सहस्राब्दि में उत्तरजीवित रहने के लिए संघबद्ध बने रहना
“वे एक ही झुण्ड बनेंगी और एक ही चरवाहा होगा।”—यूहन्ना १०:१६, न्यू.व.
१. अमर परमेश्वर के लिए, एक हज़ार वर्ष किस के समान हैं?
यहोवा मनुष्यजाति के लिए समय का सृजनहार है। और उस, अमर परमेश्वर के लिए, जो अनन्तकाल से अनन्तकाल तक है, एक हज़ार वर्ष तेज़ी से गुज़रनेवाले दिन के समान है या हमारी किसी रात के एक प्रहर भर के जैसे।—भजन ९०:४; २ पतरस ३:८.
२. यहोवा परमेश्वर ने मनुष्यजाति को आशीर्वाद देने के लिए कौनसी कालावधि नियत की है?
२ परमेश्वर ने एक हज़ार वर्ष का एक प्रतीकात्मक दिन निश्चित किया है जिसके दौरान वह पृथ्वी के सभी परिवारों को आशीर्वाद देगा। (उत्पत्ति १२:३; २२:१७, १८; प्रेरितों के काम १७:३१) इन में वे लोग शामिल हैं जो अब मुरदा हैं और वे भी जो अभी ज़िन्दा हैं। परमेश्वर यह कैसे करेगा? अजी, अपने प्रतीकात्मक स्त्री के “वंश,” यीशु मसीह, द्वारा अपने राज्य के ज़रिए!—उत्पत्ति ३:१५.
३. (अ) परमेश्वर की स्त्री के वंश की एढ़ी किस तरह डस दी गयी, लेकिन वह घाव किस तरह स्वस्थ किया गया? (ब) यीशु मसीह के हज़ार वर्षीय शासनकाल के अंत में, वह प्रतीकात्मक साँप को क्या करेगा?
३ परमेश्वर की स्त्री (या स्वर्गीय संघटन) के वंश की प्रतीकात्मक एढ़ी उस समय डस दी गयी जब यीशु मसीह हमारे सामान्य युग के सन् ३३ में शहीद की मौत मरा और तीन दिन के अंशों के लिए मृत रहा। लेकिन तीसरे दिन पर, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, महान् जीवन-दाता, ने अपने वफ़ादार बेटे को आत्मिक क्षेत्र में अमर जीवन सहित पुनरुत्थित करके उस घाव को अच्छा किया। (१ पतरस ३:१८) चूँकि यीशु फिर कभी न मरेगा, वह एक हज़ार वर्ष तक मनुष्यजाति पर राजा के रूप में राज्य करने और, हज़ार वर्षीय शासनकाल की समाप्ति के बाद प्रतीकात्मक सांप का सिर “कुचल” कर, उसे अस्तित्व ही से रौंदने की स्थिति में है। विश्वसनीय प्रत्यावस्थान-प्राप्त मनुष्यजाति के लिए वह क्या ही आशीर्वाद होगा!
४. परमेश्वर अपने लोगों के साथ किस तरह का कार्यक्रम पूरा कर रहा है?
४ १९१४ में अन्यजातियों का समय ख़त्म होने के वक्त से, इस “रीति-व्यवस्था की समाप्ति” के दौरान, दुनिया भर में यहोवा के लोगों के बीच बहुत संघटनात्मक कार्य चालू रहा है। (मत्ती २४:३; लूका २१:२४, किंग जेम्स् वर्शन) सहस्राब्दि के पूर्व का यह संघटनात्मक कार्यक्रम महान् संघटनकर्ता, यहोवा परमेश्वर, की इच्छानुसार और उसके निर्देशन में पूरा हो रहा है। अपनी स्त्री, अपनी पत्नी-समान स्वर्गीय संघटन, के ज़रिए, यीशु मसीह द्वारा अपने प्रतिज्ञात राज्य का जन्म १९१४ में हुआ, जो कि बाइबल भविष्यद्वाणी की पूर्ति से प्रमाणित है।
५. प्रकाशितवाक्य १२:५ में किस का जन्म पूर्वबतलाया गया, और द वॉच टावर में इसे पहले कब स्पष्ट किया गया?
५ इस प्रकार प्रकाशितवाक्य १२:५ के शब्द शानदार रूप से पूर्ण हुए हैं: “वह बेटा जनी जो लोहे का दण्ड लिए हुए, सब जातियों पर राज्य करने पर था, और उसका बच्चा एकाएक परमेश्वर के पास, और उसके सिंहासन के पास उठाकर पहँचा दिया गया।” मसीह द्वारा यहोवा के राज्य का जन्म, जो परमेश्वर की स्त्री के नवजात शिशु द्वारा चित्रित है, सर्वप्रथम द वॉच टावर के मार्च १, १९२५ अंक में स्पष्ट किया गया। १९१४ में स्वर्ग में इस मसीही राज्य का जन्म, पृथ्वी पर १९१९ में सिय्योन की “सन्तान” की “जाति” के जन्म से अलग है।—यशायाह ६६:७, ८.
६. (अ) राज्य के जन्म से यीशु द्वारा पूर्वबतलाया गया कौनसा काम आवश्यक हुआ? (ब) यह कार्य करने के लिए यहोवा के लोगों की तरफ़ से क्या आवश्यक हुआ, और वे अब किस तरह का रुख पेश करते हैं?
६ यहोवा के राज्य का जन्म, जिसके ज़रिए वह सारे ब्रह्मांड पर अपनी वैध प्रभुसत्ता को सत्य सिद्ध करेगा—आहा, अब यहाँ ऐसी बात थी जो पूरी दुनिया में घोषित होने लायक थी! और अब यीशु की अदृश्य “उपस्थिति” के संबंध में उसके इन शब्दों की पूर्ति का समय आया था: “राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा।” (मत्ती २४:३, १४) एक अंतर्राष्ट्रीय, विश्वव्याप्त पैमाने पर संयुक्त, सुसंगत प्रचार कार्य से यहोवा के विश्व संघटन के दृश्य हिस्से का संघटित होना वास्तव में आवश्यक होता। वॉच टावर बाइबल ॲन्ड ट्रॅक्ट सोसाइटी, जिसका प्रतिनिधित्व उसके उस वक्त के सभापति, जे. एफ़. रदरफर्ड ने किया, इस बात के पक्ष में थी। इसलिए, १९१९ के युद्धोत्तर वर्ष से, संस्थे के वफ़ादार समर्थकों का एक प्रत्यावस्थान-प्राप्त जाति के रूप में संघटित किया जाना, दृढ़निश्चय से और, सर्वोत्तम संघटनकर्ता, यहोवा परमेश्वर के मार्गदर्शन और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना से आगे बढ़ा। दूसरे विश्व युद्ध के सम्मुख, फ़ासिस्टवादी, हिट्लर के नाट्ज़ी आंदोलन, और कैथोलिक ॲक्शन द्वारा कड़े विरोध के बावजूद, दुनिया भर में यहोवा के गवाहों ने इस बैरी दुनिया को एक संयुक्त रुख पेश किया।
७. (अ) यहोवा के लोग एक दूसरे के साथ सिर्फ़ कौनसे संबंध में रहकर भारी क्लेश में से बचने की आशा रख सकते हैं? (ब) प्रलय के उत्तरजीवी सार्वभौमिक जल-प्रलय में से कैसे बच निकले, और वे किस के आदिरूप थे?
७ केवल यहोवा के गवाहों को, अभिषिक्त शेष जन और “बड़ी भीड़” के सदस्य जो एक संयुक्त संघटन के रूप में सर्वोत्तम संघटनकर्ता के रक्षण में हैं, इस दंडित व्यवस्था, जिस पर शैतान इब्लीस हावी है, के आनेवाले अंत से बच निकलने की कोई धर्मशास्त्रीय आशा है। (प्रकाशितवाक्य ७:९-१७; २ कुरिन्थियों ४:४) यही लोग वे “प्राणी” होंगे, जो यीशु मसीह के कहे मुताबिक मानव इतिहास के सबसे बदतर क्लेश से बचाए जाएँगे। यीशु ने कहा, जैसा नूह के दिनों में हुआ, वैसा ही उस समय होगा जब वह प्रकटित होता। उस जहाज़ के अन्दर, जिसे संपूर्ण करने के लिए संघटित प्रयास के कई साल लग गए, सार्वभौमिक जलप्रलय में से केवल आठ लोग बच निकले। वे एक संयुक्त पारिवारिक समूह के तौर से बच निकले। (मत्ती २४:२२, ३७-३९; लूका १७:२६-३०) नूह की पत्नी मसीह की दुल्हन के सदृश है, और उसके बेटे तथा बहुएँ यीशु के आधुनिक “अन्य भेड़ों” से मेल खाते हैं, जो कि एक वर्धमान बड़ी भीड़ में बढ़ चुके हैं, और जिनका अन्तिम विस्तार हमें इस समय पता नहीं। (यूहन्ना १०:१६) महान् नूह, यीशु मसीह, के अधीन सहस्राब्दि में उत्तरजीवित रहने के लिए, उन्हें अभिषिक्त शेष जन, “चुने हुओं” के साथ संघबद्ध रहना पड़ेगा, जिनके कारण “भारी क्लेश” के दिन घटाए जाएँगे।—मत्ती २४:२१, २२.
सहस्राब्दि में उत्तरजीवित होना
८. अपनी उपस्थिति के बारे में अपनी भविष्यद्वाणी ख़त्म करते हुए, यीशु ने कौनसा दृष्टान्त दिया, और उसे समझने में जून १, १९३५ की तारीख़ क्यों महत्त्वपूर्ण थी?
८ मत्ती के सुसमाचार के अनुसार, यीशु ने अपनी उपस्थिति के चिह्न की भविष्यद्वाणी एक दृष्टांत देकर समाप्त की। इसे आम तौर से भेड़ें और बक़रियों की नीति-कथा कहा जाता है, और यह अब लागू होता है, इस रीति-व्यवस्था की समाप्ति के दौरान, जो कि १९१४ में अन्यजातियों के समय के अंत से शुरू हुई। (मत्ती २५:३१-४६) शनिवार, जून १, १९३५ की तारीख़ इस नीति-कथा के भेड़ों की पहचान की समझ से संबंधित महत्त्वपूर्ण थी, कि वे बड़ी भीड़ के सदस्य हैं। उस दिन, वॉशिंग्टन, डी. सी. में यहोवा के गवहों के एक सम्मेलन में, ८४० व्यक्तियों ने यीशु मसीह के ज़रिए यहोवा परमेश्वर को अपने समर्पण के प्रतीक में बपतिस्मा लिया। इन में से अधिकांश ने प्रकाशितवाक्य ७:९-१७ पर जे. एफ़. रदरफ़र्ड द्वारा दिए गए भाषण की ओर तत्पर प्रतिक्रिया दिखाकर यह क़दम उठाया। उनकी इच्छा थी कि वे उत्तम चरवाहे की अन्य भेड़ों की बड़ी भीड़ का एक हिस्सा बनते, जिन्हें आनेवाले भारी क्लेश से बच निकलने और इस रीति-व्यवस्था के अंत में से गुज़रकर चरवाहा-राजा, यीशु मसीह, के सहस्राब्दिक शासनकाल में जीने का मौका है। आख़िरकार, उन्हें एक परादीस पृथ्वी पर अनन्त जीवन प्राप्त होता है।—मत्ती २५:४६; लूका २३:४३.
९. भेड़ों को “[उनके लिए] तैयार किए हुए राज्य” का अधिकारी बनने को निमंत्रित क्यों किया जाता है, और वे किस तरह राजा के भाइयों को भलाई करने की सबसे अच्छी स्थिति में हैं?
९ इन भेड़-समान लोगों को “उस राज्य के अधिकारी” बनने का निमंत्रण क्यों दिया जाता है, “जो जगत के आदि से [उनके लिए] तैयार किया हुआ है”? राजा उन्हें बताता है कि यह इसलिए है कि उन्होंने उसके “भाइयों” के साथ भलाई की, और उस प्रकार उसके साथ भलाई की। इस अभिव्यक्ति, “भाइयों” से, राजा का मतलब उसके आत्मिक भाइयों के शेष जन से है, जो इस रीति-व्यवस्था की समाप्ति में पृथ्वी पर अभी ज़िंदा हैं। चूँकि वे चरवाहा-राजा, यीशु मसीह, के भाइयों के साथ एक झुण्ड बने थे, वे इनके शेष जन के साथ यथासंभव निकटतम साहचर्य में रहते और इस प्रकार उनके साथ भलाई करने के सबसे अच्छी स्थिति में होते। भौतिक साधन से भी, वे यीशु के भाइयों को अंत आने से पहले दुनियाभर में स्थापित राज्य का संदेश प्रचार करने की मदद करते। इस संबंध में, भेड़ें एक चरवाहे के एक झुण्ड के रूप में शेष जन के साथ संघबद्ध रहने के उनके खास अनुग्रह को संजोए रखतीं।
१०. “[उनके लिए] जगत के आदि से तैयार किए हुए राज्य का अधिकारी होना” भेड़ों के लिए क्या अर्थ रखता है?
१० “[उनके लिए] तैयार किए हुए राज्य” का वारिस होने का यह मतलब नहीं कि ये भेड़ें यीशु मसीह और उसके भाइयों के साथ स्वर्ग में एक हज़ार वर्ष के लिए शासन करेंगीं। उलटा, सहस्राब्दि की शुरुआत ही से, भेड़ें उस राज्य के पार्थिव क्षेत्र के अधिकारी होंगीं। चूँकि वे आदम और हव्वा के वंशज हैं, यह पार्थिव क्षेत्र, जिसे मसीह द्वारा परमेश्वर का राज्य अपने अधिकार में लेगा, उनके लिए उद्धार्य मानवजाति से बननेवाले “जगत के आदि से” तैयार किया गया था। इसके अतिरिक्त, चूँकि भेड़ें राजा के पार्थिव बच्चें बन जाती हैं, जो कि उनका “अनन्त पिता” बन जाता है, वे परमेश्वर के राज्य के अधीन एक पार्थिव क्षेत्र, या सम्पत्ति, के उत्तराधिकारी बन जाती हैं।—यशायाह ९:६, ७.
११. भेड़ें अब कैसे दिखाती हैं कि वे राज्य का समर्थन करती हैं, और इसकी वजह से, उन्हें कौनसा आशीर्वाद मिलता है?
११ प्रतीकात्मक बक़रियों की तुलना में, भेड़-समान लोग सुस्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि वे राज्य के पक्ष में खड़े हैं। कैसे? कामों से, सिर्फ़ शब्दों ही से नहीं। स्वर्ग में राजा की अदृश्यता की वजह से, वे उसके राज्य के समर्थन में सीधे-सीधे उसके साथ भलाई नहीं कर सकते। इसलिए वे उसके आत्मिक भाइयों के साथ, जो अभी पृथ्वी पर हैं, भलाई करते हैं। हालाँकि ऐसी भलाई करने की वजह से, वे अपने ऊपर बक़रियों की तरफ़ से द्वेष, विरोध और उत्पीड़न लाते हैं, राजा भेड़ों को बताता है कि वे ‘उसके पिता के धन्य लोग’ हैं।
१२. उत्तरजीवी भेड़ों को किनका स्वागत करने का खास अनुग्रह हासिल होगा, और इस संबंध में, शेष वर्ग के सदस्यों ने कौनसी बात पर विचार किया है?
१२ राजा के आत्मिक भाइयों के भेड़-समान हितकारियों की बड़ी भीड़ को सहस्राब्दि में उत्तरजीवित रहने के खास आनन्दित अनुग्रह से धन्य किया जाएगा। यथासमय, वे मानव मृतकों का स्वागत करने में हिस्सा लेंगे, जो कि स्मरणार्थ क़ब्रों में हैं। (यूहन्ना ५:२८, २९; ११:२३-२५) इन में वे विश्वसनीय कुलपिता और भविष्यद्वक्ता शामिल होंगे, जिन्होंने यहोवा की प्रभुसत्ता की सत्य सिद्धि के लिए बहुत कष्ट भोगा और सहन किया, ताकि वे “उत्तम पुनरुत्थान,” संभवतः एक प्रारंभिक पुनरुत्थान, “में भागी हों।” (इब्रानियों ११:३५) इब्रानियों अध्याय ११ में आंशिक रूप से सूचीबद्ध, ऐसे पुनरुत्थित विश्वसनीय पुरुष और स्त्रियों में बपतिस्मा देनेवाला यूहन्ना भी शामिल होगा। (मत्ती ११:११) कुछ अभिषिक्त शेष जन ने ऐसे पुनरुत्थित, विश्वसनीय लोगों का स्वागत करने के विषय में सोचा है, जो सामान्य युग ३३ के पिन्तेकुस्त से पहले मरे थे। क्या अभिषिक्त लोगों को ऐसा खास अनुग्रह मिलेगा?
१३. शेष जन को पृथ्वी पर पुनरुत्थित लोगों का स्वागत करने और उनकी देखभाल करने के लिए मौजूद रहना क्यों अनावश्यक होगा?
१३ इसकी कोई ज़रूरत न होगी। क्लेश उत्तरजीवियों की बड़ी भीड़ काफ़ी तादाद में स्थिति सँभालने और पुनरुत्थित लोगों को “नए आकाश” के अधीन “नयी पृथ्वी” के बारे में अवगत कराने के लिए मौजूद होगी। (२ पतरस ३:१३) अब भी, बड़ी भीड़ को इसी काम के लिए संघबद्ध किया जा रहा है। आज, ख़बरों के अनुसार, जब यीशु के आत्मिक भाइयों की संख्या ९,००० से कम है, उन में के उत्तरजीवी आम पुनरुत्थान तक की तैयारी के सारे काम की देख-रेख करने के लिए जैसे-तैसे कम ही होंगे। (यहेजकेल ३९:८-१६) तो फिर, यहीं बड़ी भीड़, जिनकी तादाद लाखों में है, उत्तम रीति से काम आएगी। और बेशक ऐसा खास अनुग्रह उनके लिए नियत है।
१४. (अ) बड़ी भीड़ के अनेक सदस्य किस के लिए प्रशिक्षित किए जा रहे हैं, और क्यों उन में से कई लोगों को अब ज़िम्मेदारी ग्रहण करना पड़ती है? (ब) कौनसी घटनाएँ बहुत जल्द होंगी, और अन्य भेड़ों के सामने कौनसा काम है?
१४ बड़ी भीड़ के अनेक सदस्य अभी मण्डली की ज़िम्मेदारियों में प्रशिक्षित किए जा रहे हैं और निर्माण योजनाओं के ज़रिए भी जो परमेश्वर का संघटन दुनिया भर में चला रहा है। और यह देखना प्रोत्साहक है कि बड़ी भीड़ के आत्मिक रूप से प्रौढ़ आदमियों को उस संघटन में, जिस से यहोवा अब पृथ्वी पर कार्य करवा रहा है, अधिक ज़िम्मेदारियाँ दी जा रही हैं। अभिषिक्त वर्ग के शेष जन बूढ़े होते जा रहे हैं और इतना सारा बोझ नहीं उठा सकते। राजा के ये भाई उस प्रेममय संघटनात्मक सहायता का स्वागत करते हैं जो बड़ी भीड़ के आत्मिक रूप से योग्य बुज़ुर्ग और सहायक सेवक दे सकते हैं। बहुत जल्दी, बड़ी बाबेलोन पार्थिव दृश्य से हटा दी जाएगी। फिर, जैसे प्रकाशितवाक्य १९:१-८ सूचित करता है, स्वर्ग में, अपनी संपूर्ण १,४४,००० सदस्यों की दुल्हन के साथ मेम्ने के विवाह की संसिद्धि होगी, और, नए आकाश के अधीन नयी पृथ्वी की हैसियत से सेवा कर रहीं अन्य भेड़ें, उस वक्त तक पुनरुद्धार का शानदार कार्य जारी रखने में राजा का प्रतिनिधित्व करेंगी, जब तक संपूर्ण पृथ्वी यहोवा की प्रशंसा के लिए एक बसी हुई परादीस बन न जाएगी।—यशायाह ६५:१७; यशायाह ६१:४-६ से तुलना करें।
१५. सहस्राब्दि के लिए बड़ी भीड़ कौनसी प्रत्याशाएँ पाने की आशा रखती है?
१५ मसीह के सहस्राब्दिक शासन के दौरान, जब मानवजाति के छुड़ाए हुए मृतक पुनरुत्थित होंगे, उत्तरजीवी बड़ी भीड़ ज़बरदस्त और अत्यंत सम्मान्य खास अनुग्रहों का उपभोग करेगी। वे तब राजा के बेटे और बेटियाँ बनेंगे। उन में से ऐसे बेटों के लिए राजकुमारों का पद धारण करना संभव होगा, उसी तरह जिस तरह राजा दाऊद के बेटे विविध ज़िम्मेदारियों वाले राजकुमार थे।a इस से हमें भजन ४५ की याद आती है, जो कि यहोवा के अभिषिक्त “राजा” के संबंध में रचा गया था।
१६. भजन ४५ दरअसल किसे संबोधित करता है, और यह कैसे साबित किया जा सकता है?
१६ असल में भजन ४५ कौनसे राजा को संबोधित करता है? अजी, यीशु मसीह को! इब्रानियों १:९ यह अनुप्रयोग भजन ४५:७ को उद्धृत करके करता है, जहाँ लिखा गया है: “तू ने धर्म से प्रीति और दुष्टता से बैर रखा है। इस कारण परमेश्वर ने हाँ तेरे परमेश्वर ने तुझ को तेरे साथियों से अधिक हर्ष के तेल से अभिषेक किया है।” तो दरअसल यह महिमान्वित यीशु मसीह ही है, जिस से भजन ४५:१६ कहता है: “तेरे पितरों के स्थान पर तेरे पुत्र होंगे; जिनको तू सारी पृथ्वी पर राजकुमार ठहराएगा।” (न्यू.व.)
१७. राजा, यीशु मसीह, किस बात में, और किन लोगों में खासकर दिलचस्पी रखता है?
१७ सही सही, यीशु अपने पार्थिव अतीत से ज़्यादा, शासन कर रहे राजा के रूप में अपने भविष्य में दिलचस्पी रखता है। निश्चय ही, वह उस अतीत को और खासकर इब्राहीमी वंश के ज़रिए सारे परिवारों को धन्य करने के लिए यहोवा की प्रतिज्ञा में शामिल अपने मानव पूर्वजों को नहीं भूलता। लेकिन अब उसकी मुख्य दिलचस्पी राजा-निर्माता, यहोवा परमेश्वर, द्वारा उद्देश्य किए गए निकटतम भविष्य में है। इसलिए यीशु के पार्थिव बच्चे, खासकर उन में से बेटे जो उसके अधीन राजसी पदों पर सेवा करने के योग्य हैं, दिलचस्पी का केंद्र बनेंगे—उसके पार्थिव पूर्वजों से कहीं ज़्यादा।
१८. भजन ४५:१६ के कुछेक अनुवाद, यीशु की अपने पार्थिव पूर्वजों से ज़्यादा, राजसी पुत्रों में दिखायी महत्तम दिलचस्पी पर कैसे ज़ोर देते हैं?
१८ पूर्वजों से ज़्यादा, राजसी बेटों में यीशु की महत्तम दिलचस्पी पर अनेक बाइबल अनुवादों में ज़ोर दिया गया है। उन में से कुछेक भजन ४५:१६ का अनुवाद कुछ इस प्रकार करते हैं: “तुम्हारे बेटे तुम्हारे पूर्वजों का स्थान लेंगे, और सारे देश में राजकुमार के पद तक उन्नत होंगे।” (मॉफ़्फ़ॅट) “तुम्हारे पूर्वजों का स्थान तुम्हारे पुत्रों को होगा; तुम उन्हें सारी भूमि में राजकुमार बनाओगे” (आयत १७, द न्यू अमेरिकन बाइबल) “तुम्हारे पूर्वपुरुषों के बजाय, तुम बच्चे जनोगे; तुम उन्हें सारी पृथ्वी के ऊपर राजकुमार बनाओगे।”—सॅम्यूएल बॅग्स्टर ॲन्ड सन्स द्वारा प्रकाशित, द सेप्टुआजिन्ट वर्शन.
१९. बड़ी भीड़ के कुछेक आदमियों को कौनसी मण्डलीय ज़िम्मेदारी है, और राजा, यीशु मसीह, उन्हें अपने हज़ार वर्षीय शासनकाल के दौरान शायद कौनसे पद पर नियुक्त करेगा?
१९ हमें अत्यंत आनन्द होता है कि प्रत्याशी राजकुमार हमारे ही बीच मौजूद हैं। वे अन्य भेड़ों में पाए जाते हैं जो उत्तम चरवाहा, यीशु मसीह की आवाज़ सुनते हैं। वे खासकर १९३५ से उसे सुनते आए हैं, जब वॉशिंग्टन, डी. सी. में यहोवा के गवाहों के सम्मेलन में प्रकाशितवाक्य ७:९-१७ स्पष्ट किया गया था। आज, दुनिया भर में २१२ देशों में, अन्य भेड़ों की इस बड़ी भीड़ के हज़ारों व्यक्ति, यहोवा के गवाहों के ५७,६७० से ज़्यादा मण्डलियों में, बुज़ुर्गों, या अध्यक्षों, के रूप में सेवा कर रहे हैं। यीशु के आत्मिक भाइयों के शेष जन के साथ, जो अभी पृथ्वी पर हैं, संघबद्ध रहने से ये आदमी प्रतिज्ञात नयी पृथ्वी पर उसके हज़ार वर्षीय शासनकाल के दौरान, राजा, यीशु मसीह के पार्थिव पुत्रों की हैसियत से पूर्ण रूप से अपनाए जाने के लिए नियत हैं। (२ पतरस ३:१३) इस हैसियत से, वे नयी पृथ्वी में सेवा करने के लिए राजकुमारों के तौर से नियुक्त हो सकेंगे।
२०. (अ) पृथ्वी पर अपने नियुक्तियों के प्रति राजा की अभिवृत्ति कैसे होगी? (ब) बड़ी भीड़ किसका स्वागत करेगी, और वापस लौट रहे लोगों के सामने कौनसा मौका रखा है?
२० राजा, यीशु मसीह, इन नव नियुक्त राजकुमारों को मान्यता देने के लिए खुश होगा, उसी तरह जैसे वह अब यहोवा के गवाहों के वर्तमान समय की मण्डलियों में विश्वसनीय अन्य भेड़ों की अध्यक्षता मान्य करता है। अन्य भेड़ों की बड़ी भीड़ के सभी सदस्यों को—पुरुषों के साथ साथ महिलाएँ भी—उन सभी लोगों को मृतावस्था से स्वागत करने का रोमांचक खास अनुग्रह हासिल होगा, जो यीशु की आवाज़ सुनकर एक स्वच्छ की गयी पृथ्वी पर, जिसे एक व्यापक परादीस बनाया जाएगा, मानव संपूर्णता की अवस्था में अनन्त जीवन प्राप्त करने के मौके के लिए पुनरुत्थित होंगे। (यूहन्ना ५:२८, २९) उन अत्यंत कृपापात्र पुनरुत्थित लोगों में यीशु के उद्धार-प्राप्त पूर्वज शामिल होंगे, विश्वास दिखानेवाले पुरुष, जो “उत्तम पुनरुत्थान” पाने की आशा में यहोवा परमेश्वर के प्रति अपनी निष्ठा मृत्यु तक भी साबित करने के लिए तैयार थे। (इब्रानियों ११:३५) लेकिन अपने उद्धारक-राजा, यीशु मसीह, के सहस्राब्दिक शासनकाल के दौरान पूर्ण मानव जीवन तक उन्नत किया जाना सिर्फ़ एक शुरुआत है। सहस्राब्दि के अंत में प्रत्यावस्थान-प्राप्त मनुष्यजाति पर लायी गयी आख़री परीक्षा के दौरान, यहोवा परमेश्वर के अधीन अटूट रूप से संघबद्ध रहने से, वे अपने आप को यहोवा के विश्वव्याप्त संघटन के पार्थिव हिस्से के तौर से, परादीस में अन्तहीन जीवन के लिए दोषमुक्त ठहराए जाने के योग्य साबित करेंगे।—मत्ती २५:३१-४६; प्रकाशितवाक्य २०:१-२१:१.
[फुटनोट]
a २ शमूएल ८:१८, न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन रेफ़रेन्स बाइबल, फुटनोट, से तुलना करें।
आप कैसे उत्तर देंगे?
◻ मनुष्यजाति को आशीर्वाद देने के लिए यहोवा ने कौनसी कालावधि नियत की है?
◻ एक दूसरे के साथ सिर्फ़ कौनसे संबंध में रहकर हम भारी क्लेश में से बच पाएँगे?
◻ भेड़ों का ‘जगत के आदि से तैयार किए हुए राज्य के अधिकारी होने’ का क्या अर्थ है?
◻ सहस्राब्दि के दौरान, बड़ी भीड़ कौनसे खास अनुग्रहों में भागी हो सकेंगी?