विश्वास को शक्तिशाली बनानेवाले भावोत्तेजक दर्शन
प्रकाशितवाक्य से मुख्य अंश
यहोवा का सेवक यूहन्ना एशिया माइनर के पश्चिमी तट से कुछ दूर, पतमुस नाम के छोटे से द्वीप पर है। वहाँ यह बूढ़ा प्रेरित आश्चर्यजनक बातें देखता है—प्रतीकात्मक, अक्सर चौंका देनेवाली, और सचमुच ही अर्थगर्भित बातें! वह अपने आप को प्रभु के दिन में पाता है, जो कि १९१४ में यीशु के राज्याभिषेक से लेकर उसके सहस्राब्दिक शासन के अन्त तक चलता है। हालाँकि यूहन्ना ऐसी घटनाओं को देखता है जो मनुष्यजाति के सबसे अन्धकारमय समय में घटित होंगी, मसीह के एक हज़ार वर्ष के शासन के बारे में उसका पूर्वदर्शन कितना शानदार है! तब मनुष्यजाति कितने बढ़िया आशीर्वादों का आनन्द लेगी!
यूहन्ना ने इन दर्शनों को प्रकाशितवाक्य की बाइबल किताब में लिपिबद्ध किया। सामान्य युग के क़रीब वर्ष ९६ में लिखा गया यह प्रकाशितवाक्य, भविष्यवाणी के परमेश्वर, यहोवा, और उनके पुत्र, यीशु मसीह में हमारे विश्वास को शक्तिशाली बना सकता है।—तफ़सील के लिए, वॉच टावर बाइबल ॲन्ड ट्रैक्ट सोसाइटी ऑफ न्यू यॉर्क, इंक., द्वारा प्रकाशित किताब रेवलेशन—इट्स ग्रॅन्ड क्लाइमॅक्स ॲट हॅन्ड! देखें।
मसीह प्रेमपूर्ण सलाह देते हैं
मसीह के ज़रिए परमेश्वर की ओर से आए हुए इस प्रकाशितवाक्य के प्रारम्भिक हिस्से में, यीशु के संगी राज्य वारिसों से बनी सात कलीसियाओं को लिखी गयी चिट्ठियाँ प्रकट होती हैं। (१:१-३:२२) कुल, इन चिट्ठियों में प्रशंसा दी गयी है, समस्याओं की शिनाख़्त की गयी है, सुधार और/या प्रोत्साहन दिया गया है, और निष्ठावान् आज्ञाकारिता से उत्पन्न होनेवाले आशीर्वादों का उल्लेख किया गया है। हालाँकि इफिसियों ने धीरज धरा था, फिर भी उन्होंने अपने पहले-जैसे प्रेम को छोड़ दिया था। स्मुरना की आध्यात्मिक रूप से धनी कलीसिया को परीक्षा में विश्वसनीय रहने का प्रोत्साहन दिया जाता है। उत्पीड़न ने पिरगमुन की कलीसिया को अभिभूत नहीं किया, लेकिन इसने साम्प्रदायिकता को बरदाश्त किया है। तुआतीरा की कलीसिया में मसीहियों की बढ़ी हुई गतिविधियों के बावजूद भी, वहाँ एक इजेबेल प्रभाव मौजूद है। सरदीस की कलीसिया को आध्यात्मिक रूप से जागने की ज़रूरत है, और फिलेदिलफिया की कलीसिया के पास जो कुछ है उसे थामे रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, और गुनगुने लौदिकिया वासियों को आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ होने की ज़रूरत थी।
भावी स्वर्गीय राजाओं के प्रशिक्षण के लिए—वास्तव में सभी मसीहियों के लिए ये शब्द कितने उत्तम हैं! उदाहरण के तौर से, क्या हम में से कोई भी गुनगुना बन गया है? तो फिर कुछ करें! किसी गरम दिन में एक प्याला ठंडे पानी की तरह स्फूर्तिदायक बनें, लेकिन यहोवा और उनकी सेवा के लिए तप्त उत्साह भी दर्शाना शुरु करें।—मत्ती ११:२८, २९; यूहन्ना २:१७ से तुलना करें।
मेम्ना एक खर्रा खोलता है
फिर यहोवा वैभव के साथ अपने सिंहासन पर बैठे हुए दिखायी देते हैं। (४:१-५:१४) उनके इर्द-गिर्द २४ प्राचीन और चार जीवित प्राणी हैं। सात मुहरों से बन्द खर्रा उनके हाथ में है। इस खर्रे को कौन खोल सकता है? अजी, मेम्ना, यीशु मसीह ऐसा करने के क़ाबिल है!
जैसे ही मेम्ना छः मुहरों को खोलता है, प्रभावशाली घटनाएँ प्रकट हो जाती हैं। (६:१-७:१७) जैसे ही पहली मुहर खोल दी जाती है, मसीह एक श्वेत घोड़े पर सवार प्रकट होता है, वह एक मुकुट पाता है (१९१४ में), और जय करता हुआ निकलता है। जब तीन और मुहरें खोल दी जाती हैं, अन्य घुड़सवार मानवजाति पर युद्ध, अकाल, और मृत्यु लाते हैं। पाँचवीं मुहर के खोले जाने पर, मसीह के लिए शहीद हुए लोग उनके खून का पलटा लेने के लिए पुकारते हैं, और हर एक को “एक श्वेत वस्त्र” दिया जाता है। यह शाही विशेषाधिकारों के साथ अमर आत्मिक प्राणी बनने के लिए उनके पुनरुत्थान से सम्बंधित एक धार्मिक स्थिति को सूचित करता है। (प्रकाशितवाक्य ३:५; ४:४ से तुलना करें।) जब छठीं मुहर खोल दी जाती है, परमेश्वर और मेम्ने के प्रकोप के दिन की घोषणा एक भुइंडोल से होती है। लेकिन जब तक परमेश्वर के १,४४,००० दासों पर मुहर लगा दी नहीं जाती, तब तक “पृथ्वी की चारों हवाओं” को, जो कि विनाशकारी दण्ड सूचित करती हैं, थामा जाता है। जब इन्हें परमेश्वर की आत्मा से अभिषिक्त किया जाता है और उनके आत्मिक बेटों के तौर से अपनाया जाता है, तब इन्हें अपने स्वर्गीय विरासत के तौर से एक अग्रिम प्रमाण—एक मुहर, या प्रतिज्ञा दी जाती है। परीक्षण होने के बाद ही यह मुहरबन्दी स्थायी हो जाती है। (रोमियों ८:१५-१७; २ कुरिन्थियों १:२१, २२) और सभी जातियों में से एक “बड़ी भीड़”—एक पार्थिव परादीस में अनन्त जीवन की आशा रखनेवाली भीड़ को देखकर यूहन्ना को कितनी हैरत होती होगी! वे “बड़े क्लेश” में से निकलते हैं, जो कि मनुष्यजाति के लिए विपत्ति का एक अपूर्व समय है।
जब सातवीं मुहर खोल दी जाती है तब कैसी चौंका देनेवाली घटनाएँ घटित होती हैं! (८:१-११:१४) आधे-घंटे का सन्नाटा होता है, जिससे पवित्र जनों की प्रार्थनाएँ सुनी जा सकती हैं, और इसके बाद वेदी की आग को पृथ्वी पर डाला जाता है। इसके बाद सात स्वर्गदूत ईसाईजगत् पर परमेश्वर की विपत्तियाँ घोषित करनेवाली तुरहियाँ फूँकने के लिए तैयार हो जाते हैं। पूरे अन्त के समय में, बड़े क्लेश तक यह तुरहियाँ फूँकी जाती हैं। चार तुरहियाँ पृथ्वी, समुन्दर, मीठे पानी के सोतों, और सूर्य, चान्द और तारों पर विपत्ति घोषित करती हैं। पाँचवीं तुरही के फूँकने पर टिड्डियाँ आ जाती हैं, जो कि १९१९ से लेकर संघर्ष करने के लिए सामने आनेवाले अभिषिक्त मसीहियों को चित्रित करती हैं। छठीं तुरही के फूँके जाने से, घुड़सवारों का एक हमला हो जाता है। इसकी पूर्ति में, अभिषिक्त लोग, जो कि १९३५ से “बड़ी भीड़” से प्रबलित हुए हैं, ईसाईजगत् के धार्मिक अगुवों के ख़िलाफ़ यातना-उत्पन्न करनेवाले संदेश घोषित करते हैं।
इसके बाद यूहन्ना एक छोटा खर्रा खा लेता है, जिस से सूचित होता है कि अभिषिक्त लोग अपना नियत कार्य स्वीकार करते हैं और वे परमेश्वर के वचन के उन हिस्सों से पोषण पाते हैं, जिन में ईश्वरीय न्यायदण्ड की अभिव्यक्तियाँ हैं, जो वे ईसाईजगत् के ख़िलाफ़ घोषित करते हैं। प्रेरित को मंदिर का नाप लेने की आज्ञा दी जाती है, जिस से मंदिर की व्यवस्था से सम्बंधित यहोवा के उद्देश्यों की निश्चित पूर्ति सूचित होती है, और कि जो लोग इस से संबद्ध हैं, उन्हें ईश्वरीय स्तरों के अनुकूल होना ही चाहिए। फिर परमेश्वर के अभिषिक्त “दो गवाह” टाट ओढ़े हुए भविष्यिवाणी करते हैं, मार दिए जाते हैं, और फिर उन्हें जिलाया जाता है। यह १९१८-१९ की ओर संकेत करता है, जब शत्रुओं ने उनके प्रचार कार्य को क़रीब-क़रीब मरा हुआ बना दिया था, लेकिन यहोवा के सेवकों को उनकी सेवकाई के लिए चमत्कारिक रूप से पुनरुज्जीवित किया गया।
राज्य का जन्म होता है!
सातवीं तुरही के बजने से राज्य का जन्म घोषित होता है। (११:१५-१२:१७) स्वर्ग में एक प्रतीकात्मक स्त्री (यहोवा परमेश्वर का स्वर्गीय संघटन) एक बेटे को जन्म देती है (परमेश्वर का राज्य जिसमें मसीह राजा है), लेकिन अजगर (शैतान) उसे निगल जाने की बेकार कोशिश करता है। १९१४ में राज्य के जन्म के बाद, स्वर्ग में हुए युद्ध की पराकाष्ठा में, विजयी मीकाईल (यीशु मसीह) अजगर और उसके दूतों को इस पृथ्वी पर गिरा देता है। वहाँ अजगर स्वर्गीय स्त्री के अभिषिक्त शेष जनों के ख़िलाफ़ युद्ध करता रहता है।
तदनन्तर यूहन्ना एक जंगली पशु को देखता है, जिसका एक घृणित प्रतिबिम्ब बनाया जाता है। (१३:१-१८) यह सात-सिर और दस-सींग वाला राजनीतिक जंगली पशु “समुद्र” में से निकलता है, जो कि मनुष्यजाति की अशांत जनसमूह है, जिस में से मानव शासन उत्पन्न होता है। (दानिय्येल ७:२-८; ८:३-८, २०-२५ से तुलना करें।) इस प्रतीकात्मक प्राणी के अधिकार का स्रोत कौन है? अजी, यह तो उस अजगर, शैतान के अलावा और कोई नहीं है! और ज़रा सोचिए! एक दो-सींग वाले पशु (अँग्रेज़ी-अमरीकी विश्व शक्ति) को इसी राजनीतिक विकृतांग प्राणी की एक “मूरत“ बनाते हुए देखा जाता है, जो अब संयुक्त राष्ट्र संघ के तौर से जाना जाता है। अनेकों को इस जंगली पशु की उपासना करने और उसके बताए हुए तौर-तरीक़ों के अनुसार कार्य करने तथा उसे उनकी ज़िन्दगी को नियंत्रित करने देने से उसका “चिह्न” स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाता है। लेकिन यहोवा के गवाह इस जंगली पशु के दुष्टात्मिक चिह्न को स्वीकार करने से इंकार कर देते हैं!
यहोवा के सेवक कार्य करते हैं
परमेश्वर के विभिन्न सेवक कार्य करते हुए देखे जाते हैं, जब उनके प्रकोप के सात कटोरे उँडेल दिए जाते हैं। (१४:१-१६:२१) सुनिए! स्वर्गीय सिय्योन पहाड़ पर, यूहन्ना १,४४,००० लोगों को, मानो एक नया गीत गाते हुए सुनता है। आकाश के बीच में उड़ते हुए एक स्वर्गदूत के पास पृथ्वी के निवासियों को सुनाने के वास्ते सनातन सुसमाचार है। यह क्या दर्शाता है? यही कि यहोवा के गवाहों को राज्य संदेश की घोषणा करने में स्वर्गदूतों की मदद प्राप्त है।
पृथ्वी की दाख लता को काटा हुआ देखकर और जब परमेश्वर के प्रकोप का बड़ा रस का कुण्ड रौंदा जाता है, तब सम्पूर्ण जातियों को उसमें कुचला हुआ देखकर, यूहन्ना को ताज्जुब होता होगा। (यशायाह ६३:३-६; योएल ३:१२-१४ से तुलना करें।) इसके बाद यहोवा की आज्ञा पाते ही, सात स्वर्गदूत ईश्वरीय प्रकोप के सात कटोरे उँडेल देते हैं। पृथ्वी, समुन्दर, मीठे पानी के सोते, और साथ ही सूर्य, जंगली पशु का सिंहासन, और फ़रात नदी पहले छः कटोरों के उँडेले जाने से प्रभावित होते हैं। यूहन्ना की उत्तेजना की कल्पना करें जब वह ग़ौर करता है कि दुष्टात्मिक प्रचार हार-मगेडोन में परमेश्वर के युद्ध के लिए मानवी राजाओं को एकत्रित कर रहा है। और जब सातवाँ कटोरा हवा पर उँडेल दिया जाता है, तब नतीजा विध्वंसकारी होता है।
दो प्रतीकात्मक स्त्रियाँ
अवश्य, झूठे धर्म के विश्व साम्राज्य, बड़ी बाबेलोन का अन्त, और उसके सर्वनाश के बाद होनेवाली आनन्दित घटनाओं को देखकर यूहन्ना बहुत ही खुश होता है। (१७:१-१९:१०) पवित्र लोगों के खून से मतवाली होकर, वह सात सिर और दस सींग वाले किरमिजी रंग के एक जंगली पशु (राष्ट्र संघ और उसका उत्तराधिकारी, संयुक्त राष्ट्र संघ) पर बैठी हुई दिखायी देती है। आहा, लेकिन उसे किस तरह तबाही भुगतनी पड़ती है जब वही सींग उसके विरूद्ध हो जाते हैं!
बड़ी बाबेलोने के विनाश के लिए याह की स्तुति करनेवाली आवाज़ें सुनाई देती हैं। और क्या ही गर्जक स्तुति मेम्ने तथा उसकी दुल्हन, पुनरुत्थित अभिषिक्त लोगों की शादी की घोषणा करती है!
मसीह जय प्राप्त कर शासन करते हैं
तत्पश्चात् यूहन्ना राजाओं के राजा को देखता है, जब वह शैतान की रीति-व्यवस्था का नाश करने के लिए स्वर्ग की सेनाओं का नेतृत्व कर रहा होता है। (१९:११-२१) जी हाँ, “परमेश्वर का वचन,” यीशु, जातियों के ख़िलाफ़ युद्ध करता है। प्रेरित जंगली पशु (शैतान के राजनीतिक संघटन) को और झूठे भविष्यवक्ता (अँग्रेज़ी-अमरीकी विश्व शक्ति) को “आग की झील” में, जो कि सम्पूर्ण, अनन्त नाश का प्रतीक है, डाले जाते हुए देखता है।
इसके बाद क्या? अजी, अब तो यूहन्ना शैतान का अथाह कुण्ड में डाला जाना देखता है। इसके बाद मसीह के एक हज़ार वर्ष के शासन का पूर्वदर्शन आता है, जिस के दौरान यीशु और उसके पुनरुत्थित सह-शासक मनुष्यजाति में न्याय करते हैं और मानवी परिपूर्णता पाने के लिए आज्ञाकारी लोगों का उत्थान करते हैं! (२०:१-१०) अब आख़री परीक्षा का समय है। अथाह कुण्ड से रिहा होकर, शैतान परिपूर्ण की गयी मनुष्यजाति को बहकाने लगेगा, लेकिन परमेश्वर के ख़िलाफ़ सभी दुष्टात्मिक और मानवी बाग़ियों के जीवनों का अन्त विनाश द्वारा होगा।
समय में पीछे जाते हुए, यूहन्ना मृतावस्था, हेडीज़ (मनुष्यजाति की सामान्य क़ब्र), और समुन्दर में से सभी मरे हुओं को पुनरुत्थित होते देखकर, और परमेश्वर के सामने, जो एक विशाल श्वेत सिंहासन पर बैठे हुए हैं, उनका न्याय होता देखकर कितना मंत्रमुग्ध हो गया होगा! (२०:११-१५) और ईमानदार लोग कितनी राहत महसूस करेंगे जब मृत्यु और हेडीज़ को आग की झील में डाल दिया जाएगा, जो कि फिर कभी बलि नहीं माँगेगे!
जैसे यूहन्ना के दर्शन समाप्त होने को आते हैं, वह नयी यरूशलेम को देखता है। (२१:१-२२:२१) वह शासकीय शहर स्वर्ग से नीचे आ रहा है और जातियों के लिए प्रकाश ला रहा है। नयी यरूशलेम के बीचों-बीच “जीवन के जल की एक नदी” बहती है, जो कि धर्मशास्त्रीय सत्य को, और पाप तथा मृत्यु में से आज्ञाकारी मनुष्यों का उद्धार करके, उन्हें अनन्त जीवन देने के लिए यीशु के बलिदान पर आधारित बाक़ी सभी ईश्वर-प्रदत्त प्रबंधों को चित्रित करती है। (यूहन्ना १:२९; १७:३; १ यूहन्ना २:१, २) इस नदी के दोनों किनारों पर, यूहन्ना को पेड़ नज़र आते हैं, जिसकी पत्तियाँ स्वस्थ्यलाभ देती हैं। यह आज्ञाकारी मनुष्यजाति को अनन्त जीवन देने के लिए यहोवा के प्रबंध को चित्रित करते हैं। परमेश्वर और मसीह की ओर से समाप्ति के संदेशों के बाद एक निमंत्रण दिया जाता है। आत्मा और दुल्हन द्वारा हर एक को ‘आ, जीवन का जल सेंतमेंत लेने’ का निमंत्रण सुनना क्या ही बढ़िया बात है! और जब हम प्रकाशितवाक्य के समाप्ति के शब्द पढ़ते हैं, तब निःसंदेह हम यूहन्ना की विस्मयाधिबोधक अभिव्यक्ति की उत्तेजना में शामिल होते हैं: “आमीन! हे प्रभु यीशु, आ।”
[पेज 28 पर बक्स/तसवीरें]
जागते रहें: हार-मागेडोन (आरमागेडोन) के परमेश्वर के युद्ध के बारे में भविष्यसूचक शब्दों के बीचों-बीच, यह कहा गया है: “देख, मैं [यीशू मसीह] चोर की नाईं आता हूँ; धन्य वह है, जो जागता रहता है, और अपने वस्त्र की चौकसी करता है, कि नंगा न फिरे, और लोग उसका नंगापन न देखें।” (प्रकाशितवाक्य १६:१५) यह शायद यरूशलेम के पर्वतीय मंदिर के निरीक्षक, या अधिकारी के कामों का एक उल्लेख होगा। पहरों के दौरान, वह मंदिर में जाता था यह देखने के लिए कि क्या इसके लेवीय रक्षक अपनी चौकी पर जाग रहे थे या सो चुके थे। जिस किसी रक्षक को सोता पाया गया, उसे लाठी से मारा जाता था, और एक लज्जाजनक दण्ड के तौर से उसके बाहर के वस्त्रों को जला दिया जाता था। अब जबकि आरमागेडोन इतना क़रीब है, “राजपदधारी, याजकों के समाज,” या “आत्मिक घर” के अभिषिक्त शेष लोग आध्यात्मिक रूप से जागते रहने के लिए कृतसंकल्प हैं। पार्थिव आशा रखनेवाले उनके साथी, “बड़ी भीड़” को भी जागते रहना चाहिए, इसलिए कि वे भी मंदिर में परमेश्वर को पवित्र सेवा अर्पित कर रहे हैं। (१ पतरस २:५, ९; प्रकाशितवाक्य ७:९-१७) ख़ास तौर से मसीही अध्यक्षों को कलीसिया में बुरी परिस्थितियों के विकसित होने के सम्बन्ध में सतर्क रहना चाहिए। चूँकि वे सतर्क रहते हैं, परमेश्वर के आत्मिक मंदिर में सेवा करनेवाले सभी वफ़ादार सेवक अपने “बाहरी वस्त्र” को, जो यहोवा के गवाहों के तौर से उनकी सम्मानित सेवा सूचित करता है, रख सकते हैं।