“नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो”
डेविड लनस्ट्रम द्वारा बताया गया
मेरा भाई ऎलवुड और मैं, ज़मीन से नौ मीटर से ज़्यादा की ऊँचाई पर, वॉचटावर कारख़ाने की इमारत पर एक नए संकेत-पट्ट की रंगाई कर रहे थे। ४० से भी ज़्यादा साल बाद यह अब भी वहाँ मौजूद है, और प्रोत्साहन देता है: “परमेश्वर का वचन पवित्र बाइबल रोज़ पढ़िए।” हर हफ़्ते, हज़ारों लोग मशहूर ब्रुकलिन पुल को पार करते वक़्त इस संकेत-पट्ट को देखते हैं।
मेरे बचपन की यादों में परिवार का कपड़े धोने का दिन भी शामिल है। प्रातः ५ बजे माँ जाग जातीं, हमारे बड़े परिवार के लिए कपड़े धो रही होतीं और पिताजी काम पर जाने के लिए तैयार हो रहे होते। वे आपस में एक और गरमागरम बहस करते, पिताजी दलील देते कि मनुष्य किसी प्रकार करोड़ों सालों के दौरान विकसित हुआ है, और माँ बाइबल से उद्धृत करतीं कि मनुष्य परमेश्वर की सीधी सृष्टि हैं।
जब मैं केवल सात साल का था, मैं यह जान गया कि माँ के पास सच्चाई थी। मैं पिताजी से बहुत प्रेम करता था, फिर भी मैं देख सकता था कि उनका विश्वास भविष्य के लिए कोई आशा प्रस्तुत नहीं करता है। माँ यह जानकर कितनी ख़ुश हुई होतीं कि कई साल बाद, उनके दो बेटों ने उस संकेत-पट्ट की रंगाई की जिसने लोगों को बाइबल पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, एक ऐसी पुस्तक जिससे वो बेहद प्यार करती थीं!
मैं अपनी कहानी सिलसिलेवार तरीक़े से नहीं बता रहा। मुझे यह काम करने का विशेषाधिकार कैसे मिला? यह बताने के लिए मुझे, मेरे पैदा होने से तीन साल पहले, १९०६ में जाना होगा।
माँ का वफ़ादार उदाहरण
उस समय माँ और पिताजी की नई-नई शादी हुई थी और वे अरिज़ोना में एक तम्बू में रहते थे। एक बाइबल विद्यार्थी, जैसे यहोवा के साक्षियों को उस वक़्त पुकारा जाता था, हमारे यहाँ आए और माँ को चार्ल्स् टेज़ रस्सल द्वारा लिखी पुस्तकों की श्रंखला पेश की, जिसका शीर्षक था शास्त्रवचनों में अध्ययन (अंग्रेज़ी)। वो सारी रात उन्हें पढ़ती रहीं और जल्द ही यह जान गयीं कि यही वह सच्चाई है जिसकी उन्हें तलाश थी। पिताजी काम की तलाश में गए हुए थे, वो उनके वापस आने तक बड़ी मुश्किल से इन्तज़ार कर सकीं।
पिताजी ख़ुद भी उन बातों से असन्तुष्ट थे जो गिरजे सिखा रहे थे, सो उन्होंने कुछ समय के लिए इन बाइबल सच्चाइयों को स्वीकार कर लिया। लेकिन, बाद में वो धर्म के मामले में अपने ही मार्ग पर चले और यहाँ तक कि माँ के लिए भी मुश्किल खड़ी की। इसके बावजूद माँ ने अपने बच्चों की शारीरिक और आध्यात्मिक ज़रूरतों की परवाह करना कभी नहीं छोड़ा।
सारा दिन मेहनत करने के बाद, हमारे लिए बाइबल का एक भाग पढ़ने अथवा किसी आध्यात्मिक रत्न को हमारे साथ बाँटने के लिए, माँ का हर रात सीढ़ियों से नीचे आना मैं कभी नहीं भूलूँगा। पिताजी भी मेहनती व्यक्ति थे, और जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, उन्होंने मुझे रंगाई का काम सिखाया। जी हाँ, पिताजी ने मुझे काम करना सिखाया, लेकिन माँ ने सिखाया कि किस के लिए काम करें, जैसे यीशु ने हिदायत दी थी, ‘उस भोजन के लिये जो नाशमान नहीं है।’—यूहन्ना ६:२७.
अंततः हमारा परिवार सीऐटल से १८० किलोमीटर पूर्व, वॉशिंगटन राज्य में, ऐलन्ज़बर्ग नामक छोटे-से क़स्बे में रहने लगा। जब हम बच्चों ने माँ के साथ बाइबल विद्यार्थियों की सभाओं में जाना शुरू किया, तब हम निजी घरों में मिलते थे। जब घर-घर की सेवकाई में हिस्सा लेने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया तब सभी पुरुषों ने हमारे अध्ययन समूह को छोड़ दिया। लेकिन माँ कभी-भी नहीं डगमगायीं। इसने मुझ पर यहोवा के संगठन के निर्देशों पर हमेशा भरोसा रखने का स्थायी प्रभाव छोड़ा।
अंततः पिताजी और माँ के नौ बच्चे हुए। मैं, उनका तीसरा बच्चा, अक्तूबर १, १९०९ के दिन पैदा हुआ। कुल मिलाकर, हममें से छः ने माँ के उत्तम उदाहरण का अनुकरण किया और यहोवा के उत्साही साक्षी बन गए।
समर्पण और बपतिस्मा
जब मैं अपनी किशोरावस्था के अन्त में था, मैंने यहोवा को समर्पण किया, और १९२७ में पानी के बपतिस्मे से इसे चिन्हित किया। बपतिस्मा सीऐटल में एक पुरानी इमारत में हुआ जो पहले एक बैपटिस्ट गिरजाघर रह चुका था। मुझे ख़ुशी है कि उन्होंने पुरानी मीनार को हटा दिया था। हमें तहख़ाने में उस तालाब पर ले जाया गया जहाँ हमें पहनने के लिए लम्बे काले चोग़े दिए गए। ऐसा लगता था मानो हम अंत्येष्टि के लिए जा रहे हों।
उसके कुछ महीने बाद एक बार फिर मैं सीऐटल में था, और इस बार मैंने पहली बार दर-दर गवाही कार्य का स्वाद लिया। जो अगुवाई कर रहे थे उन्होंने मुझे निर्देश दिया, “आप ब्लॉक के इस ओर जाइए, और मैं उस ओर जाता हूँ।” मेरी घबराहट के बावजूद, मैंने पुस्तिकाओं के दो सॆट एक बहुत ही अच्छी स्त्री को दिए। जब मैं ऐलन्ज़बर्ग लौटा मैंने दर-दर की सेवकाई जारी रखी और अब, लगभग ७० साल बाद भी ऐसी सेवा मेरे लिए बड़े आनन्द की बात है।
विश्व मुख्यालय में सेवा
थोड़े समय बाद ही, एक व्यक्ति ने, जिसने वॉच टावर सोसाइटी के विश्व मुख्यालय, ब्रुकलिन बेथेल में सेवा की थी, मुझे वहाँ सेवा करने के लिए स्वयं को पेश करने का प्रोत्साहन दिया। हमारी बातचीत के कुछ समय बाद, प्रहरीदुर्ग पत्रिका में एक सूचना छपी जिसने बेथेल में सहायता की ज़रूरत के बारे में जानकारी दी। सो मैंने अर्ज़ी दे दी। मार्च १०, १९३० को ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क में बेथेल सेवा के लिए रिपोर्ट करने की सूचना मिलने पर जो आनन्द मुझे हुआ उसे मैं कभी नहीं भूलूँगा। इस प्रकार ‘जो भोजन नाशमान नहीं है’ उसकी ख़ातिर काम करने की मेरी पूर्ण-समय सेवकाई शुरू हुई।
शायद कोई सोचे कि मेरे रंगाई के अनुभव को देखते हुए, मुझे कुछ रंगाई करने की कार्य-नियुक्ति मिली होगी। इसके बजाय मेरा पहला काम कारख़ाने में सिलाई मशीन पर काम करने का था। हालाँकि यह एक बहुत ही नीरस काम था, मैंने छः साल से ज़्यादा समय तक इस काम का आनन्द उठाया। वह बड़ा रोटरी मुद्रण-यंत्र जिसे हम प्यार से पुराना जंगी जहाज़ कहते थे, पुस्तिकाओं का उत्पादन करता था जिन्हें वाहक-पट्टे द्वारा नीचे हमारी मंज़िल पर भेजा जाता था। यह कोशिश करने में हमें मज़ा आता था कि जितनी जल्दी हमें वे जंगी जहाज़ से प्राप्त होती थीं उतनी जल्दी हम उन पुस्तिकाओं की सिलाई कर दें।
इसके बाद मैंने अनेक विभागों में काम किया, जिसमें वह विभाग भी शामिल था जहाँ हम ग्रामोफ़ोन बनाते थे। हमने इन यंत्रों का प्रयोग रिकार्ड किए हुए बाइबल संदेशों को गृहस्वामियों के दरवाज़ों पर बजाने के लिए किया। हमारे विभाग में स्वयंसेवकों द्वारा एक लम्बाकार ग्रामोफ़ोन अभिकल्पित किया और बनाया गया। यह ग्रामोफ़ोन न केवल रिकार्ड किए गए संदेशों को प्रसारित करता था बल्कि इसमें पुस्तिकाएँ और संभवतः एक सैन्डविच ले जाने के लिए ख़ास जगह थीं। मुझे १९४० में, डिटरॉइट, मिशीगन के एक अधिवेशन में इस नए उपकरण के प्रयोग को प्रदर्शित करने का विशेषाधिकार मिला।
लेकिन, हम उत्तम यंत्रों को बनाने से ज़्यादा कुछ कर रहे थे। हम महत्त्वपूर्ण आध्यात्मिक समंजन भी कर रहे थे। उदाहरण के लिए, यहोवा के साक्षी क्रॉस-एण्ड-क्राउन पिन पहना करते थे। लेकिन तब हमें यह समझ प्राप्त हुई कि यीशु को सीधे स्तंभ पर मारा गया था न कि एक क्रूस पर। (प्रेरितों ५:३०) सो इस पिन को पहनना बंद कर दिया गया। पिनों से बकसुओं को निकालना मेरा विशेषाधिकार था। बाद में सोने को पिघलाया गया और बेच दिया गया।
हालाँकि हमारी साढ़े पाँच दिन की एक व्यस्त साप्ताहिक कार्य-सारणी थी, हम सप्ताहांत में मसीही सेवकाई में शामिल होते थे। एक दिन, हममें से १६ जन को पकड़ लिया गया और ब्रुकलिन की जेल में डाल दिया गया। क्यों? उन दिनों हम सभी धर्मों को झूठे धर्म का समानार्थक समझते थे। सो हम सूचना-पट्ट उठाए घूमते थे जिसकी एक ओर लिखा होता था “धर्म एक फन्दा और एक झाँसा है” और दूसरी ओर लिखा होता था “परमेश्वर और राजा मसीह की सेवा कीजिए।” इन सूचना-पट्टों को उठाए घूमने के लिए हमें जेल में डाला गया था, लेकिन वॉच टावर सोसाइटी के वकील, हेडन कविंग्टन ने हमें ज़मानत पर छुड़ा लिया। उस समय उपासना की स्वतंत्रता को लेकर अमरीकी उच्चतम न्यायालय में अनेक मुक़द्दमे लड़े जा रहे थे, और बेथेल में होना और हमारी विजय के बारे में रिपोर्टों को प्रत्यक्ष साक्षी से सुनना रोमांचकारी होता था।
अंततः मुझे ऐसे कामों की नियुक्ति मिली जिसमें मेरे रंगाई का अनुभव काम आया। न्यू यॉर्क शहर के पाँच नगरों में से एक, स्टेटन द्वीप पर हमारा रेडियो स्टेशन डब्ल्यू. बी. बी. आर. था। स्टेशन के रेडियो टावर ६० मीटर से ज़्यादा ऊँचे थे और उनके तीन जोड़े गाई-तार थे। मैं ०.९ मीटर बाय २० सॆंटीमीटर चौड़े तख़्ते पर बैठा था जबकि मेरा साथी मुझे ऊपर उठाता था। ज़मीन से ऊपर उस छोटी-सी सीट पर बैठकर, मैंने गाई-तारों और टावरों की रंगाई की। कुछ लोगों ने मुझसे पूछा है कि क्या हम उस काम को करते वक़्त खूब प्रार्थना नहीं करते थे!
गरमियों का एक काम जिसे मैं कभी भूल नहीं सकता वह था कारख़ाने की इमारत की खिड़कियों को धोना और उनकी चौखटों की रंगाई करना। हम उसे अपनी गरमियों की छुट्टी कहते थे। हमने अपना लकड़ी का पाड़ तैयार किया और एक भार उठाने की घिरनी और रस्सी के साथ, उस आठ-मंज़िल की इमारत पर ख़ुद को ऊपर नीचे खींचा।
एक सहयोगी परिवार
१९३२ में मेरे पिता की मृत्यु हो गयी, और मैं सोच रहा था कि क्या मुझे घर जाना चाहिए और माँ की देखभाल में मदद करनी चाहिए। सो एक दिन दोपहर के भोजन से पहले, मैंने एक नोट मुख्य मेज़ पर रख दिया जहाँ भाई रदरफ़र्ड, संस्था के अध्यक्ष बैठते थे। उसमें मैंने उनसे बात करने का निवेदन किया। मेरी चिन्ता को जानने पर और यह जानने पर कि अब भी घर पर मेरे भाई-बहन थे, उन्होंने पूछा, “क्या आप बेथेल में रहना चाहते हैं और प्रभु का काम करना चाहते हैं?”
“जी हाँ मैं चाहता हूँ,” मैंने जवाब दिया।
सो उन्होंने सुझाव दिया कि मैं यह देखने के लिए माँ को लिखूँ कि क्या वो मेरे यहीं रहने के फ़ैसले से सहमत हैं। यही मैंने किया, और उन्होंने मेरे फ़ैसले के साथ पूरी सहमति व्यक्त करते हुए मुझे वापस लिखा। मैंने सचमुच भाई रदरफ़र्ड की कृपा और सलाह की क़द्र की।
बेथेल में मेरे अनेक सालों के दौरान, मैंने नियमित रूप से अपने परिवार को लिखा और ठीक वैसे ही जैसे माँ ने मुझे प्रोत्साहित किया था मैंने उन्हें यहोवा की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया। माँ की मृत्यु जुलाई १९३७ में हुई। वो हमारे परिवार के लिए क्या ही प्रेरणा रही थीं! केवल मेरे बड़े भाई और बहन, पॉल और ऐस्तर, और मेरी छोटी बहन लोइस साक्षी नहीं बने। फिर भी, पॉल हमारे काम में सहायक था और उसने हमें भूखंड प्रदान किया जिस पर हमने अपने पहले राज्यगृह का निर्माण किया।
१९३६ में मेरी बहन इवा पायनियर, अथवा पूर्ण-समय प्रचारक बन गयी। उसी साल उसने राल्फ़ टॉमस से विवाह किया, और १९३९ में वे यहोवा के साक्षियों की कलीसियाओं की सेवा करने के लिए सफ़री कार्य में नियुक्त किए गए। बाद में वे मॆक्सिको गए जहाँ उन्होंने राज्य कार्य में मदद देते हुए २५ साल बिताए।
१९३९ में मेरी बहनें ऐलिस और फ्रान्सिस ने भी पायनियर सेवा आरम्भ कर दी। १९४१ में सेन्ट लुईस अधिवेशन में उस ग्रामोफ़ोन यंत्र के उपयोग को प्रदर्शित करती हुई, जिसके उत्पादन में मैंने सहयोग दिया था, एक काउन्टर के पीछे खड़ी ऐलिस को देखना क्या ही आनन्द की बात थी! हालाँकि ऐलिस को कई बार पारिवारिक ज़िम्मेदारियों की वजह से पायनियर कार्य रोकना पड़ा, लेकिन कुल मिलाकर उसने ४० साल से ज़्यादा पूर्ण-समय सेवकाई में बिताए। फ्रान्सिस १९४४ में गिलियड नामक वॉचटावर बाइबल स्कूल में उपस्थित हुई और उसने पोर्ट रीको में कुछ समय तक एक मिशनरी के तौर पर सेवा की।
जोएल और ऎलवुड, जो परिवार में दो सबसे छोटे बच्चे थे, १९४० के दशक के आरम्भ में मॉनटाना में पायनियर बन गए। जोएल एक वफ़ादार साक्षी बना रहा और अब एक सहायक सेवक के तौर पर सेवा कर रहा है। १९४४ में ऎलवुड के बेथेल में मेरे पास आने से मेरे दिल को बहुत ज़्यादा ख़ुशी हुई। वह पाँच साल से भी कम उम्र का था जब मैंने घर छोड़ा था। जैसा कि पहले बताया गया है, हमने साथ मिलकर कारख़ाने की इमारत पर उस संकेत-पट्ट की रंगाई की थी, “परमेश्वर का वचन पवित्र बाइबल रोज़ पढ़िए।” मैंने कई बार सोचा है कि कितने लोग जिन्होंने अनेक सालों के दौरान उस संकेत-पट्ट को देखा है बाइबल को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित हुए होंगे।
ऎलवुड ने १९५६ तक बेथेल में सेवा की जब उसने एमा फ़्लाइट से विवाह किया। कई साल तक ऎलवुड और एमा ने मिलकर पूर्ण-समय सेवकाई की, और कुछ समय तक केन्या, अफ्रीका, साथ ही स्पेन में सेवा की। ऎलवुड कैंसर से रोगग्रस्त हुआ और १९७८ में स्पेन में उसकी मृत्यु हो गयी। एमा स्पेन में रही और अब तक पायनियर कार्य में है।
विवाह और एक परिवार
सितम्बर १९५३ में, मैंने ब्रुकलिन सॆंटर कलीसिया की एक पायनियर ऐलिस रिवेरा से विवाह करने के लिए बेथेल छोड़ा, मैं उसी कलीसिया में जाया करता था। मैंने ऐलिस को यह बता दिया कि मेरी स्वर्गीय आशा है लेकिन वह तब भी मुझसे विवाह करने में दिलचस्पी रखती थी।—फिलिप्पियों ३:१४.
बेथेल में २३ साल तक रहने के बाद, ख़ुद को और ऐलिस को पायनियर कार्य में बनाए रखने के लिए एक रंगसाज़ की हैसियत से लौकिक कार्य शुरू करने में काफ़ी समंजन करना पड़ा। ऐलिस हमेशा सहयोगी रही, तब भी जब स्वास्थ्य समस्या के कारण उसे पायनियर कार्य छोड़ना पड़ा। १९५४ में हम अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे थे। प्रसव ठीक नहीं हुआ, हालाँकि हमारा बेटा, जॉन ठीक था। ऐलिस का शल्यक्रियात्मक प्रजनन में इतना खून बह गया कि डॉक्टरों को नहीं लगता था कि वह ज़िन्दा बचेगी। एक समय पर तो वे पता नहीं कर सके कि उसकी नब्ज़ चल रही थी या नहीं। फिर भी वह उस रात बच गयी और समय के साथ-साथ पूरी तरह ठीक हो गयी।
कुछ साल के बाद, जब ऐलिस के पिता की मृत्यु हुई, तो हम उसकी माँ के साथ रहने के लिए लाँग आयलैंड चले गए। चूँकि हमारे पास कार नहीं थी, मैं आने-जाने के लिए पैदल चला करता था अथवा बस और सुरंग-रेल का प्रयोग करता था। इस प्रकार मैं पायनियर कार्य जारी रखने और अपने परिवार की देखरेख करने में समर्थ था। पूर्ण-समय सेवकाई के आनन्द किसी प्रकार के बलिदानों से कहीं ज़्यादा रहे हैं। लोगों की सहायता करना—जैसे जो नाटाली, जिसने साक्षी बनने के लिए अपना बेसबॉल का उज्जवल भविष्य छोड़ दिया था—मेरी अनेक आशिषों में से एक है।
१९६७ में, जब न्यू यॉर्क क्षेत्र में परिस्थितियाँ बदतर हो गयीं, तब मैंने ऐलिस और जॉन को अपने गृहनगर ऐलन्ज़बर्ग में रहने के लिए ले जाने का फ़ैसला किया। मेरी माँ के इतने सारे नाती-पोतों और परपोतों को पूर्ण-समय सेवकाई में भाग लेते हुए देखने को मैं अब फलदायक पाता हूँ। उनमें से कुछ तो बेथेल में सेवा करते हैं। जॉन भी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ वफ़ादारी से यहोवा की सेवा कर रहा है।
दुःख की बात है कि मेरी पत्नी ऐलिस की १९८९ में मृत्यु हो गयी। पूर्ण-समय सेवकाई में व्यस्त रहने से मुझे इस क्षति को सहने में मदद मिली है। अब मेरी बहन ऐलिस और मैं मिलकर पायनियर कार्य का आनन्द लेते हैं। फिर से एक छत के नीचे रहना और इस अति महत्त्वपूर्ण कार्य में ख़ुद को व्यस्त पाना कितना अच्छा है!
१९९४ के वसन्त में, मैं क़रीब पिछले २५ सालों में पहली बार बेथेल गया। उन दर्जनों लोगों को देखना जिनके साथ मैंने ४० साल पहले कार्य किया था, क्या ही आनन्द की बात थी! जब मैं १९३० में बेथेल गया था, तब परिवार में केवल २५० लोग ही थे, लेकिन आज ब्रुकलिन बेथेल परिवार में ३,५०० से ज़्यादा सदस्य हैं!
आध्यात्मिक भोजन द्वारा बलवन्त किए गए
प्रातःकाल अधिकांशतः मैं अपने घर के पास याकीमा नदी के किनारे टहलता हूँ। वहाँ से मैं बर्फ़ से ढके रेनियर पहाड़ को देख सकता हूँ, जिसकी ऊँचाई ४,३०० मीटर से ज़्यादा है। वन्य-जीवन बहुतायत में है। कभी-कभी मैं हिरन को देखता हूँ, और एक बार तो मैंने एल्क बारहसिंगा भी देखा।
ये शान्त, एकाकी क्षण मुझे यहोवा के अद्भुत प्रबन्धों पर मनन करने का मौक़ा देते हैं। मैं सामर्थ के लिए प्रार्थना करता हूँ ताकि हमारे परमेश्वर यहोवा की वफ़ादारी से सेवा करता रह सकूँ। जब मैं सैर करता हूँ तो मैं ख़ासकर यह गीत गाना पसन्द करता हूँ “यहोवा के हृदय को आनन्दित करना,” जिसके शब्द कहते हैं: “महान परमेश्वर, हमने तेरी इच्छा पूरी करने की मन्नत मानी है; बुद्धि से हम तेरे काम पूरे करेंगे। क्योंकि हम जानते हैं कि तब तेरे प्रेमपूर्ण हृदय को आनन्दित करने में हम शामिल होंगे।”
मुझे ख़ुशी है कि मैंने एक ऐसा काम करने का चुनाव किया जो यहोवा के हृदय को आनन्दित करता है। मैं प्रार्थना करता हूँ कि उस स्वर्गीय प्रतिफल के मिलने तक जिसकी प्रतिज्ञा की गयी है, मैं यह कार्य करता रहूँ। मेरी यह इच्छा है कि यह वृत्तान्त दूसरों को भी अपना जीवन ‘उस भोजन के लिये परिश्रम करने में जो नाशमान नहीं है,’ इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करे।—यूहन्ना ६:२७.
[पेज 23 पर तसवीरें]
“परमेश्वर का वचन पवित्र बाइबल रोज़ पढ़िए” संकेत-पट्ट की रंगाई करते हुए ऎलवुड
[पेज 24 पर तसवीरें]
१९४० के अधिवेशन में नए ग्रामोफ़ोन का प्रदर्शन करते हुए, ग्रान्ट सूटर और जॉन कुर्ज़न के साथ
[पेज 25 पर तसवीरें]
१९४४ में हममें से जो सच्चाई में थे वे पूर्ण-समय सेवकाई में थे: डेविड, ऐलिस, जोएल, इवा, ऎलवुड, और फ्रान्सिस
[पेज 25 पर तसवीर]
जीवित बचे सहोदर बाएँ से: ऐलिस, इवा, जोएल, डेविड, और फ्रान्सिस