राज्य उद्घोषकों की रिपोर्ट
सायप्रस में विरोध के बावजूद सुसमाचार उन्नति करता है
प्रेरित पौलुस ने राज्य का सुसमाचार सायप्रस में प्रचार किया। (प्रेरितों के काम १३:४-१२) यह सा. यु. ४७–४८ में था। आज, इस सुन्दर द्वीप में यहोवा के १,२१३ गवाह सुसमाचार का प्रचार करते हैं, और गए वर्ष के मार्च में २,६५३ व्यक्ति स्मारक दिन समारोह में उपस्थित हुए जो दिखाता है, कि इस द्वीप में कई सच्चे दिलवाले और परमेश्वर के भय माननेवाले रहते हैं। लेकिन जब कई लोग इस शांतिपूर्ण बाइबल संदेश का स्वागत करते हैं, जो यहोवा के गवाहों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, यीशु के दिनों के यहूदी याजक वर्ग के समान, ग्रीक ऑर्थडॉक्स चर्च (यूनानी रूढ़ीवादी चर्च) इस कार्य का विरोध करते हैं। (यूहन्ना १५:२०) सायप्रस का शाखा कार्यालय ऐसे लिखता है: “हमारे प्रचार कार्य में बाधा ड़ालने के लिए ग्रीक ऑर्थडॉक्स चर्च पहले से कहीं अधिक अपना दृढ़ निश्चय दिखा रही है।” फिर वह रिपोर्ट वर्णन करती है कि कैसे ये पादरी भाईयों को उनकी घर-घर की सेवकाई में परेशान करते हैं और उन्हें गुस्सा दिलाने की कोशिश करते हैं, ताकि वे उन्हें एक वाद-विवाद में शामिल कर सकें। वे फिर उन पर गड़बड़ी उत्पन्न करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन भाई बिल्कुल ही उत्तेजित नहीं हाते और वहाँ से चले जाते हैं।
सचमुच, पादरी वर्ग का विरोध बहुधा निष्फल होता है, जैसे कि यह निम्नलिखित अनुभव दिखाता है: “कुछ महिने पहले, एक स्त्री ने यहोवा के गवाहों के साथ बाइबल का अध्ययन शुरु किया, और हाल ही में उसका पति भी शामिल होने लगा। फिर एक धर्मविज्ञानी ने इस दंपति से भेंट की, इस आशा से कि वह उन्हें, उनका बाइबल अध्ययन छोड़ देने के लिए प्रेरित कर सके। उस धर्मविज्ञानी ने उन्हें त्रियेक समझाने की कोशिश की। कुछ समय बाद, उस पति ने टोककर कहा: ‘मैं यह नहीं समझ सकता कि कैसे यीशु स्वर्ग में अब एक भौतिक शरीर में हाते हुए, जैसे कि आप दावा करते हैं, परमेश्वर के साथ एक बन सकता है जो कि आत्मिक रूप में हैं।’ उस धर्मविज्ञानी का जवाब था: ‘खैर, तुम्हें सब कुछ समझने की ज़रूरत नहीं है।’ उस रुचि रखनेवाले व्यक्ति ने कहा: ‘लेकिन मैं यह समझता हूँ कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है और स्वयं परमेश्वर नहीं। मैं त्रियेक के बारे में और ज़्यादा कुछ भी सुनना नहीं चाहता।’ इस पर वह धर्मविज्ञानी उठ खड़ा हुआ और क्रोधित होकर कहा: ‘तुम अपने बाइबल अध्ययन में बहुत प्रगति कर चुके हो। अब तुम बदल नहीं सकते।’”
अब पत्नी सभी सभाओं में उपस्थित हो रही हैं और उसने “यहोवा में भरोसा रखो” ज़िला सम्मेलन में बपतिस्मा लिया। पति ने अपना अध्ययन जारी रखा है और कुछ सभाओं में उपस्थित होता है।
सायप्रस शाखा कार्यालय से वह रिपोर्ट कहती है, “इस तरह उनके परिश्रमों के बावजूद पादरी वर्ग अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर रहे हैं। बल्कि, अब हम जो देख रहे हैं, वह यह है कि अधिक से अधिक दिलचस्पी रखनेवाले लोग, अब पहले से ज़्यादा, सभाओं में उपस्थित होते हैं। उसी वक्त, हमारे भाई सच्चे दिलवालों को सुसमाचार देने के लिए और भी निश्चित हैं।” यहोवा अपने वफादार लोगों का समर्थन कर रहे हैं जैसे उन्होंने यिर्मयाह १:१९ में प्रतिज्ञा की, कि वे करते: “वे तुझ से लड़ेंगे तो सही, परन्तु तुझ पर प्रबल न होंगे, क्योंकि ‘बचाने के लिये मैं तेरे साथ हूँ,’ यहोवा की यही वाणी है।”