वह चिन्ह सबूत कि नया संसार नज़दीक है?
“जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा: और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भुईंडोल होंगे।”—मत्ती २४:७, किंग जेम्स् वर्शन.
जब विश्व युद्ध I का प्रकोप चल रहा था, द वॉचटावर, अप्रैल १५, १९१७, में ये शब्द उद्धृत किए गए और कहा गया: “हम अब इस भविष्यसूचक कथन की एक आंशिक पूर्ति देख रहे हैं, जिस में पृथ्वी के लगभग सभी राष्ट्र भयंकर संघर्ष में उलझे हुए हैं। हर कहीं उपलब्ध खाद्य संग्रह कम होता जा रहा है और निर्वाह-व्यय बढ़ रहा है।”
अब, ७२ वर्ष बाद, यह पत्रिका अब भी अपने पाठकों का ध्यान इस भविष्यवाणी की ओर आकृष्ट कर रही है। तीन प्राचीन इतिहासकारों ने इस भविष्यवाणी को यीशु मसीह द्वारा दिए “चिन्ह” के एक हिस्से के तौर से लिपिबद्ध किया।—मत्ती २४:३, ७; मरकुस १३:४, ८; लूका २१:७, १०, ११.
१९१४ से, लाखों-करोड़ों जानें युद्ध, अकाल, मरियाँ, और अन्य विपत्तियों में चली गयी हैं। द न्यू एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटॅनिका (१९८७) पिछले १,७०० वर्ष के दौरान घटनेवाले ६३ “बड़े ऐतिहासिक भूकम्प” सूचीबद्ध करती है। इस कुल संख्या में से, २७, या ४३ प्रतिशत, १९१४ से घटी हैं। प्राध्यापक गियर और शाह द्वारा लिखी किताब टेर्रा नॉन फ़र्मा में एक ऐसी सूची है जो एक ज़्यादा लंबी अवधि सम्मिलित करती है। उस सूची के कुल “महत्त्वपूर्ण” भूकम्पों में से ५४ प्रतिशत भूकम्प १९१४ से घटित हुए हैं।a यह मानते हुए भी कि पिछली सदियों का इतिहास अपूर्ण हैं, हम इस निष्कर्ष से मुँह मोड़ नहीं सकते कि अपने समय में मनुष्यजाति भूकम्पों से बहुत ज़्यादा आक्रान्त हुई है।
जापान के हीरोशीमा और नागासाकी शहरों पर अणुबम विस्फोटित होने के साथ-साथ इस से भी ज़्यादा भयभीत करनेवाली बात ने लोगों के दिलों पर आघात किया। परमाणीय शक्तियों के पास व्यापक विनाश के अब इतने सारे अस्त्र हैं कि मानवजाति विलोप के संकट में है। जैसे कि इतिहासकार लूका ने यीशु की भविष्यवाणी में आगे लिपिबद्ध किया: “आकाश से भयंकर बातें और बड़े बड़े चिन्ह प्रगट होंगे . . . और पृथ्वी पर, उपाय न जानने के कारण देश देश के लोगों की मनोव्यथा . . . और भय के कारण और संसार पर आनेवाली घटनाओं की बाट देखते देखते लोगों के जी में जी न रहेगा।”—लूका २१:११, २५, २६, न्यू.व.
हालाँकि दो सूपरपावर शक्तियाँ अपने शस्त्रागारों में से कुछ अस्त्रों की संख्या कम करने के लिए शायद राज़ी होंगे, फिर भी ऐसे समझौतों से हिंसात्मक अपराध, आर्थिक पात, और आतंकवाद के विषय मनुष्य का भय कम न होगा। एक आफ्रीकी अख़बार कहता है कि “आजकल जो बात लोगों को सबसे ज़्यादा परेशान करती है वह उनकी खुद की सुरक्षा है। . . . अपराध बेक़ाबू हो गया है . . . ; एक सर्वव्यापी भय मौजूद है।” जी हाँ, और यीशु ने पूर्वबतलाया कि “अधर्म का बढ़ना” चिन्ह का एक और यथार्थ विवरण है।—मत्ती २४:१२.
“सुसमाचार”
यद्यपि यह सुनकर आपकी चिन्ता दूर होगी, कि अभी अभी ज़िक्र की गयी दुःखद परिस्थितियों के साथ साथ पूर्वबतलाया गया है कि “सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा।” (मत्ती २४:१४) “सुसमाचार” परमेश्वर के राज्य के विषय है। अभी, उस अलौकिक विश्व सरकार ने करोड़ों की तादाद में वफ़ादार प्रजा जमा की है। यह जल्द ही मानवी मामलों में दख़ल देगी और एक धार्मिक नए संसार के लिए मनुष्य की ज़रूरत पूरी करेगी।—लूका २१:२८-३२; २ पतरस ३:१३.
अनेक लोग अविश्वास से “सुसमाचार” को एक तरफ़ धकेल देते हैं। दूसरे कहते हैं कि वे उस में विश्वास करते हैं, लेकिन वे उसके बारे में बहुत कम करते हैं। कुछेक उस पर थोड़े समय के लिए अमल करते हैं, फिर वे शक करने लगते हैं। क्या ऐसी नकारी प्रतिक्रियाएँ भी चिन्ह के एक भाग के तौर से पूर्वबतलायी गयीं? और भी महत्त्वपूर्ण, इस चिन्ह से आप व्यक्तिगत रूप से किस तरह लाभ प्राप्त कर सकते हैं?
[फुटनोट]
a द वर्ल्ड बुक एन्साइक्लोपीडिया (१९८७) सामान्य युग ५२६ से लेकर, ३७ “बड़े भूकम्प” सूचीबद्ध करती है। इस सूची में से, ६५ प्रतिशत १९१४ से घटित हुए हैं।