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lff पाठ 48
पाठ 48. चार दोस्त एक-साथ अपनी फोटो खिंचवा रहे हैं।

पाठ 48

सोच-समझकर दोस्त बनाइए

छपा हुआ संस्करण
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छपा हुआ संस्करण

सच्चा दोस्त वही होता है जो हमारा सुख-दुख बाँटता है और अच्छे-बुरे वक्‍त में हमारा साथ देता है। लेकिन बाइबल सावधान करती है कि हर कोई अच्छा दोस्त नहीं होता। तो फिर हम सोच-समझकर दोस्ती कैसे कर सकते हैं? आइए आगे बताए सवालों पर ध्यान दें।

1. आपके दोस्तों का आप पर क्या असर हो सकता है?

हम अकसर जिन लोगों के साथ वक्‍त बिताते हैं, उनके जैसे बन जाते हैं, फिर चाहे हम उनसे आमने-सामने मिलें या ऑनलाइन मिलें। उनका हम पर अच्छा असर हो सकता है या बुरा। बाइबल में लिखा है, ‘बुद्धिमानों के साथ रहनेवाला बुद्धिमान बनेगा, लेकिन जो मूर्खों के साथ [यानी जो यहोवा से प्यार नहीं करते] मेल-जोल रखता है, वह बरबाद हो जाएगा।’ (नीतिवचन 13:20) अगर आपके दोस्त यहोवा से प्यार करते हैं और उसकी उपासना करते हैं, तो उनकी मदद से आप यहोवा के करीब रह पाएँगे। आप अच्छे फैसले भी ले पाएँगे। लेकिन अगर आप उन लोगों से गहरी दोस्ती रखते हैं जो यहोवा के सेवक नहीं हैं, तो वे आपको यहोवा से दूर ले जा सकते हैं। इसलिए बाइबल बढ़ावा देती है कि हम सोच-समझकर दोस्ती करें। जब हमारे दोस्त यहोवा से प्यार करते हैं, तो इससे हमारा भला होता है और उनका भी। वह इसलिए कि हम ‘एक-दूसरे का हौसला बढ़ा पाते हैं और एक-दूसरे को मज़बूत कर पाते हैं।’​—1 थिस्सलुनीकियों 5:11.

2. आप जिस तरह के लोगों से दोस्ती करते हैं, उससे यहोवा को कैसा लगता है?

यहोवा हर किसी को अपना दोस्त नहीं मानता। वह सिर्फ उन लोगों से गहरी दोस्ती रखता है जो सीधे-सच्चे हैं। (नीतिवचन 3:32) ज़रा सोचिए, अगर हम उन लोगों से दोस्ती करें जो यहोवा से प्यार ही नहीं करते, तो उसे कैसा लगेगा? उसे बहुत ठेस पहुँचेगी। (याकूब 4:4 पढ़िए।) लेकिन अगर हम बुरी संगति से दूर रहें और उन लोगों से दोस्ती करें जो यहोवा से प्यार करते हैं, तो यहोवा खुश होगा और हमें अपना दोस्त मानेगा।​—भजन 15:1-4.

और जानिए

सोच-समझकर दोस्त बनाना क्यों ज़रूरी है? आप ऐसे दोस्त कैसे बना सकते हैं जो आपकी ज़िंदगी को और भी खूबसूरत बना दें? आइए जानें।

3. बुरी संगति से खबरदार रहिए

जो लोग यहोवा और उसके स्तरों से प्यार नहीं करते, वे बुरी संगति हैं। वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

वीडियो: बुरी संगति को ठुकराना सीखिए  (6:17)

  • क्या ऐसा हो सकता है कि हम बुरी संगति में फँस जाएँ और हमें एहसास भी न हो? यह कैसे हो सकता है?

1 कुरिंथियों 15:33 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

  • किस तरह के लोग आपके लिए बुरी संगति हो सकते हैं और क्यों?

भजन 119:63 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

  • आपको किस तरह के लोगों से दोस्ती करनी चाहिए?

एक टोकरी में सेब रखे हैं। एक सेब सड़ा हुआ है और उस पर मक्खियाँ भिनभिना रही हैं। उस सड़े हुए सेब की वजह से बाकी सेब खराब हो रहे हैं।

एक सड़ा हुआ सेब बाकी सेबों को सड़ा सकता है। तो फिर, एक बुरे दोस्त का आप पर क्या असर हो सकता है?

4. जो हमसे बिलकुल अलग हैं, वे भी हमारे अच्छे दोस्त बन सकते हैं

बाइबल में दाविद और योनातान नाम के दो इसराएलियों के बारे में बताया गया है। उन दोनों की उम्र और परवरिश में बहुत फर्क था, फिर भी उनमें गहरी दोस्ती थी और वे एक-दूसरे पर जान छिड़कते थे। पहला शमूएल 18:1 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

  • क्या दो लोगों में तभी दोस्ती हो सकती है जब उनकी उम्र और परवरिश एक-जैसी हो? आपको ऐसा क्यों लगता है?

रोमियों 1:11, 12 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

  • जो दोस्त यहोवा से प्यार करते हैं, वे एक-दूसरे का हौसला कैसे बढ़ा सकते हैं?

आगे बताए वीडियो में ध्यान दीजिए कि एक जवान भाई को कैसे एक अच्छा दोस्त मिला। उसने सोचा भी नहीं था कि वह व्यक्‍ति उसका इतना अच्छा दोस्त बन सकता है। वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

वीडियो: दोस्त कहीं भी बन सकते हैं  (5:06)

  • अखिल स्कूल में जिन लोगों से दोस्ती कर रहा था, उस बात को लेकर उसके माँ-बाप क्यों चिंता कर रहे थे?

  • शुरू-शुरू में अखिल को उन लोगों से दोस्ती करना क्यों अच्छा लग रहा था?

  • वह अपना अकेलापन कैसे दूर कर पाया?

5. अच्छे दोस्त कैसे बनाएँ?

ध्यान दीजिए कि आप अच्छे दोस्त कैसे बना सकते हैं और आप खुद भी दूसरों के सच्चे दोस्त कैसे बन सकते हैं। वीडियो देखिए।

वीडियो: सच्चा दोस्त किसे कहते हैं?  (4:14)

‘सच्चा दोस्त किसे कहते हैं?’ वीडियो का एक दृश्‍य। एक लड़की के दोस्त अलग-अलग उम्र और देश के हैं और उनके पास अलग-अलग हुनर हैं।

नीतिवचन 18:24 और 27:17 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

  • सच्चे दोस्त किस तरह एक-दूसरे की मदद करते हैं?

  • क्या आपके भी सच्चे दोस्त हैं? अगर नहीं, तो आप सच्चे दोस्त कैसे बना सकते हैं?

फिलिप्पियों 2:4 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

  • अगर आपको अच्छे दोस्त चाहिए, तो आपको खुद भी एक अच्छा दोस्त बनना होगा। यह आप कैसे कर सकते हैं?

तसवीरें: एक जवान औरत अपनी तीन दोस्तों से मिल रही है। 1. वह एक दोस्त से फोन पर बात कर रही है। 2. वह राज-घर में अपनी बुज़ुर्ग दोस्त से बात कर रही है। 3. वह अपनी एक और दोस्त से मिलने आयी है जो किसी अपने को खोने का गम सह रही है।

अगर आपको अच्छे दोस्त चाहिए, तो आपको खुद भी  एक अच्छा दोस्त बनना होगा

कुछ लोग कहते हैं: “सबसे दोस्ती करना अच्छी बात है।”

  • आप क्या जवाब देंगे?

अब तक हमने सीखा

जब हम सोच-समझकर दोस्त बनाते हैं, तो यहोवा खुश होता है और हमारा भी भला होता है।

आप क्या कहेंगे?

  • यहोवा को इस बात से क्यों फर्क पड़ता है कि हम किस तरह के लोगों से दोस्ती करते हैं?

  • हमें किन लोगों से दोस्ती नहीं करनी चाहिए?

  • जो लोग यहोवा से प्यार करते हैं, उनके साथ हम अपनी दोस्ती कैसे पक्की कर सकते हैं?

लक्ष्य

ये भी देखें

आइए जानें कि मुश्‍किल घड़ी में अच्छे दोस्त किस तरह हमारा साथ निभाते हैं।

“अंत आने से पहले अच्छे दोस्त बनाइए” (प्रहरीदुर्ग,  नवंबर 2019)

ध्यान दीजिए कि अच्छे दोस्त बनाने के लिए आप क्या कर सकते हैं।

“मैं अच्छे दोस्त कैसे बनाऊँ?” (ऑनलाइन लेख)

सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने के बारे में आपको क्या पता होना चाहिए?

सोशल मीडिया​—ज़रा सँभलकर  (4:12)

“मैं एक पिता के लिए तरसता था,” इस कहानी में पढ़िए कि एक आदमी ने क्यों अपने पुराने दोस्तों को छोड़कर नए दोस्त बनाए।

“ज़िंदगी सँवार देती है बाइबल” (प्रहरीदुर्ग,  जुलाई-सितंबर, 2012)

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