“गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते”
उल्फ हेलगसन द्वारा बताया गया
जुलाई १९८३ में मेरे ऊपर झुके डॉक्टरों ने आश्चर्य से कहा: “वह जाग रहा है!” एक १२ सेंटीमीटर लम्बा ट्यूमर मेरी रीढ़ की हड्डी से एक जटिल १५-घंटे के ऑपरेशन में निकाला गया था। मैं पूर्णतः शक्तिहीन बन गया था।
कुछ दिनों बाद, मुझे स्वीडन के दक्षिणी भाग में अपने गृहनगर हेलसिंगबर्ग से क़रीब ६० किलोमीटर दूर एक अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। वहाँ मैं एक स्वास्थ्यलाभ कार्यक्रम में शामिल हो गया। भौतिक चिकित्सक ने कहा कि यह बहुत ही मुश्किल होगा, फिर भी मैं इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए उत्सुक था। मैं वास्तव में फिर से चलना चाहता था। कर्मठता से व्यायाम के प्रति दिन पाँच घंटे के कार्यक्रम का पालन करने से मैं ने तेज़ प्रगति की।
एक महीने बाद जब सफ़री ओवरसियर ने हमारी कलीसिया का दौरा किया तब वे और अन्य मसीही प्राचीनों ने लम्बी यात्रा की ताकि वे कलीसिया प्राचीनों की सभा मेरे अस्पताल के कमरे में कर सकें। भाईचारे के प्रेम के इस प्रमाण से मेरा दिल कितना ख़ुश हुआ! वार्ड की नर्सों ने सभा के बाद पूरे समूह को चाय और अल्पाहार परोसा।
पहले-पहल डॉक्टर मेरी प्रगति से चकित थे। तीन महीने बाद मैं अपनी व्हीलचेयर में सीधे बैठ सकता था और कुछ क्षणों के लिए खड़ा भी हो सकता था। मैं ख़ुश था और फिर से चलने के लिए दृढ़निश्चित था। मेरे परिवार और संगी मसीहियों ने अपनी भेंटों के दौरान मुझे काफ़ी प्रोत्साहन दिया। मैं छोटी समयावधियों के लिए घर जाने में भी समर्थ हुआ।
एक वास्तविक धक्का
लेकिन, उसके बाद मैं ने कोई अतिरिक्त प्रगति नहीं की। जल्द ही भौतिक चिकित्सक ने मुझे दर्दनाक संदेश दिया: “आप इससे बेहतर नहीं होंगे!” अब लक्ष्य था मुझे व्हीलचेयर में स्वयं चलने-फिरने के लिए बलवन्त बनाना। मैं ने सोचा कि मेरा क्या होगा। मेरी पत्नी कैसे सब कुछ संभालेगी? उनकी अपनी बड़ी शल्यचिकित्सा हुई थी और मेरी मदद की ज़रूरत पड़ी थी। क्या मुझे हमेशा संस्थानीय देखरेख की ज़रूरत होगी?
मैं बहुत ही हताश हो गया। मेरी ताक़त, हिम्मत और शक्ति घटती गई। दिन बीतते गए, और मैं निश्चल रहा। मैं न केवल शारीरिक रूप से शक्तिहीन था परन्तु मैं भावात्मक और आध्यात्मिक रूप से भी सुन्न था। मैं “गिराया” गया था। मैं ने हमेशा अपने आपको आध्यात्मिक रूप से बलवान समझा था। मेरा परमेश्वर के राज्य में सुदृढ़ विश्वास था। (दानिय्येल २:४४; मत्ती ६:१०) मैं बाइबल की प्रतिज्ञा पर विश्वास करता था कि परमेश्वर के धर्मी नए संसार में सब बीमारियाँ और अशक्तताएँ दूर की जाएँगी और कि पूरी मानवजाति वहाँ परिपूर्ण जीवन को पुनःस्थापित की जाऐंगी। (यशायाह २५:८; ३३:२४; २ पतरस ३:१३) अब मैं केवल शारीरिक तौर पर ही नहीं परन्तु आध्यात्मिक तौर पर भी शक्तिहीन महसूस कर रहा था। मैं ने “नाश” किया गया महसूस किया।—२ कुरिन्थियों ४:९.
आगे बढ़ने से पहले, मुझे अपनी पृष्ठभूमी के बारे में आपको कुछ बताने दीजिए।
एक ख़ुश परिवार
मेरा जन्म १९३४ में हुआ था और मेरा स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहा था। पचासादि में मैं इनग्रिड से मिला और १९५८ में हमने शादी की और मध्य स्वीडन के ऑस्टसन्ड शहर में बस गए। १९६३ में हमारे जीवन में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ आया जब हमने यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल का अध्ययन करना शुरू किया। तब तक हमारे तीन छोटे बच्चे थे—इवा, ब्यॉर्न और लीना। जल्द ही हमारा पूरा परिवार अध्ययन कर रहा था और बाइबल सच्चाइयों के ज्ञान में अच्छी प्रगति कर रहा था।
हमारे अध्ययन शुरू करने के कुछ ही समय बाद हम हेलसिंगबर्ग को स्थानांतरित हुए। वहाँ, मेरी पत्नी और मैं ने अपने आपको यहोवा को समर्पित किया और १९६४ में बपतिस्मा प्राप्त किया। हमारी ख़ुशी बढ़ गयी जब हमारी सबसे बड़ी बेटी, इवा का १९६८ में बपतिस्मा हुआ। सात साल बाद, १९७५ में ब्यॉर्न और लीना का भी बपतिस्मा हुआ, और उसके अगले साल मैं मसीही कलीसिया में एक प्राचीन नियुक्त किया गया।
मेरे लौकिक कार्य ने मुझे अपने परिवार की भौतिक ज़रूरतों को अच्छी तरह पूरा करने में समर्थ किया। और हमारी ख़ुशी और बढ़ गयी जब ब्यॉर्न और लीना ने पूर्ण-समय की सेवकाई शुरू की। ब्यॉर्न को जल्द ही अरबोगा में यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ़तर में सेवा करने के लिए आमंत्रित किया गया। जीवन मानो हम पर मुस्कुरा रहा था। फिर, १९८० की शुरूआत में मैं ने उस ट्यूमर के शारीरिक प्रभावों को महसूस करना शुरू किया जो अंततः १९८३ के उस बड़ी शल्यचिकित्सा में निकाला गया।
आध्यात्मिक अशक्तता पर विजय प्राप्त करना
जब मुझे बताया गया कि मैं फिर कभी नहीं चल सकूँगा, तब जीवन आशाहीन होता प्रतीत हुआ। मैं ने आध्यात्मिक शक्ति कैसे पुनःप्राप्त की? जो मैं ने सोचा था यह उससे आसान था। मैं ने सिर्फ़ अपनी बाइबल उठाई और पढ़ने लगा। जितना ज़्यादा मैं पढ़ता उतनी ही ज़्यादा आध्यात्मिक शक्ति मैं ने प्राप्त की। सबसे अधिक मैं यीशु के पर्वतीय उपदेश को बहुमूल्य समझने लगा। मैं ने उसे बार-बार पढ़ा और उस पर मनन किया।
जीवन के प्रति मेरा आनन्दमय दृष्टिकोण पुनःप्राप्त हुआ। पढ़ने और मनन करने से मैं रुकावटों के बजाय अवसरों को देखने लगा। मैं ने दूसरों के साथ बाइबल सच्चाइयाँ बाँटने की इच्छा पुनःप्राप्त की और मैं ने इस इच्छा को अस्पताल के कर्मचारियों और मुझे मिलनेवाले अन्य लोगों को गवाही देने के द्वारा पूरी की। मेरे परिवार ने मेरा पूरा साथ दिया और मेरी देखभाल करने में प्रशिक्षण प्राप्त किया। आख़िरकार मैं अस्पताल छोड़ने में समर्थ हुआ।
अंततः मैं घर पर था। वह हम सब के लिए कितनी ख़ुशी का दिन था! मेरे परिवार ने एक नित्यक्रम तैयार किया जिसमें मेरी देखभाल शामिल थी। मेरे बेटे ब्यॉर्न ने यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ़्तर का काम छोड़ने का निर्णय किया और मेरी देखभाल में मदद करने के लिए घर आया। मेरे परिवार की ओर से इतना प्यार और परवाह का पात्र होना बहुत ही सांत्वनादायक था।
एक और धक्के का सामना करना
लेकिन, जैसे-जैसे समय बीतता गया, मेरा स्वास्थ्य बिगड़ता गया और मेरे लिए चलना-फिरना मुश्किल हो गया। अंततः, मेरे परिवार के समर्पित प्रयासों के बावजूद वे अब घर पर मेरी देखभाल करने में असमर्थ थे। सो मैं ने सोचा कि एक नर्सिंग होम में दाखिल होना मेरे लिए सबसे अच्छा होगा। इसका अर्थ था फिर से बदलाहट और एक नया नित्यक्रम। लेकिन मैं ने इसे एक आध्यात्मिक धक्का होने नहीं दिया।
मैं ने बाइबल पठन और अनुसंधान को कभी नहीं बन्द किया। मैं जो कर सकता था उस पर विचार करता रहा, न कि उस पर जो मैं नहीं कर सकता था। सभी यहोवा के साक्षियों को प्राप्त आध्यात्मिक आशीषों पर मैं मनन करता था। मैं प्रार्थना के ज़रिए यहोवा के नज़दीक रहता और दूसरों को प्रचार करने के हर अवसर का इस्तेमाल करता।
अब मैं नर्सिंग होम में अपनी रातें और अपने दिन के कुछ भाग बिताता हूँ। मैं दोपहर और शाम को या तो घर पर या हमारी मसीही सभाओं में बिताता हूँ। सभाओं में और घर को आने-जाने के लिए समाज सेवा नियमित यातायात का प्रबंध करती है। मेरा समर्पित परिवार, कलीसिया में भाई और नर्सिंग होम के कर्मचारी मेरी देखभाल बहुत ही अच्छी तरह से करते हैं।
वह करना जो मैं कर सकता हूँ
मैं अपने आपको एक अशक्त व्यक्ति नहीं समझता और न ही मेरे परिवार या मेरे मसीही भाइयों द्वारा मेरे साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है। मेरी प्रेमपूर्वक देखभाल की जाती है जिससे मैं एक प्राचीन के तौर पर प्रभावकारी रीति से सेवा करना जारी रखने में समर्थ हूँ। मैं हर हफ़्ते एक कलीसिया पुस्तक अध्ययन, साथ ही साथ राज्यगृह में प्रहरीदुर्ग का साप्ताहिक कलीसिया अध्ययन भी संचालित करता हूँ। बाइबल के पन्नों को पलटना मेरे लिए मुश्किल है, इसलिए सभाओं में यह काम करने में मेरी मदद करने के लिए किसी को नियुक्त किया गया है। मैं व्हीलचेयर से ही सभाएँ संचालित करता हूँ और भाषण देता हूँ।
इस प्रकार मैं अब भी कई ऐसे कार्य कर सकता हूँ जिनको करने में मैं पहले आनन्दित होता था, जिनमें रखवाली भेंट करना भी शामिल है। (१ पतरस ५:२) मैं ऐसा तब करता हूँ जब भाई और बहन मेरे पास मदद या सलाह के लिए आते हैं। दूसरों को फ़ोन करने के द्वारा पहल करते हुए मैं टेलिफ़ोन का भी इस्तेमाल करता हूँ। इससे परिणित प्रोत्साहन दोतरफ़ा है। (रोमियों १:११, १२) एक मित्र ने हाल ही में कहा: “जब मैं निराश महसूस करता हूँ तभी आप मुझे प्रोत्साहित करने के लिए फ़ोन करते हैं।” लेकिन यह जानते हुए कि यहोवा मेरी कोशिशों को आशीष दे रहा है, मैं भी प्रोत्साहित होता हूँ।
सभाओं के पहले और बाद में, मैं कलीसिया में बच्चों के साथ अच्छी संगति करता हूँ। क्योंकि मैं अपने व्हीलचेयर में बैठा होता हूँ हम एक दूसरे से आँखों की सीध में बात करते हैं। मैं उनकी निष्कपटता और स्पष्टवादिता का मूल्यांकन करता हूँ। एक छोटे लड़के ने एक बार मुझसे कहा: “आप एक बहुत ही सुन्दर अशक्त व्यक्ति हैं!”
मैं जो नहीं कर सकता उसके बारे में चिन्ता करने के बजाय जो मैं कर सकता हूँ उस पर ध्यान केंद्रित करने से मैं यहोवा की सेवा करने का आनन्द लेता रहा हूँ। जो मेरे साथ बीती है उससे मैं ने काफ़ी कुछ सीखा है। मैं ने समझा है कि जिन परीक्षाओं से हम गुज़रते हैं उससे हम प्रशिक्षित होते और बलवन्त बनते हैं।—१ पतरस ५:१०.
मैं ने देखा है कि अनेक स्वस्थ लोग इस बात को समझने से चूक जाते हैं कि हमें हमेशा अपने स्वर्गीय पिता की उपासना को गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए। यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो अध्ययन, सभाओं और क्षेत्र सेवकाई का हमारा नित्यक्रम मात्र एक ढर्रा बन जाएँगे। मैं इन प्रबंधों को इस संसार के अन्त से परमेश्वर के प्रतिज्ञात पार्थिव परादीस में उत्तरजीविता के लिए अनिवार्य समझता हूँ।—भजन ३७:९-११, २९; १ यूहन्ना २:१७.
हमें हमेशा परमेश्वर के आनेवाले नए संसार में जीवन की आशा को अपने हृदयों में जगाए रखना है। (१ थिस्सलुनीकियों ५:८) निरुत्साहित होने की किसी भी प्रवृत्ति का विरोध करने में हार न मानना भी मैं ने सीखा है। मैं ने यहोवा को अपना पिता और उसके संगठन को अपनी माँ समझना सीखा है। मैं यह समझ गया हूँ कि यदि हम कोशिश करते हैं तो यहोवा हम में से किसी को भी अपना प्रभावकारी सेवक होने के लिए इस्तेमाल कर सकता है।
हालाँकि मैं ने कभी-कभी मानो “गिराया” हुआ महसूस किया है, मुझे “नाश नहीं” किया गया है। मैं न यहोवा और उसके संगठन द्वारा और न ही अपने परिवार और अपने मसीही भाइयों द्वारा कभी त्यागा गया हूँ। मेरे बाइबल उठाने और उसे पढ़ने की शुरूआत करने के कारण मैं ने आध्यात्मिक शक्ति पुनःप्राप्त की है। मैं यहोवा परमेश्वर का आभारी हूँ जो “असीम सामर्थ” देता है जब हम उस पर भरोसा रखते हैं।—२ कुरिन्थियों ४:७.
यहोवा पर पूरा विश्वास और पूर्ण भरोसे के साथ मैं उत्सुकता से भविष्य की ओर आस लगाए हूँ। मुझे विश्वास है कि यहोवा परमेश्वर जल्द ही इस पृथ्वी पर एक पुनःस्थापित परादीस और उसके साथ आनेवाली सभी अद्भुत आशिषों के बारे में अपनी प्रतिज्ञा पूरी करेगा।—प्रकाशितवाक्य २१:३, ४.