आप अमूल्य खज़ाना पा सकते हैं!
एक धनवान अंग्रेज पुरुष ने पूछा “क्या आप कुछ देख सकते हैं?” मिस्र के पुरावशेष के विद्वान ने उत्तर दिया, “हाँ, अद्भुत चीज़ें।” वह वर्ष १९२२ का था, और हावर्ड कार्टर को ठीक उसी समय मिस्र की घाटी के राजाओं में फिरौन टूटनखामेन की क़ब्र दिखाई दी थी। कार्टर के शब्दों में उत्तेजना व्याप्त है:
“जैसे ही मेरी आंखे प्रकाश से अम्यस्त हो गई, उस कमरे की सारी वस्तुएं धीरे-धीरे कुहरे में से प्रकट हो गईं, अद्भुत जानवर, मूर्तियाँ, और सोना—हर ओर सोने की झिलमिलाहट। उस क्षण के लिए—मेरे निकट खड़े लोगों के लिए यह दीर्घकालीन हो गया—मैं आश्चर्य से गूंगा हो गया था। . . . हमने ऐसी किसी बात को कभी सपने में भी नहीं सोचा था, पूरे कमरे में—वस्तुओं का—यह एक सम्पूर्ण अजायबघर मालूम होता था।” कार्टर ने स्वीकार किया कि उसने “खज़ाना ढूंढनेवाले की . . . तनाव भरी प्रत्याशा” महसूस की।
इस खोज ने ३,००० से अधिक वर्ष पहले छिपे हुए आश्चर्यजनक खज़ाने पर प्रकाश डाला। पर परमेश्वर चाहता है कि हम उससे भी बड़े खज़ाने की खोज में व्यस्त हों। यह खोज रत्न, सोने या चांदी की खोज से अधिक लाभप्रद है। खज़ाने की यह खोज परमेश्वरीय बुद्धि के लिए है, और इसकी एक अत्यन्त क़ीमती वस्तु अनन्त जीवन है।—यूहन्ना १७:३.
प्रय्त्न ज़रीरी है
एक पुरातत्त्वीय क्षेत्र की खुदाई के लिए बहुत प्रयत्न की ज़रूरत है। छिपे हुए, गड़े हुए, या जलमग्न खज़ाने की खोज में जंगली भूभागों में खोदने या ख़तरनाक पानी में उतरना आसान नहीं है। पर खज़ाने की खोज करनेवाले जोशीले व्यक्ति खुशी से ऐसा प्रयत्न करते हैं। वे बहुधा भीष्ण कठिनाइयों का सामना करते हैं और असम्भव दिखने वाली बाधाओं पर विजय पा लेते हैं। तब, क्या परमेश्वरीय बुद्धि की खोज इससे भी अधिक प्रयत्न के योग्य नहीं?
हम बहुमूल्य खज़ाना पा सकते हैं यदि हम बाइबल और सच्चे मसीही साहित्य का अध्ययन करने के लिए आवश्यक प्रयत्न करते हैं जो कि उनमें पाए जानेवाले बुद्धि के रत्न हासिल करने में हमारी सहायता के लिए निर्मित हैं। निरन्तर प्रयास ज़रूरी है। हम धनी नहीं बन पाएंगे यदि हम भौतिक खज़ाने के लिए खुदाई शुरु करते हैं पर ऊपरी सतह को थोड़ा खरोंचने के बाद प्रयास छोड़ देते हैं। यही बात उस समय भी सच होगी जब हम आत्मिक खज़ाने की खुदाई शुरु करते हैं और शीघ्र ही उसे छोड़ देते हैं क्योंकि हम सोचते हैं कि इसे जारी रखने से हम थक जाएंगे। “जो ज्ञान ऊपर से आता है” उन के लिए है जो उसे पाने के लिए स्वयं प्रयत्न करते हैं। (याकूब ३:१७) क्या आपको उस परमेश्वरीय बुद्धि का बहुमूल्य खज़ाना पाने के लिए आवश्यक प्रयत्न नहीं करना चाहिए?
[पेज 2 पर चित्र का श्रेय]
Cover and page 3 photo: K. Scholz/H. Armstrong Roberts