भाग 9
एक परिवार के तौर पर यहोवा की उपासना कीजिए
‘उसकी उपासना करो जिसने यह आकाश और यह धरती बनायी।’—प्रकाशितवाक्य 14:7
जैसा कि आपने इस ब्रोशर में सीखा, बाइबल में ऐसे ढेरों सिद्धांत दिए गए हैं, जो आपकी और आपके परिवार की मदद करेंगे। यहोवा चाहता है कि आप खुश रहें। वह वादा करता है कि अगर आप उसकी उपासना को अपनी ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा अहमियत दें, तो “ये बाकी सारी चीज़ें भी तुम्हें दे दी जाएँगी।” (मत्ती 6:33) वह सच में चाहता है कि आप उसके दोस्त बनें। परमेश्वर के साथ अपनी दोस्ती बढ़ाने के लिए हर मौके का इस्तेमाल कीजिए। यह सबसे बड़ा सम्मान है, जो एक इंसान को मिल सकता है।—मत्ती 22:37, 38.
1 यहोवा के साथ अपना रिश्ता मज़बूत कीजिए
बाइबल क्या कहती है: “यहोवा कहता है, ‘. . . मैं तुम्हारा पिता होऊँगा और तुम मेरे बेटे-बेटियाँ होगे।’” (2 कुरिंथियों 6:18) परमेश्वर चाहता है कि आप उसके करीबी दोस्त बनें। ऐसा करने का एक तरीका है, प्रार्थना करना। यहोवा आपको न्यौता देता है कि “लगातार प्रार्थना करते रहो।” (1 थिस्सलुनीकियों 5:17) वह आपके दिल में छिपी भावनाएँ और आपकी चिंताएँ सुनने के लिए बेताब है। (फिलिप्पियों 4:6) जब आप अपने परिवार के साथ मिलकर प्रार्थना करेंगे, तो वे देखेंगे कि परमेश्वर आपके लिए कितना असल है।
परमेश्वर से बात करने के साथ-साथ, आपको उसकी सुनने की भी ज़रूरत है। आप ऐसा उसके वचन बाइबल और बाइबल पर आधारित साहित्यों का अध्ययन करके कर सकते हैं। (भजन 1:1, 2) जो आप सीखते हैं, उस पर मनन कीजिए। (भजन 77:11, 12) परमेश्वर की सुनने के लिए यह भी ज़रूरी है कि आप लगातार मसीही सभाओं में हाज़िर हों।—भजन 122:1-4.
यहोवा के साथ अपना रिश्ता मज़बूत करने का एक और अहम तरीका है, उसके बारे में दूसरों को बताना। जितना ज़्यादा आप ऐसा करेंगे, उतना ज़्यादा आप उसके करीब महसूस करेंगे।—मत्ती 28:19, 20.
आप क्या कर सकते हैं:
हर दिन बाइबल पढ़ने और प्रार्थना करने के लिए समय ठहराइए
एक परिवार के तौर पर, परमेश्वर की सेवा से जुड़े कामों को मनोरंजन और आराम करने से ज़्यादा अहमियत दीजिए
2 अपनी पारिवारिक उपासना का लुत्फ उठाइए
बाइबल क्या कहती है: “परमेश्वर के करीब आओ और वह तुम्हारे करीब आएगा।” (याकूब 4:8) यह ज़रूरी है कि आप बिना नागा पारिवारिक उपासना करने के लिए एक शेड्यूल बनाएँ और उसके मुताबिक काम करें। (उत्पत्ति 18:19) लेकिन सिर्फ इतना करना काफी नहीं है। परमेश्वर आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का एक हिस्सा होना चाहिए। परमेश्वर के बारे में “घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते” बात करके उसके साथ अपने परिवार का रिश्ता मज़बूत कीजिए। (व्यवस्थाविवरण 6:6, 7) यहोशू की तरह बनने का लक्ष्य रखिए, जिसने कहा था: “मैं तो अपने घराने समेत यहोवा ही की सेवा नित करूंगा।”—यहोशू 24:15.
आप क्या कर सकते हैं:
अपने परिवार के हर सदस्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें नियमित तौर पर तालीम देने का एक शेड्यूल बनाइए