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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
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भय कब समाप्त होगा?

क्या आपको यह बात जानने से ताज्जूब होगी कि वास्तविक सुरक्षा उस पुरुष से सम्बन्धित है जो २,००० साल पहले जीया था? प्रेम की ज़रूरत को दिखाते हुए, यीशु मसीह ने एक उल्लेखनीय दृष्टान्त बताया: “एक मनुष्य यरूशलेम से यरीहो को जा रहा था, कि डाकुओं ने घेरकर उसके कपड़े उतार लिए, और मारपीटकर उसे अधमूआ छोड़कर चले गए।” हालाँकि दो राहग़ीरों ने उस पीड़ित व्यक्‍ति को नज़रअंदाज़ किया, एक कृपालु सामरी ने दया दिखायी। लेकिन, आज अपराध के पीड़ितों की परवाह कौन करता है? भय से किस राहत की हम अपेक्षा कर सकते हैं?—लूका १०:३०-३७.

जबकि अनेक लोग परमेश्‍वर में विश्‍वास करने का दावा करते हैं, वे सोचते हैं कि मनुष्य को कानून और व्यवस्था लागू करनी चाहिए। लेकिन क्या ज़्यादा कड़ी सज़ाएँ या अधिक पुलिस भरती करना और उन्हें बेहतर तनख्वाह देना, हिंसक अपराध को समाप्त करेगा? क्या आप सचमुच विश्‍वास करते हैं कि कानून को लागू करनेवाले माध्यम, कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करने के निष्कपट प्रयासों के बावजूद, नशीली दवाओं का दुरुपयोग, संगठित अपराध, और ग़रीबी जैसी बातों को निकाल देगा? लेकिन, धार्मिकता के लिए हमारे भूखे और प्यासे होने को व्यर्थ होने की ज़रूरत नहीं है।—मत्ती ५:६.

भजन ४६:१ कहता है: “परमेश्‍वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलनेवाला सहायक।” हम देखेंगे कि ये शब्द केवल सुंदर कविता नहीं हैं।

जैसा कि आप जानते हैं, समाचार माध्यम हर रोज़ गृहयुद्धों और आतंकवादियों के हमलों में अनियंत्रित हत्याओं की रिपोर्ट करते हैं। संसार के कुछ भागों में, अनचाहे युवाओं या चश्‍मदीद गवाहों को मिटा देना सामान्य बात बन गयी है। जीवन इतना सस्ता क्यों हो गया है? हालाँकि ऐसी हिंसा के विभिन्‍न कारण हो सकते हैं, एक ऐसा कारण है जिसे हमें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

परमेश्‍वर के वचन, बाइबल के अनुसार “सारा संसार उस दुष्ट के वश में पड़ा है।” (१ यूहन्‍ना ५:१९) असल में, यीशु मसीह ने शैतान, अर्थात्‌ इब्‌लीस की पहचान केवल एक झूठे के रूप में ही नहीं बल्कि एक ‘हत्यारे’ के रूप में भी करायी। (यूहन्‍ना ८:४४) मनुष्यजाति को विभिन्‍न तरीक़ों से प्रभावित करने के द्वारा, यह शक्‍तिशाली आत्मिक प्राणी आज की हिंसा की वृद्धि को बढ़ावा दे रहा है। “हे पृथ्वी, और समुद्र, तुम पर हाय! क्योंकि शैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है; क्योंकि जानता है, कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है,” प्रकाशितवाक्य १२:१२ कहता है। लेकिन, यह ख़ुशी की बात है कि “नए आकाश और नई पृथ्वी” इस दुष्ट व्यवस्था की जगह ले लेंगे “जिन में धार्मिकता बास करेगी।”—२ पतरस ३:१३.

एक नए संसार की इस अद्‌भुत आशा के अतिरिक्‍त, हमारे पास अभी कौन-सी मदद है?

इसका सकारात्मक उत्तर देखने से पहले, मन में यह बिठाना अच्छा है कि सच्चे मसीहियों के पास भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अपराध से उनकी सुरक्षा की जाएगी। प्रेरित पौलुस ने कुछ ऐसे ख़तरों का वर्णन किया जिनका उसने व्यक्‍तिगत रूप से सामना किया। वह “नदियों के जोखिमों में; डाकुओं के जोखिमों में; अपने जातिवालों से जोखिमों में; अन्यजातियों से जोखिमों में; नगरों में के जोखिमों में; जंगल के जोखिमों में; समुद्र के जोखिमों में” रहा था। (२ कुरिन्थियों ११:२६) फिर भी पौलुस इन जोख़िमों से जीवित बचा। आज भी यही है; चौकस रहने के द्वारा, हम अब भी अपने कार्यों को जितना हो सके उतनी सामान्यता से पूरा कर सकते हैं। आइए कुछ ऐसी बातों पर ग़ौर करें जो सहायक होंगी।

अगर एक व्यक्‍ति एक ख़तरनाक पड़ोस में रह रहा है, तो अच्छा आचरण एक सुरक्षा हो सकती है क्योंकि लोग दूसरों को क़रीबी से देखते हैं। हालाँकि लुटेरे योजना बनाकर अपराध करते हैं, अनेक लोग अपने आपको साधारण लोग समझते हैं। उनके कार्यों की आलोचना करने से दूर रहिए, और यह पता लगाने की कोशिश मत कीजिए कि वे किस काम में लगे हुए हैं। अतः, आप प्रतिकार के पात्र बनने की सम्भावना को कम कर सकते हैं। याद रखिए कि चोर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि किसने कोई नयी चीज़ ख़रीदी है या कौन छुट्टियों पर जा रहा है और इसलिए अपने घर से बाहर रहेगा, सो सोच-समझकर दूसरों को बातें बताइए।

अनेक यहोवा के साक्षियों ने पाया है कि सेवकों के तौर पर उनकी प्रतिष्ठा ने उन्हें काफ़ी हद तक सुरक्षा दी है। अपराधियों ने अकसर दिखाया है कि वे ऐसे मसीहियों का आदर करते हैं, जो तरफ़दारी किए बिना समुदाय के लोगों की मदद करने के लिए ख़ुद को लगा देते हैं। यहोवा के साक्षी खूनी या चोर नहीं हैं, ना ही वे “दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप” करनेवाले लोग हैं, इसलिए उनसे ख़तरा नहीं है।—१ पतरस ४:१५, NHT.

परमेश्‍वर के नए संसार में सुरक्षा

यीशु मसीह द्वारा पूर्वबताए गए “अधर्म के बढ़ने” से हम दुःखी हैं, लेकिन अति-चिन्तित होने के बजाय, हम विश्‍वस्त हो सकते हैं कि जल्द ही परमेश्‍वर इस दुष्ट व्यवस्था को निकाल देगा। ‘राज्य के इस सुसमाचार’ के विश्‍वव्यापी प्रचार को पूर्वबताने के अलावा, यीशु ने अपने अनुयायियों को याद दिलाया: “जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा।”—मत्ती २४:१२-१४.

हम निश्‍चित हो सकते हैं कि जो दूसरों का शिकार करते हैं, कभी-कभी अविश्‍वसनीय निर्दयता से, वे नाश किए जाएँगे। नीतिवचन २२:२२, २३ कहता है: “कंगाल पर इस कारण अन्धेर न करना कि वह कंगाल है, और न दीन जन को कचहरी में पीसना; क्योंकि यहोवा उनका मुक़द्दमा लड़ेगा, और जो लोग उनका धन हर लेते हैं, उनका प्राण भी वह हर लेगा।” यहोवा लुटेरों, खूनियों, और सॆक्स विकृतकामियों जैसे दुष्कर्मियों को नाश करेगा। इसके अतिरिक्‍त, वह ऐसे अपराधों के पीड़ितों को नज़रअंदाज़ नहीं करेगा। वह उनकी क्षति पूर्ति करेगा और उन्हें पूरी तरह फिर से स्वस्थ करेगा।

वाक़ई, ‘बुराई को छोड़ और भलाई करनेवाले’ लोग, आनेवाले बड़े क्लेश से जीवित बचने के द्वारा या मृतकों में से पुनरुत्थित किए जाने के द्वारा अनन्त जीवन प्राप्त करेंगे। “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।” (भजन ३७:२७-२९) ऐसे लाभ यीशु के छुड़ौती बलिदान के कारण उपलब्ध होंगे। (यूहन्‍ना ३:१६) लेकिन पुनःस्थापित परादीस में जीवन कैसा होगा?

परमेश्‍वर के राज्य में जीवन एक वास्तविक आनन्द होगा। यहोवा पूर्वबताता है: “मेरे लोग शान्ति के स्थानों में निश्‍चिन्त रहेंगे, और विश्राम के स्थानों में सुख से रहेंगे।” (यशायाह ३२:१८) अनन्त जीवन पानेवाले सभी लोगों ने अपने व्यक्‍तित्व को समंजित कर लिया होगा। कोई व्यक्‍ति दुष्ट या अन्यायी नहीं होगा, ना ही कोई किसी ऐसे व्यक्‍ति का सम्भाव्य शिकार होगा। भविष्यवक्‍ता मीका कहता है: “वे अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले बैठा करेंगे, और कोई उनको न डराएगा।” (मीका ४:४; यहेजकेल ३४:२८) आज के ख़तरनाक आस-पड़ोस से कितना विपरीत!

[पेज 6 पर बक्स]

चौकस रहिए

अनेक अपराधी पूर्ण-समय काम करते हैं, और अपराध को एक पेशा बना लेते हैं। वे शायद दो या तीन के समूह में काम करें, चाहे आप पर केवल एक ही व्यक्‍ति बंदूक क्यों न ताने। यह अधिकाधिक स्पष्ट है कि अपराधी जितना जवान है, उतना ज़्यादा वह ख़तरनाक है। अगर आप एक शिकार बन जाते हैं तो आप क्या कर सकते हैं?

शान्त रहिए ताकि आप चोर को घबरा न दें—उसकी अनुभवहीनता आपकी जान ले सकती है। अगर आप एक यहोवा के साक्षी हैं, तो इसी रूप में अपनी पहचान कराइए। फिर भी, चोर को जो चाहिए उसे वह देने के लिए तैयार रहिए। अगर आप देर करते हैं, तो ख़तरा बढ़ता है। बाद में, आपको शायद लगे कि अपना पहचान पत्र या बस का किराया माँगना सुरक्षित है।

अकसर आप यह नहीं कह सकते कि कौन अपराधी है। कुछ चोर नशीली दवाइयों के लतिया या पेशेवर होते हैं, अन्य केवल खाना ख़रीदने के लिए पैसे चाहते हैं। कभी-भी, अपने साथ बड़ी मात्रा में पैसे मत ले जाइए। जवाहरात, सोने की अँगूठियाँ, या क़ीमती घड़ियाँ दिखाने से दूर रहिए। सामान्य रूप से चलिए और सफ़र कीजिए, कोई डर मत दिखाइए। लोगों पर टकटकी मत लगाइए मानो आप उन्हें पहचानना चाहते हैं। सड़क पर गोली-बारी के मामले में, ज़मीन पर लेट जाइए; कपड़े बाद में साफ़ किए जा सकते हैं।—रियो डि जनेरो का एक भूतपूर्व पुलिसकर्मी।

[पेज 5 पर तसवीरें]

शान्त रहिए और चोर को जो चाहिए उसे वह दे दीजिए। अगर आप देर करते हैं, तो ख़तरा बढ़ता है

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