वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • jy अध्या. 92 पेज 216-पेज 217 पैरा. 7
  • दस कोढ़ी ठीक हुए, एक ने धन्यवाद किया

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • दस कोढ़ी ठीक हुए, एक ने धन्यवाद किया
  • यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
  • मिलते-जुलते लेख
  • यरूशलेम को यीशु की आख़री यात्रा के दौरान दस कोढ़ी चंगा किए गए
    वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा
  • क्या आपको धन्यवाद कहना याद रहता है?
    महान शिक्षक से सीखिए
  • यीशु ने बहुत-से चमत्कार किए
    बाइबल से सीखें अनमोल सबक
  • ‘खुशखबरी के इस दिन’ में अपना ध्यान भटकने मत दीजिए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2009
और देखिए
यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
jy अध्या. 92 पेज 216-पेज 217 पैरा. 7
यीशु ने जिन दस कोढ़ियों को चंगा किया था, उनमें से एक यीशु के पास लौटकर उसका धन्यवाद कर रहा है

अध्याय 92

दस कोढ़ी ठीक हुए, एक ने धन्यवाद किया

लूका 17:11-19

  • यीशु दस कोढ़ियों को चंगा करता है

महासभा यीशु का कुछ नहीं कर पाती, क्योंकि वह एप्रैम चला जाता है। यह शहर यरूशलेम के उत्तर-पूरब में है। वह दुश्‍मनों से बचने के लिए चेलों के साथ कुछ समय वहीं रहता है। (यूहन्‍ना 11:54) लेकिन जब ईसवी सन्‌ 33 का फसह आनेवाला होता है, तो वह फिर से सफर पर निकल पड़ता है। वह उत्तर की तरफ सामरिया से होते हुए गलील जाता है। अपनी मौत से पहले आखिरी बार वह गलील जा रहा है।

जब वह एक गाँव से दूसरे गाँव जा रहा होता है, तो वह दस कोढ़ियों को देखता है। इस बीमारी में शरीर के कुछ अंग गलने लगते हैं, जैसे हाथ या पैर की उँगलियाँ या कान। (गिनती 12:10-12) एक कोढ़ी को चिल्ला-चिल्लाकर कहना होता है, “मैं अशुद्ध हूँ, अशुद्ध!” और उसे लोगों की बस्ती से दूर रहना होता है।​—लैव्यव्यवस्था 13:45, 46.

वे दस कोढ़ी यीशु से दूर रहते हैं, मगर वे ज़ोर-ज़ोर से पुकारते हैं, “हे गुरु यीशु, हम पर दया कर!” यीशु उनसे कहता है, “जाओ और खुद को याजकों को दिखाओ।” (लूका 17:13, 14) यीशु परमेश्‍वर का कानून मानता है, इसलिए वह ऐसा कहता है। याजकों के पास अधिकार है कि जो कोढ़ी ठीक हो जाते हैं, उनके बारे में वे ऐलान करें कि अब वे शुद्ध हैं। फिर वे लोगों की बस्ती में जाकर रह सकते हैं।​—लैव्यव्यवस्था 13:9-17.

यीशु रास्ते में दस कोढ़ियों को देख रहा है

दस कोढ़ियों को विश्‍वास है कि यीशु उन्हें चमत्कार से ठीक कर सकता है। इसलिए वे ठीक होने से पहले ही याजकों से मिलने चले जाते हैं। रास्ते में वे देखते हैं कि उनका कोढ़ ठीक हो गया है और वे एकदम सेहतमंद हैं। उन्हें यीशु पर विश्‍वास करने का प्रतिफल मिल गया है।

जब वे शुद्ध हो जाते हैं, तो उनमें से नौ अपने रास्ते चले जाते हैं। मगर एक आदमी यीशु से मिलने आता है। यह एक सामरी आदमी है। वह दिल से यीशु का एहसानमंद है। “वह ज़ोर-ज़ोर से परमेश्‍वर का गुणगान करता” है, क्योंकि वह जानता है कि असल में परमेश्‍वर ने ही उसे अच्छा किया है। (लूका 17:15) यीशु से मिलने पर वह उसके सामने मुँह के बल गिर पड़ता है और उसका धन्यवाद करता है।

यीशु लोगों से कहता है, “क्या दसों के दस शुद्ध नहीं हुए थे? तो फिर बाकी नौ कहाँ हैं? दूसरी जाति के इस आदमी को छोड़, क्या एक भी आदमी परमेश्‍वर की महिमा करने वापस नहीं आया?” फिर वह उस सामरी आदमी से कहता है, “उठ और अपने रास्ते चला जा। तेरे विश्‍वास ने तुझे ठीक किया है।”​—लूका 17:17-19.

यीशु ने दस कोढ़ियों को चंगा करके साबित किया है कि यहोवा ने ही उसे यह सब करने की शक्‍ति दी है। यह सामरी आदमी शायद जीवन की राह पर भी निकल पड़ा है। यह सच है कि आज परमेश्‍वर यीशु के ज़रिए बीमारों को चंगा नहीं करता। लेकिन अगर हम यीशु पर विश्‍वास रखें, तो हम भी जीवन की राह पर चल सकते हैं, हमेशा की ज़िंदगी की राह पर। क्या हम भी उस सामरी की तरह एहसानमंद हैं कि हमें हमेशा की ज़िंदगी मिल सकती है?

  • यीशु दुश्‍मनों से बचने के लिए कहाँ चला जाता है?

  • दस कोढ़ी यीशु से दूर क्यों रहते हैं? यीशु उन्हें क्यों याजकों के पास जाने को कहता है?

  • सामरी आदमी की तरह हमें भी किस बात के लिए एहसानमंद होना चाहिए?

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें