वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • lmd पाठ 5
  • सोच-समझकर बात कीजिए

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • सोच-समझकर बात कीजिए
  • लोगों से करें प्यार​—सिखाने को रहें तैयार
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • पौलुस ने क्या किया?
  • पौलुस से हम क्या सीखते हैं?
  • पौलुस की तरह हमें क्या करना है?
  • ‘परमेश्‍वर को ढूँढ़ो और वाकई तुम उसे पा लोगे’
    ‘परमेश्‍वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
  • नम्र रहिए
    लोगों से करें प्यार​—सिखाने को रहें तैयार
  • आप अपने प्रचार के इलाके के बारे में क्या सोचते हैं?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2020
  • सच्चे न्याय की प्रत्याशा हम किस से कर सकते हैं?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1989
और देखिए
लोगों से करें प्यार​—सिखाने को रहें तैयार
lmd पाठ 5

बातचीत शुरू करने के लिए

पौलुस एथेन्स के लोगों को गवाही दे रहा है।

प्रेषि. 17:22, 23

पाठ 5

सोच-समझकर बात कीजिए

सिद्धांत:  ‘तुम्हारे बोल हमेशा मन को भानेवाले हों।’​—कुलु. 4:6.

पौलुस ने क्या किया?

पौलुस एथेन्स के लोगों को गवाही दे रहा है।

वीडियो: पौलुस ने एथेन्स के लोगों को गवाही दी

1. वीडियो देखिए या प्रेषितों 17:22, 23 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों के बारे में सोचिए:

  1. क. जब पौलुस ने एथेन्स के लोगों को मूर्तिपूजा करते देखा, तो उसे कैसा लगा?​—प्रेषितों 17:16 देखिए।

  2. ख. एथेन्स के लोगों को गलत साबित करने के बजाय, पौलुस ने कैसे उनकी तारीफ की? ऐसा करने से वह उन्हें गवाही कैसे दे पाया?

पौलुस से हम क्या सीखते हैं?

2. अगर हम बात करने से पहले सोचें कि हम क्या कहेंगे, कैसे कहेंगे और कब कहेंगे, तो लोगों को हमारी बात सुनना अच्छा लगेगा।

पौलुस की तरह हमें क्या करना है?

3. बोलने से पहले सोचिए। हो सकता है कि आप किसी ऐसे व्यक्‍ति से बात कर रहे हों, जो बाइबल को नहीं मानता। ऐसे में रुककर सोचिए कि आप बाइबल के बारे में या यीशु के बारे में कैसे बात करेंगे।

4. सामनेवाले की बात मत काटिए। उसे खुलकर बात करने दीजिए। अगर वह कुछ ऐसा कहता है जो बाइबल की शिक्षाओं से अलग है, तो वहीं-के-वहीं उसे समझाने की कोशिश मत कीजिए, खुद को थोड़ा रोकिए। (याकू. 1:19) अगर आप उसकी ध्यान से सुनेंगे, तो आप समझ पाएँगे कि वह क्या मानता है।—नीति. 20:5.

5. जब मुमकिन हो, तारीफ कीजिए। हो सकता है कि सामनेवाले को यकीन है कि वह जो मानता है, वही सही है। ऐसे में शायद वह हमारी बात से तुरंत राज़ी न हो। लेकिन यह देखने की कोशिश कीजिए कि ऐसी कौन-सी बात है जिससे आप दोनों सहमत हैं और उस बात के लिए उसकी तारीफ कीजिए। फिर धीरे-धीरे उसे बाइबल की बातें समझाने की कोशिश कीजिए।

ये भी देखें

नीति. 25:15; 2 तीमु. 2:23-26; 1 पत. 3:15

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें