युवकों एक दोतरफ़ा जीवन जीने से सावधान रहो
“हे जवान, अपनी जवानी में आनन्द कर, . . . परन्तु यह जान रख कि इन सब बातों के विषय परमेश्वर तेरा न्याय करेगा।”—सभोपदेशक ११:९.
१, २. एक युवक का एक दोतरफ़ा जीवन जीने का कौनसा उदाहरण है?
“बचपन से मैं एक मसीही वातावरण में, यहोवा के गवाहों के बीच, पाला-पोसा गया,” एक युवक ने लिखा। “फिर भी, घर में रहते समय भी, जिस तरह का जीवन मैंने जीया, वह मेरे माता-पिता के मानकों और विचारों से बिल्कुल विपरीत था। मेरा जीवन अधिकांशतः एक अनियंत्रित जीवन था, संसार का एक अनुशासनहीन जीवन।”
२ युवक ने आगे व्याख्या की: “मेरे दस वर्ष की उम्र पूरी होने से भी पहले, जितना कि मैं कर सका उतना मैंने दोनों दुनियाओं से तिकड़मबाज़ी से काम निकालना शुरु किया—पाठशाला में स्वीकृति तथा मित्रता पाने, तथापि मेरे माता-पिता से स्वीकृत होने के लिए। पाठशाला में मैं रंग-ढंग और आचरण में जितना अनुरूप हो सका उतना हुआ . . . लेकिन घर में मैं पूर्ण रूप से अलग था। जिस तरह मेरे माता-पिता अपेक्षा करते थे, उसी तरह मैं एक सुशील मसीही हुआ करता था।”
३. (अ) हमें किस बात का यक़ीन है, फिर भी हम क्या जानते हैं? (ब) हमारा युवकों की ओर ध्यान आकृष्ट करना किस से प्रेरित हुआ है?
३ हम जानते हैं कि इस युवक का आचरण मण्डली में आप में से सर्वाधिक युवाओं का निरूपक नहीं। हमें यक़ीन है कि आप में से अधिकांश युवक आपके माता-पिता और मण्डली के साथ सच्चे हैं, और यह हमारे दिलों को खुश करता है। उसी समय, हम जानते हैं कि कुछेक सीधे होने का अभिनय करते हैं, और जितनी अच्छी तरह वे कर सकते हैं, वे उतना ही, बड़ों से अपना अपराध का आचरण छिपाते हैं। इसलिए यह प्रश्न किया जा रहा है: क्या आप उस तरह के व्यक्ति हैं जो आप हमें दिखाते हैं, या क्या आप एक दोतरफ़ा जीवन जी रहे हैं? हम यह नुक्ताचीनी की भावना से नहीं पूछते, लेकिन उल्टे, इसलिए कि हम आप से सचमुच प्रेम करते हैं, और, एक ऐसी रीति से अपनी जवानी बीताकर, कि यह यहोवा को प्रसन्न करे, उसका आनन्द लेने की आप की मदद करना चाहते हैं।—सभोपदेशक ११:९, १०; १२:१४; २ कुरिन्थियों ५:१०.
४. कुछ बड़ों ने भी किस तरह दोतरफ़ा जीवन जीया है, लेकिन हाल में जवानों में कौनसी बात नोट की गयी है?
४ फिर भी, आप पूछेंगे: ‘हम जवानों ही की ग़लतियाँ क्यों निकालते हो? बड़ों की क्यों नहीं?’ इस में कोई संदेह नहीं कि उन्हें भी दोतरफ़ा जीवन जीने से सावधान रहना चाहिए। एलीशा का सेवक, गेहज़ी, ने धोखेबाज़ी से बर्ताव किया, इस वास्तविकता पर परदा डालने की कोशिश करके कि उसने नामान से भेंट स्वीकार किए थे। (२ राजा ५:२०-२६) और हनन्याह तथा सफीरा ने, जो बालिग़ थे, यह कहकर झूठ बोला कि उन्होंने प्रेरितों को खेत की पूरी रक़म दे दी थी—अपने आप को नेक दिखलाने की कोशिश करके—जबकि उन्होंने वास्तव में खुद के लिए उन पैसों में से कुछ हिस्सा दबा दिया था। (प्रेरितों के काम ५:१-४) फिर भी, आप युवाओं की ओर ध्यान आकृष्ट करने का कारण यह है कि प्रतीयमान रूप से आप लोगों के बीच इस समस्या के घटन में बढ़ती हुई है।
क्यों कुछेक एक दोतरफ़ा जीवन जीते हैं
५. (अ) कुछ युवक एक दोतरफ़ा जीवन क्यों जीते हैं? (ब) जब कुछ युवक प्रशंसनीय जीवन जीते हैं, तब उनसे अक़्सर किस तरह का व्यवहार किया जाता है, और इसलिए कुछेक क्या कर बैठते हैं?
५ ऐसा क्यों है? एक युवक ने एक मुख्य कारण का सूक्ष्म निरूपण किया, यह समझाकर कि: “अलग बनकर मैं अपने दोस्तों को खोना नहीं चाहता।” यह सच है कि एक शिष्ट रीति में अलग बनना अक़्सर किसी व्यक्ति को मज़ाक का निशाना बना देता है। (तुलना १ पतरस ३:१६; ४:४ से करें.) इस से बचने और अपने हम-उम्र वालों की स्वीकृति हासिल करने के लिए, कुछ युवक नशे में धुत होंगे या यौन-संबंध करेंगे। सभी विषयों में प्रथम श्रेणी कमानेवाली और वर्ग के चर्चों में हमेशा हिस्सा लेनेवाली एक १३-वर्षीया ग़ैर-मसीही लड़की ने खेद प्रकट किया कि: “लड़के मेरे जैसी पूर्वानुमेय रूप से अच्छी लड़की में कभी दिलचस्पी नहीं दिखाएँगे। . . . मैं विचार कर रही हूँ कि मैं अपने अंकों को गिरने दूँ या ऐसा कुछ करूँ कि मेरी नेकनामी को कुछ जानदार बनाऊँ।”
६. पतरस ग़लत आचरण करने तक किस तरह प्रभावित हुआ, और इसलिए इस से युवकों के बारे में हमारी राय किस तरह प्रभावित होनी चाहिए?
६ महत्त्वपूर्ण रीति से, स्वयं प्रेरित पतरस ने एक बार वह बात, जो वह जानता था सही है, करने के बजाय, अपने इमेज, या नेकनामी के बारे में ज़्यादा विचार किया। यरूशलेम से जब यहूदी जाति के मसीहियों ने अन्तकिया को भेंट किया, पतरस ने इन अन्यजातीय व्यक्तियों से मेल-जोल रखने के कारण यहूदियों की नुक्ताचीनी के भय से, अन्यजातीय मसीहियों से संग-साथ करना छोड़ दिया। (गलतियों २:११-१४) चूँकि प्रौढ़ मसीही भी इस प्रकार हम-उम्र वालों के दबाव के सामने झुक गए हैं, क्या यह कोई अचम्भे की बात है कि अनुभवहीन युवा मंडली भी शायद ऐसा करें?—नीतिवचन २२:१५.
७. कुछ युवकों को दोतरफ़ा जीवन जीने के लिए क्या प्रलोभित कर सकता है?
७ एक संबद्ध कारण कि क्यों कुछ युवक एक दोतरफ़ा जीवन जीते हैं, यह है कि वे सोचते हैं कि वे मज़ा लेने के अवसर चूक रहे हैं। पाठशाला में वे अन्य युवकों को अपने क्रियाकलाप के विषय बोलते हुए सुनते हैं—पार्टी कितनी बढ़िया थी, उत्तम गाना-बजाना, शराब, ड्रगस्, उन्हें कैसी बढ़िया सुखभ्रांति हुई! या वे सुनते हैं कि कैसे कोई लड़का या लड़की चुंबन और संभोग कर सकता या सकती है। तो इन बातों का अनुभव लेने की कामना जगायी जाती है, और ये युवक उन चीज़ों को आज़माने के लिए प्रभावित होते हैं, जिन्हें बाइबल “पाप के थोड़े दिन का सुख” कहती है।—इब्रानियों ११:२४, २५; १ कुरिन्थियों १०:६-८.
८. युवकों का एक दोतरफ़ा जीवन जीने का मूलभूत कारण क्या है?
८ परंतु, कुछ युवकों का एक दोतरफ़ा जीवन जीने का बुनियादी कारण यह है कि यहोवा और आनेवाला नया संसार उनके मन में बिल्कुल ही यथार्थ नहीं। वे यहोवा की प्रतिज्ञाओं या यहोवा की अवज्ञा करने के परिणामों से संबंधित उसके वचन और उसके दृश्य संगठन द्वारा दिए चेतावनियों को सचमुच नहीं मानते। (गलतियों ६:७, ८) वे मूसा से भिन्न हैं, जिसके बारे में बाइबल कहती है कि: “उसकी आँखें फल पाने की ओर लगी थीं। . . . वह अनदेखे को मानो देखता हुआ दृढ़ रहा।” मूसा के लिए, यहोवा और उसकी प्रतिज्ञाएँ असली थे। पर जो लोग एक दातरफ़ा जीवन जीते हैं, उन में उस विश्वास की कमी है। वे वही देखते हैं जो शैतान चाहता है कि वे देखें—उसकी व्यवस्था की चमक-धमक। और वे पाप के थोड़े दिन के सुख के पीछे दौड़ते हैं और फिर भी, साथ-साथ, पवित्रता का अभिनय करते हैं।—इब्रानियों ११:२६, २७.
माता-पिता, आप सहायक हो सकते हैं
९. (अ) माता-पिता अपने बच्चों का एक दोतरफ़ा जीवन जीने में किस तरह सहायक हो सकते हैं? (ब) बड़ों को क्या समझने और करने में सतर्क रहने की ज़रूरत है?
९ शुरु में उद्धृत युवक ने कहा: “जो बातें मुझे पाठशाला में अलोकप्रिय बनाती थीं, वहीं बातें मेरे लिए घर में स्वीकृति और अनुमोदन की मुस्कान लाती थीं। लेकिन मुझे उस से ज़्यादा कुछ की ज़रूरत थी। मुझे ऐसे किसी व्यक्ति की ज़रूरत थी जिसका आधार मैं ले सकता, जिस से बोल सकता, और भेद खोल सकता, और मेरे माता-पिता से मुझे ये बातें नहीं मिल रही थीं।” माता-पिता, क्या आप सावधान रह रहे हैं कि आप अपने बच्चों के दोतरफ़ा जीवन जीने में सहायक तो नहीं हो रहे? क्या आप उन्हें वह ज़ाती ध्यान और मार्गदर्शन दे रहे हैं जिसकी उन्हें ज़रूरत है? बड़ों को उन ज़बरदस्त, विश्वास को क्षति पहुँचाने वाले दबावों को समझना चाहिए जिसका सामना हमारे युवक पाठशाला में करते हैं, और उन्हें प्रोत्साहित तथा मदद करने के लिए संभव सब-कुछ करने में सतर्क रहना चाहिए।—भजन ७३:२, ३; इब्रानियों १२:३, १२, १३.
१०. (अ) कौनसी जिज्ञासा की ओर ध्यान लगाने की ज़िम्मेदारी माता-पिताओं की है? (ब) जब माता-पिता मार्गदर्शन देने में असमर्थ रहते हैं, तब परिणाम अक़्सर क्या होता है?
१० अक़्सर एक युवक के प्रश्न प्रतिजाति के सदस्यों के साथ संबंधों के विषय होते हैं, एक ऐसा विषय जिस से अनेक माता-पिता, खेदजनकता से, दूर रहते हैं। “उन्होंने कभी मेरे साथ दिली बातचीत नहीं की,” एक सुंदर १५-वर्षीया तीव्रबुद्धि वाली विद्यार्थिनी ने बताया। “जो कुछ भी मैंने सैक्स के बारे में सीखा, मुझे अपने अनुभव से सीखना पड़ा। . . . हालाँकि इतनी सारी बातें थीं जिसकी मुझे मालूमात करनी थी, मुझे वह विषय छेड़ने में भी बहुत शर्म आती थी।” नतीजा क्या हुआ? उसने कहा: “मेरे माता-पिता और मेरे बीच की अदृश्य दीवार और भी अधिक बढ़ गयी, और मैं एक बहुत ही जिज्ञासु, मूर्ख और प्रभाव्य लड़की बन गयी।” जी हाँ, वह एक नौजवान के कामुक प्रस्तावों का शिकार बन गयी, लेकिन आप क्या कहेंगे, इस ज़िम्मेदारी में किसका हिस्सा था?—नीतिवचन २२:३; २७:१२.
११. (अ) माता-पिता किस तरह दिखा सकते हैं कि वे अपने बच्चों को प्रेम करते हैं? (ब) युवक संभवतः इस प्रेम की ओर किस तरह प्रतिक्रिया दिखाएँगे?
११ यह अत्यावश्यक है कि माता-पिता अपने बच्चों के साथ समय बीताकर, उनसे गोपनीय बातचीत करके, और निर्देशक तत्त्व देकर उन्हें दिखाएँ कि वे उन्हें सचमुच प्रेम करते हैं। (नीतिवचन १५:२२; २०:१८) “मुझे ऐसे लगता है कि अगर वे सचमुच ही मेरी चिन्ता करते, तो वे कुछ नियम बनाते,” एक और युवक ने कहा। अगरचे युवक अब आपके नियम और विनियम का बुरा मानते भी हैं, तो भी बाद में वे मूल्यांकन से उनकी याद करेंगे। एक युवती ने अपनी माँ को लिखा: “एक ऐसी व्यक्ति होने के नाते जो सतत मर्यादों की परीक्षा लेकर, सख़्त नियम और विनियम का पालन करने से बच निकलने के लिए बचाव के रास्तें और तरीक़ों को खोजती थी, मैं इतनी आभारी हूँ कि आपने मुझे बेलगाम न छोड़ा।” तो अपने बच्चों से आवश्यक करके कि वे आपके निर्देशक तत्त्वों का अनुपालन करें, यह दिखाइए कि आप उनसे प्रेम रखते हैं। आप विचार-विमर्श करने के रास्तों को खुला रखने या जब उन्हें आपकी ज़रूरत है, तब वहाँ होने में असमर्थ होकर, कभी उनके एक दोतरफ़ा जीवन जीने में सहायक न बनें!
१२. कुछ माता-पिताओं की कौनसी अविवेकी अभिवृत्ति उनके बच्चों का एक दोतरफ़ा जीवन जीने में सहायक होती है?
१२ माता-पिता अपने बच्चों के एक दोतरफ़ा जीवन जीने में एक काफ़ी अलग ही रीति से सहायक हो सकते हैं। न्यू जर्ज़ी राज्य उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की बातें इसे चित्रित करती हैं। न्यायाधीश ने कहा, “पाठशाला में अपराध करने के कारण शिक्षक बच्चों को अनुशासन में रखने की कोशिश करते हैं और फिर समर्थित होने के बजाय माता-पिताओं से डाँट खाते हैं।” ऐसा लगता है कि कुछ माता-पिता ग़लत रूप से मानते हैं कि उनके बच्चें कोई अपराध ही नहीं कर सकते। जब मसीही प्रचीन या अन्य ज़िम्मेदार लोग उनका ध्यान उनके बच्चों के अपराध की ओर आकृष्ट करते हैं, तब भी माता-पिता आना-कानी करते हैं। ऐसा करने से, वे अपने बच्चों के दुरंगेपन में सहायक होते हैं।
एक दोतरफ़ा जीवन दरअसल क्या है
१३. एक दोतरफ़ा जीवन जीने का अर्थ दरअसल क्या है?
१३ इस पर विचार करना अत्यावश्यक है: एक दोतरफ़ा जीवन जीने का अर्थ दरअसल झूठ बोलना है—एक धोखेबाज़, एक ढोंगी होना है। (भजन १२:२; २ तीमुथियुस ३:१३) यह शैतान के जैसे होना है, जो “आप भी ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का रूप धारण करता है।” (२ कुरिन्थियों ११:१४, १५) इसका अर्थ उन धार्मिक अगुवाओं के जैसे होना भी है, जिनके बारे में यीशु ने कहा: “हे कपटी शास्त्रियों, और फ़रीसियों, तुम पर हाय; तुम चूना फिरी हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुन्दर दिखाई देती हैं, परन्तु भीतर मुर्दों की हड्डियों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं। इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो।” (मत्ती २३:२७, २८) स्पष्ट रूप से, एक दोतरफ़ा जीवन जीना परमेश्वर के ख़िलाफ़ एक गंभीर अपराध है।
१४. एक दोतरफ़ा जीवन जीने से बचे रहने की चाह किसी व्यक्ति को क्यों होनी चाहिए?
१४ गंभीर सोच-विचार करने के लिए एक और वास्तविकता यह है: एक ढोंगी जीवन-क्रम अनिश्चित काल के लिए छिपी नहीं जा सकती। “लड़का भी अपने कामों से पहचाना जाता है, कि उसका काम पवित्र और सीधा है, वा नहीं,” बाइबल कहती है। (नीतिवचन २०:११; लूका १२:१-३) जी हाँ, आपका कार्यकलाप, चाहे अच्छा या बुरा, आख़िकार सबसे जाना जाएगा। और बाइबल दिखाती है कि परमेश्वर ढोंगियों को सख़्ती से दंड देगा। (मत्ती २४:५१) निश्चय ही आप को एक दातरफ़ा जीवन जीने से दूर रहना चाहिए!
कैसे उससे दूर रहें
१५. युवकों को एक दोतरफ़ा जीवन जीने से बचे रहने की मदद क्या कर सकता है?
१५ एक दोतरफ़ा जीवन जीने से दूर रहने का एक तरीक़ा है, कि इसका अर्थ दरअसल क्या होता है, यह सामना करें और फिर अपने आप से पूछें: क्या मैं इस तरह से याद किया जाना चाहता (चाहती) हूँ, एक ढोंगी के तौर से, शैतान और फ़रीसियों के एक अनुकरणकर्ता के तौर से? बेशक नहीं! एक और बात जो आपको एक दोतरफ़ा जीवन जीने से दूर रहने की मदद करेगी यह है कि आप उस ज़ाती मनोव्यथा और त्रासदी के बारे में सोचें जो ऐसी ज़िंदगी आपको लाएगी। याद कीजिए कि गेहज़ी को एक झूठी ज़िंदगी बीताने के लिए क्या हुआ। नामान का कोढ़ उसे लगा रहा, और वह अपनी बाक़ी ज़िंदगी के लिए एक कोढ़ी रह गया। और उदारता का दिखावा करने की कोशिश करने के कारण परमेश्वर ने हनन्याह तथा सफीरा दोनों को जान से मार डाला।—२ राजा ५:२७; प्ररितों के काम ५:५, ९, १०.
१६. एक सांसारिक जीवन-शैली में उलझनेवाले युवक को क्या हुआ?
१६ आधुनिक मिसाल भी हैं। संयुक्त राज्य अमरीका में एक युवक ने बाइबल अध्ययन करना और किंग्डम हॉल में मिटिंगों में उपस्थित होना शुरु किया था। लेकिन फिर उसने एक सांसारिक जीवन-शैली में पल्लवग्राही वृत्ति रखना शुरु किया और संग-साथ करना छोड़ दिया। वर्षों बीत गए, और उसने लिखा: “लगभग दो महीने पहले मैंने परमेश्वर से मेरे पास एक गवाह भेजने की बिनती की इसलिए कि फिर से शुरु करने की इच्छा मुझ में जाग गयी। जैसे ही मैंने फिर से पढ़ना शुरु किया, मानो बम्ब विस्फोट हुआ। एक महीने पहले मेरा कापोसीज सार्कोमा होने के तौर से निदान किया गया, जो कि इस नए असाध्य एड्स सिंड्रोम रोग का एक अंग है।” उसने अंत में कहा: “काश कि मैंने तब शास्त्रीय चेतावनियों को मानकर उनका अनुपालन किया होता, तब में आज इस स्थिति में न होता।” निश्चय ही आप ऐसे कोई दुखद परिणामों से दूर रहना चाहेंगे! सचमुच इस संसार के पास देने लायक कोई ख़ास क़ीमत की चीज़ है ही नहीं।—१ यूहन्ना २:१५-१७.
१७. एक दोतरफ़ा जीवन जीने से बचे रहने के लिए युवकों को कौनसा अधिक विचार मददपूर्ण होगा?
१७ एक दोतरफ़ा जीवन जीने से बचे रहने में एक और बात जो तुम्हारी मदद करेगी वह यह है कि हम उस असर पर ग़ौर करें जो ऐसा करने से यहोवा के नाम पर होगा। आरंभिक अंश में ज़िक्र किए गए युवक ने कहा कि जिस व्यक्ति ने उसे एक बीड़ी स्वीकार करते हुए देखा, उसने कहा: “मैं न जानता था कि यहोवा के गवाह बीड़ी पी सकते हैं। तुम एक गवाह हो ना?” उसने बाद में कहा कि उस प्रश्न से उसे बहुत बुरा लगा इसलिए कि वह जो कर रहा था, वह यहोवा के नाम पर कलंक ला रहा था। क्या आप वैसा चाहते हैं? क्या आपके मन में हमारे परमेश्वर के प्रति इतना कम आदर है कि पुराने समय के अविश्वसनीय इस्राएल के समान आप उनको बदनाम करेंगे?—भजन ७८:३६, ३७, ४१; यहेजकेल ३६:२२.
१८. (अ) माता-पिता संभवतः किस तरह प्रतिक्रिया करते अगर वे जान जाते कि उनका बच्चा एक दोतरफ़ा जीवन जी रहा है? (ब) इसे मसीही युवकों को एक दोतरफ़ा जीवन जीने से क्यों रोकना चाहिए?
१८ इसके अतिरिक्त, अपने माता-पिता के नाम और भावनाओं का विचार करें। “वह दिन आया जब मेरे माता-पिता ने जान लिया कि मैं वास्तव में क्या था” ऊपर्युक्त युवक ने कहा। “उन्हें ज़बरदस्त धक्का लगा। और अपनी ज़िंदगी में पहली बार मैंने अपनी माँ और अपने पिता को रोते देखा। मेरे किए से उन्हें कितनी गहरी चोट पहुँची थी।” संभवतः आपके माता-पिता भी रोते अगर वे जान जाते कि आप एक दोतरफ़ा जीवन जी रहे हैं। क्या आप वैसा चाहते हैं? “बड़े धन से एक अच्छा नाम ज़्यादा वांछनीय है,” बाइबल कहती है। (नीतिवचन २२:१, द जेरूसलेम बाइबल) एक दोतरफ़ा जीवन जीने से आप अपने ही अच्छे नाम को विनष्ट करते हैं। पर यही नहीं। आप अपने माता-पिता के सुनाम को ख़राब करके उसे मिट्टी में मिला देते हैं और उनकी बेइज़्ज़ती और शर्मिंदगी का कारण बनते हैं।—नीतिवचन १०:१; १७:२१.
१९. याकूब के बेटों का दुर्व्यवहार उस पर किस तरह परावर्तित हुआ और इस से कौनसा सबक़ लिया जा सकता है?
१९ याकूब के बेटे अच्छी तरह से चित्रित करते हैं कि बच्चें अपने माता-पिता के सुनाम को किस तरह तबाह कर सकते हैं। जब याकूब की बेटी दीना पर बलात्कार किया गया, उसके भाइयों ने नगर के आदमियों को वध किया और फिर नगर को लूट लिया, जिस से याकूब ने यह विलाप किया: “तुम ने इस देश के निवासी कनानियों और परिज्जियों में मुझे दुर्गंध बनाया है।” परमेश्वर ने याकूब को वह इलाक़ा छोड़ देने का भी निर्देश दिया। (उत्पत्ति ३४:३०; ३५:१, न्यू.व.) आप भी अपने माता-पिता के नाम को दुर्गंधित बना सकते हैं, यहाँ तक कि उन्हें अपने पड़ोसियों और दोस्तों को मुँह दिखाने में भी शर्मिंदगी महसूस होगी। सचमुच, जैसे कि बाइबल कहती है: “मूर्ख पुत्र से पिता परेशान होता है, और उसकी जननी को कडुआहट होती है।”—नीतिवचन १७:२५, न्यू.व.
२०. मसीही माता-पिताओं ने अपने बच्चों को कौनसी शानदार भेंट दी है?
२० परंतु, हमें यक़ीन है कि आप नहीं चाहते कि आपके माता-पिता परेशानी और कडुआहट झेलें। तो आपके कार्यकलाप से उन पर कैसा असर होगा, इस पर विचार करें। और, अगर आपके मसीही माता-पिता होने का विशेषाधिकार है, तो उन्होंने आपको क्या दिया है, इसके बारे में सोचें—बस जीवन ही नहीं—लेकिन उस से कहीं ज़्यादा अनमोल चीज़। यहोवा के बारे में बाइबल कहती है: “तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है।” (भजन ६३:३) आपको सच्चाई में पाल-पोसकर, आपके माता-पिता ने आपके लिए यहोवा की करुणा उपलब्ध कराई है, और उसके साथ एक रिश्ता कायम करने के लिए आपकी मदद की है। यह पास होना, जीवन से भी बेहतर है इसलिए कि अगर आप मर भी जाएँ, तो भी परमेश्वर आपको परादीस में अनन्त जीवन देगा।
दूसरों को उससे दूर रहने की मदद करें
२१. (अ) उन युवकों की क्या ज़िम्मेदारी है जो दूसरों के अपराध के बारे में जानते हैं? (ब) एक १३-वर्षीया ने कौनसी उत्तम मिसाल पेश की?
२१ अगर आप ऐसे किसी के बारे में जानते हैं जो एक दोतरफ़ा जीवन जी रहा है तो क्या किया जाना चाहिए? पहले, उस व्यक्ति को प्राचीनों के पास जाने को प्रोत्साहित करें। और अगर उसने ऐसा करने से इंकार किया तो क्या किया जाना चाहिए? फिर इसे रिपोर्ट करने की आपकी शास्त्रीय ज़िम्मेदारी है। (लैव्यव्यवस्था ५:१) हम जानते हैं कि यह आसान नहीं होगा, लेकिन ऐसा करना सही है। “जो घाव मित्र के हाथ से लगें वे विश्वास योग्य हैं,” बाइबल कहती है। (नीतिवचन २७:६) अपनी शास्त्रीय ज़िम्मेदारी के विषय एक भाषण सुनने के बाद, एक १३-वर्षीया ने अपनी उस सहेली, जो वह जानती थी अपराध कर रही थी, के पास जाकर कहा कि उसे प्राचीनों के पास जाकर अपना अपराध क़बूल करना चाहिए। “मैंने जाकर उस से पूछा कि क्या उसने किसी प्राचीन से बातचीत की थी या नहीं,” लड़की लिखती है। “उसने ऐसा नहीं किया था। तो मैंने एक के पास जाकर बता दिया।” युवती ने पूछा: “क्या मैंने अपने ‘भूतपूर्व-सबसे अच्छी सहेली’ का पोल खोलकर सही किया?” उसने अवश्य किया! जबकि ऐसा करने के तात्कालिक परिणाम कष्टदायक होंगे, बाद में अपराधी के लिए इसका नतीजा आनन्ददायक, प्राणरक्षक भी हो सकता है।—इब्रानियों १२:११.
२२. युवकों को कौनसे विवेकी मार्ग पर चलने को प्रोत्साहित किया जाता है, और उसका नतीजा क्या होगा?
२२ फिर भी इन सारी बातों से बचकर रहा जा सकता है अगर आप शुरु से ही एक दोतरफ़ा जीवन ना जीएँ। तो बुद्धिमान बनें। जैसा आप एक नज़दीकी मित्र के साथ करेंगे, परमेश्वर के साथ एक सदृढ़ ज़ाती रिश्ता विकसित करें। उससे नियमित रूप से प्रार्थना करके, उसकी मदद माँगकर, और मेहनती रीति से उसके वचन, बाइबल, का अध्ययन करके ऐसा करें, ताकि आप सचमुच उसके गुणों का मूल्यांकन कर सकेंगे। युवकों, फिर आपको आशीषें दीं जाएँगी और आप अपने माता-पिता के मन को आनन्दित करेंगे। लकिन उस से भी ज़्यादा महत्त्वपूर्ण, आप यहोवा के मन को आनन्दित करेंगे।—नीतिवचन २७:११.
आप किस तरह प्रत्युत्तर देंगे?
◻ कुछ युवक दोतरफ़ा जीवन क्यों जीते हैं?
◻ कुछ माता-पिता अपने बच्चों का एक दोतरफ़ा जीवन जीने में किस तरह सहायक होते हैं?
◻ दरअसल एक दोतरफ़ा जीवन जीने का क्या अर्थ है?
◻ युवक एक दोतरफ़ा जीवन जीने से किस तरह बचे रह सकते हैं?
◻ अगर युवक अन्य युवकों के विषय जानते हैं जिन्होंने गंभीर अपराध किए हों, तो उन्हें कौनसी ज़िम्मेदारी है?
[पेज 18 पर तसवीरें]
गोपनीयता से बातचीत करना पिता (या माता) के प्रेम को प्रदर्शित करता है
[पेज 20 पर तसवीरें]
अगर आप अवगत हैं कि किसी ने गंभीर अपराध किया है, तो उसे रिपोर्ट करने को प्रोत्साहित करें