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अध्याय १०

यरूशलेम को यात्राएँ

वसंत ऋतु आ पहुँचा है। और यूसुफ के परिवार के लिए वह समय आ पहुँचा है जब वे अपने मित्र और रिश्‍तेदारों के साथ, फसह मनाने के लिए यरूशलेम को अपनी वार्षिक वसंत ऋतु की यात्रा करें। जैसे वे लगभग १००-किलोमीटर लम्बी यात्रा के लिए निकल पड़ते हैं, एक साधारण उत्तेजना रहती है। यीशु अब १२ साल का है, और वह इस पर्व को एक विशेष दिलचस्पी से देखता है।

यीशु और उसके परिवार के लिए, फसह केवल एक दिन का मामला नहीं। वे उसके बाद सात दिन के अख़मीरी रोटी के पर्व के लिए भी रुकते हैं, जिसे वे फसह मौसम का एक हिस्सा समझते हैं। परिणामस्वरूप, नासरत में उनके घर से पूरी यात्रा करने में, जिस में यरूशलेम में ठहराव भी शामिल है, लगभग दो सप्ताह लगते हैं। पर इस साल, कुछ कारणवश जिस में यीशु शामिल है, ज़्यादा समय लगता है।

समस्या उस समय प्रकट होती है जब यरूशलेम से वापसी यात्रा की जाती है। यूसुफ और मरियम को लगता है कि यीशु रिश्‍तेदार या मित्रों के दल के साथ यात्रा कर रहा है। रात के लिए रुक जाने पर भी वह दिखाई नहीं देता, और वे उसे अपने सफरी साथियों के बीच ढूँढ़ने लगते हैं। वह कहीं नहीं मिला। सो यूसुफ और मरियम उसकी तलाश में फिर से यरूशलेम लौटते हैं।

पूरा दिन वे उसे ढूँढ़ते हैं, पर कामयाब नहीं होते। दूसरे दिन भी वे उसे नहीं ढूँढ़ पाते हैं। अन्त में, तीसरे दिन, वे मंदिर जाते हैं। वहाँ, एक सभा-भवन में, उन्होंने यीशु को यहूदी उपदेशकों के बीच बैठा, उनकी सुनते और उन से प्रश्‍न पूछते हुए देखा।

“हे पुत्र, तू ने हम से क्यों ऐसा व्यवहार किया?” मरियम पूछती है। “देख, तेरा पिता और मैं अतिचिंतित होकर तुझे ढूँढ़ते थे।”—NW.

यीशु को ताज्जुब होता है कि उसे कहाँ ढूँढ़ना है यह वे नहीं जानते थे। “तुम मुझे क्यों ढूँढ़ते थे?” वह पूछता है। “क्या आप नहीं जानते थे कि मुझे अपने पिता के भवन में होना आवश्‍यक है?”

यीशु नहीं समझ सका कि क्यों उसके माता-पिता इस बात को नहीं जान सके। इसके बाद, यीशु अपने माता-पिता के साथ घर लौट जाता है और उनके अधीन बने रहता है। वह बुद्धि और डील-डौल में और परमेश्‍वर और मनुष्यों के अनुग्रह में बढ़ता जाता है। हाँ, अपने बचपन से ही, यीशु ने न केवल आध्यात्मिक हित को ढूँढ़ने में बल्कि अपने माता-पिता के प्रति आदर दिखाने में भी एक अच्छा मिसाल प्रस्तुत किया। लूका २:४०-५२; २२:७.

▪ वसंत ऋतु के समय यीशु कौनसी यात्रा नियमित रूप से अपने परिवार के साथ किया करता है, और वह यात्रा कितनी लम्बी होती है?

▪ जब यीशु १२ साल का है तब यात्रा के दौरान क्या होता है?

▪ आज के युवकों के लिए यीशु क्या मिसाल प्रस्तुत करता है?

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