प्रतिज्ञात देश से दृश्य
शोमरोन उत्तरी राजधानियों में प्रधान
बाबेल, नीनवे, और रोम। वे बाइबल समयों में राजधानी नगरें थी। फिर भी बाइबल के अनुसार, यरुशलेम को छोड़ उन राजधानियों में ध्यान देने योग्य शायद एक भी नहीं है, बल्कि शोमरोन है। क्योंकि लगभग २०० वर्ष तक वह इस्राएल के दस गोत्रों के लिए राजधानी रही थी और बहुत सी भविष्यवाणीयुक्त सन्देश शोमरोन पर केंन्द्रित थी। लेकिन आप शोमरोन के बारे में क्या जानकारी रखते हैं? और क्यों वह उत्तर राजधानियों में प्रधान थी?
नक़शे की ओर देख कर, यरूशलेम में यहोवा का राजा और मन्दिर से इस्राएलियों के दस गोत्र के अलग हो जाने के बाद के इतिहास को थोड़ा याद किजिए। यारोबाम ने उत्तरी राज्य को संगठित करने में नेतृत्व किया, उत्तरी-दक्षिन पर्वती के प्रस्थाना देश शकेम में कुछ अल्प समय तक राज्य किया। फिर कुछ समय बाद यारोबाम ने तिर्सा को अपनी राजधानी बनाई जो वादी फरहा के आगे थी। यरदन घाटी से एक मार्ग निकल कर तिर्सा की ओर पर्वती रास्ते से जा मिलता था। क्या आप जानते हैं कि नादाब, बाशा, एला, जिम्री और ओम्री के शासनकाल में भी तिर्सा दस गोत्रों के राज्य के लिए राजधानी रह चुकी थी?—उत्पत्ति १२:५-९; ३३:१७, १८; १ राजा १२:२०, २५, २७; १४:१७; १६:६, १५, २२.
यद्यपि छ: वर्ष बाद ओम्री ने एक नयी राजधानी बनाई। कहाँ? उसने बायी ओर पहाड़ी जो आप देख रहे हैं, शोमरोन, खरीद ली थी। (१ राजा १६:२३-२८) यद्यपि अब वहाँ खेती बारी के लिए सीढ़ीदार जमीन काफी है, ओम्री ने शायद इस स्थान को इसलिए चुना होगा की मैदान से बहिर्विष्ट होता हुआ सपाट-चोटी पहाड़ का आसानी से रक्षित किया जा सकता था। उसके पुत्र अहाब ने शोमरोन के निर्माण कार्य को जारी रखा और स्पष्ट रूप से उसकी किलाबन्दी को चोड़ी दिवारों से फैला दी। उसने बाल देवता के लिए एक मन्दिर भी बनाया और खुद के लिए और उसकी कनानी पत्नी ईज़ेबेल के लिए एक राजभवन भी बनवाया। खोदाई कार्य के खंडहरों से अहाब के राजभवन का पत्ता चलता है जैसे की आप अगले पन्ने पर देख रहे हैं। वह राजभवन सुख-साधन और दुष्टता के लिए ज्ञात था। (१ राजा १६:२९-३३) भविष्यद्वक्ता एलिय्या की कल्पना कीजिए, जो इसी नगर पर चढ़कर राजभवन की ओर जानेवाली चौड़ी सड़क से चलकर वहाँ अहाब के बाल केन्द्र की दुष्टता के विषय में सूचना देने को गया था।—१ राजा १७:१.
१९१० में पुरातत्त्वज्ञों ने मिट्टी के बर्तन के टुकड़ों को पाया जिन पर दाखमधु और जैतूनी तेल का नै-भार या कर अदा करने की अभिलेखन लिखा गया था। किन्तु उसपर बहुतों के व्यग्तिगत नाम बाल से जुड़े हुए थे। यह बात आप के लिए दिलचस्पी की हो सकता है कि पुरातत्त्वज्ञों ने हाथीदांत से जड़े हुए टुकड़ों को या विशाल आलोक चित्र को भी खोज निकाला है जैसे कि यहाँ बतलाया गया है। याद किजिए कि १ राजा २२:३९ में बहुत वर्ष पहिले जिक्र किया गया था कि अहाब ने “हाथीदांत का भवन बनाया” था। शायद हो सकता है इसमें सज्जा-सामग्री को गढ़कर उसमें हाथीदांत को जड़ दिया गया होगा, जैसे की एक शताब्दी बाद भविष्यद्वक्ता आमोस ने भव्य “हाथीदांत के पलंगों“ का जिक्र किया था। (आमोस ३:१२, १५; ६:१, ४) उसमें प्रमुख भाव से पंखवाले नारसिंही मूर्ति और मिस्री मिथकशास्त्र के कई प्रतिक भी शामिल थी।
अहाब और ईज़ेबेल का जिक्र आपके मनों में उनकी मौत किस प्रकार हुई का नजारा सामने ले आता है। अहाब ने अपनी जान आरामियों के साथ एक मूर्खतापूर्ण युद्ध में खो दी। जब उसका रथ “शोमरोन के पोखरे” पर धोया गया तब “कुत्तों ने उसका लोहू चाट लिया,” और एलिय्याह का वचन सच्च ठहरा। (१ राजा २१:१९; २२:३४-३८) रानी ईज़ेबेल की मौत एक राजमहल की खिड़की से उठाकर फेंक देने से हुई थी। क्या यह घटना इसी शोमरोन के राजमहल से हुइ थी? नहीं। अहाब के पास उत्तर में यिज्रौल नाम तराई में भी एक राजमहल था। उसने नाबोत की निकट की दाख की बारी का अघिग्रहण कर लिया था। वहाँ के राजमहल की ऊँचाई से पहरेदारों ने पूर्व की ओर से रथ पर सवार येहू को आँधी के वग से तराई के रास्ते से आते देखा। और इसके बाद ही शोमरोन की भूतपूर्व रानी को गिरा दिया गया और उसकी भयंकर किन्तु न्यायसंगत मृत्यु हुई।—१ राजा २१:१-१६; २ राजा ९:१४-३७.
जब तक शोमरोन एक राजधानी के रूपमें बना रहा, उसे परमेश्वर की स्वीकृति या आशीर्वाद नहीं था। बल्कि, उसने अपने दक्षिण की ओर की राजधानी, यरूशलेम के प्रति प्रतिस्पर्धा और शत्रुता प्रकट की। यहोवा ने शोमरोन के शासकों और उसकी प्रजा को उनकी मूर्तिपूजा, अनैतिकता और अपनी व्यवस्था के प्रति अपमान करने के कारण भविष्यवक्ताओं को भेजकर चेतावनी दी किन्तु कुछ भी लाभ नहीं हुआ। (यशायाह ९:९; १०:११; यहेजकेल २३:४-१०; होशे ७:१; १०:५; आमोस ३:९; ८:१४; मीका १:१, ६) इसलिए आखिर ७४० सा.यु.पूर्व में, शोमरोन का न्याय किया गया और अश्शूरियों के द्वारा उजाड़ कर डाला। उसके बहुत से प्रजा जन को बन्दी बनाकर ले गए, और उनकी जगह विदेशियों ने ले ली।—२ राजा १७:१-६, २२-२४.
काफी आरसे के बाद, खास करके महान हेरोदेस के समय में, यूनानियों और रोमियों ने शोमरोन के कुछ प्रधानता दुबारा बहाल कर दी। इस कारण यीशु और प्रेरितों को भी उत्तरी राजधानियों में से इस राजधानी की अच्छी तरह से जानकारी थी।—लूका १७:११; यूहन्ना ४:४.
[पेज 10 पर नक्शे]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
यिज्रौल
तिर्सा
शोमरोन
शकेम
यरूशलेम
यरदन नदी
[चित्र का श्रेय]
Based on a map copyrighted by Pictorial Archive (Near Eastern History) Est. and Survey of Israel.
[पेज 10 पर चित्र का श्रेय]
Pictorial Archive (Near Eastern History) Est.
[पेज 11 पर चित्रों का श्रेय]
Pictorial Archive (Near Eastern History) Est.
Garo Nalbandian
Inset: Israel Department of Antiquities and Museums; photograph from Israel Museum, Jerusalem