वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • CO-pgm22 पेज 2-3
  • शुक्रवार

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • शुक्रवार
  • 2022 अधिवेशन का कार्यक्रम
  • मिलते-जुलते लेख
  • शनिवार
    2022 अधिवेशन का कार्यक्रम
  • शुक्रवार
    2019 क्षेत्रीय अधिवेशन का कार्यक्रम
  • रविवार
    2022 अधिवेशन का कार्यक्रम
  • रविवार
    2024 अधिवेशन का कार्यक्रम
और देखिए
2022 अधिवेशन का कार्यक्रम
CO-pgm22 पेज 2-3
नीले और हरे रंग के कुछ आकार।

शुक्रवार

“यहोवा अपने लोगों को शांति की आशीष देगा”​—भजन 29:11

सुबह का कार्यक्रम

  • 9:20 संगीत का वीडियो

  • 9:30 गीत नं. 86 और प्रार्थना

  • 9:40 चेयरमैन का भाषण: यहोवा “शांति देनेवाला परमेश्‍वर” है (रोमियों 15:33; फिलिप्पियों 4:6, 7)

  • 10:10 परिचर्चा: प्यार होने से सच्ची शांति कैसे मिलती है?

    • • परमेश्‍वर के लिए प्यार (मत्ती 22:37, 38; रोमियों 12:17-19)

    • • पड़ोसी के लिए प्यार (मत्ती 22:39; रोमियों 13:8-10)

    • • परमेश्‍वर के वचन के लिए प्यार (भजन 119:165, 167, 168)

  • 11:05 गीत नं. 24 और घोषणाएँ

  • 11:15 नाटक के अंदाज़ में पढ़ी गयी आयतें: याकूब​—उसे झगड़े नहीं, शांति पसंद थी  (उत्पत्ति 26:12–33:11)

  • 11:45 “सच्ची नेकी की बदौलत हर तरफ शांति होगी” (यशायाह 32:17; 60:21, 22)

  • 12:15 गीत नं. 97 और अंतराल

दोपहर का कार्यक्रम

  • 1:35 संगीत का वीडियो

  • 1:45 गीत नं. 144

  • 1:50 परिचर्चा: परमेश्‍वर ने शांति लाने के जो वादे किए हैं, उनसे खुशी पाइए

    • • “मेरे सेवक खाएँगे . . . मेरे सेवक पीएँगे” (यशायाह 65:13, 14)

    • • ‘वे घर बनाएँगे, अंगूरों के बाग लगाएँगे’ (यशायाह 65:21-23)

    • • “भेड़िया और मेम्ना साथ-साथ चरेंगे” (यशायाह 11:6-9; 65:25)

    • • “देश का कोई निवासी न कहेगा, ‘मैं बीमार हूँ’” (यशायाह 33:24; 35:5, 6)

    • • “वह मौत को हमेशा के लिए निगल जाएगा” (यशायाह 25:7, 8)

  • 2:50 गीत नं. 35 और घोषणाएँ

  • 3:00 परिचर्चा: परिवार में शांति पाने के लिए नक्शे के मुताबिक चलिए

    • • प्यार और आदर से पेश आइए (रोमियों 12:10)

    • • खुलकर बातचीत कीजिए (इफिसियों 5:15, 16)

    • • मिलकर काम कीजिए (मत्ती 19:6)

    • • एक-साथ यहोवा की उपासना कीजिए (यहोशू 24:15)

  • 3:55 हमेशा ‘शांति के शासक’ का साथ दीजिए (यशायाह 9:6, 7; तीतुस 3:1, 2)

  • 4:15 इस दुनिया की नकली शांति के धोखे में मत आइए! (मत्ती 4:1-11; यूहन्‍ना 14:27; 1 थिस्सलुनीकियों 5:2, 3)

  • 4:50 गीत नं. 112 और प्रार्थना

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें