ दिखाने के गुण की कदर कीजिए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2013
  • सबके साथ अच्छे रिश्‍ते कैसे बनाएँ?
    सजग होइए!—2021
  • उदार बनिए और खुशी पाइए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2017
और देखिए
सजग होइए!—2025
g25 अंक 1 पेज 12-13
एक परिवार अपनी झोपड़ी के बाहर टेबल पर बैठा है। उन्होंने खाने पर एक व्यक्‍ति को भी बुलाया है और वे सब मिलकर खुशी से खाना खा रहे हैं।

महँगाई आसमान छू रही है

दरियादिल बनिए

आप शायद सोचें, ‘महँगाई के ज़माने में दरियादिल होना, सवाल ही पैदा नहीं होता!’ लेकिन सच तो यह है कि अगर आप दूसरों को दिल खोलकर दें, तो आप बढ़ती महँगाई का सामना कर सकते हैं। जी हाँ, आप दोनों चीज़ें कर सकते हैं: पैसे भी बचा सकते हैं और दरियादिल भी बन सकते हैं।

ऐसा करना क्यों ज़रूरी है?

जब हम छोटे-मोटे मामलों में भी दरियादिली दिखाते हैं, तो हमें खुशी मिलती है और हम खुद के बारे में अच्छा महसूस करते हैं। कुछ डॉक्टरों का कहना है कि दूसरों को देना हमारी सेहत के लिए अच्छा है। हमारी चिंताएँ, तनाव, बदन दर्द, ब्लड प्रेशर, यह सब कम हो सकता है। यहाँ तक कि रात को मीठी नींद भी आ सकती है।

“लेने से ज़्यादा खुशी देने में है।”—प्रेषितों 20:35.

जब हम दूसरों की पैसों से या दूसरे तरीकों से मदद करते हैं, तो ज़रूरत की घड़ी में हम दूसरों की मदद लेने से झिझकेंगे नहीं। इंग्लैंड का रहनेवाला हावर्ड कहता है, “मैं और मेरी पत्नी दूसरों को दरियादिली दिखाने और उनकी मदद करने के अलग-अलग तरीके ढूँढ़ते हैं। इसलिए जब हमें मदद की ज़रूरत पड़ती है, तो हमें ऐसा नहीं लगता कि हम दूसरों पर बोझ बन रहे हैं।” लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि दरियादिल लोग कुछ पाने के इरादे से ही दूसरों को देते हैं। फिर भी जब वे दूसरों की मदद करते हैं तो बदले में उन्हें सच्चे दोस्त मिल सकते हैं। ऐसे दोस्त, जो ज़रूरत की घड़ी में उनकी मदद करने के लिए दौड़े-दौड़े आते हैं।

“दिया करो और लोग तुम्हें भी देंगे।”—लूका 6:38.

आप यह कैसे कर सकते हैं?

आपके पास जो है वह दूसरों को भी दीजिए। भले ही आपके पास ज़्यादा कुछ ना हो, फिर भी आप उसे दूसरों के साथ मिल-बाँट सकते हैं। जैसे, ज़रूरी नहीं कि आप किसी को दावत दें, आप सादा-सा खाना भी खिला सकते हैं। अफ्रीका के एक देश युगांडा के रहनेवाले डंकन और उसका परिवार गरीब हैं। फिर भी वे बहुत दरियादिल हैं। डंकन कहता है, “हर रविवार को मैं और मेरी पत्नी किसी-न-किसी को अपने घर पर सादा खाना खाने के लिए बुलाते हैं। हमें दूसरों के साथ वक्‍त बिताना बहुत अच्छा लगता है।”

लेकिन ध्यान रखिए कि आप दूसरों को इतना भी ना दें कि आपके परिवार के लिए ज़रूरत की चीज़ें कम पड़ जाएँ।—अय्यूब 17:5.

इसे आज़माकर देखिए: किसी को सादा खाना या बस चाय-नाश्‍ते के लिए बुलाइए। अगर आपके पास कुछ ऐसी चीज़ें हैं जिनकी अब आपको ज़रूरत नहीं है, तो क्यों ना आप उन्हें अपने दोस्तों या पड़ोसियों को दे दें जिनके वे काम आ सकती हैं?


दूसरे तरीकों से भी दीजिए। कुछ तोहफे ऐसे होते हैं जिनमें कोई पैसा नहीं लगता। जैसे, हमारा समय और प्यार। हम दूसरों की मदद करने के लिए वक्‍त निकाल सकते हैं और दिखा सकते हैं कि हम उनकी परवाह करते हैं। हमारे प्यार-भरे शब्द भी एक तोहफा हैं! इसलिए बेझिझक दूसरों को बताइए कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं, उनकी कितनी कदर करते हैं।

इसे आज़माकर देखिए: घर के कुछ कामों में, कुछ मरम्मत कराने में या कुछ खरीदारी करने में दूसरों का हाथ बँटाइए। किसी दोस्त को एक कार्ड लिखकर या मैसेज भेजकर उसका हाल-चाल पूछिए।

जब आप दिल खोलकर दूसरों को देंगे तो आपको घटी नहीं होगी बल्कि आपकी खुशी बढ़ेगी!

“भलाई करना और जो तुम्हारे पास है उसे दूसरों में बाँटना मत भूलो।”—इब्रानियों 13:16.

एक पति-पत्नी एक बुज़ुर्ग औरत के बगीचे में सूखे पत्ते इकट्ठा कर रहे हैं। बुज़ुर्ग औरत उन्हें पीने के लिए चाय-कॉफी दे रही है।
ट्रे।

“मैं और मेरी पत्नी एक छोटे-से फ्लैट में रहते हैं। फिर भी हमें अपने दोस्तों को खाने पर बुलाना बहुत अच्छा लगता है। उनकी मदद करने में हमें बहुत खुशी मिलती है। कभी-कभार हम पैसों से उनकी मदद कर पाते हैं, पर ज़्यादातर हम उन्हें अपना समय देते हैं। हमने बार-बार यह महसूस किया है कि लेने से ज़्यादा खुशी देने में होती है।”—ट्रे, इज़राइल।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें