सेवानिवृत्ति ईश्वरशासित गतिविधि के लिए एक खुला द्वार?
सेवानिवृत्ति—अनेक लोगों के लिए यह तनाव और झुँझलाहट की एक लम्बी अवधि का दरवाज़ा बन्द कर देता है। एक थकाऊ या उन्मादी दिनचर्या में बन्धे रहने के बाद, अनेक लोग सेवानिवृत्ति का आराम और निजी आज़ादी की ओर खुलनेवाले द्वार के रूप में उत्सुकता से इन्तज़ार करते हैं। लेकिन, ज़्यादातर यह द्वार ऊब और उदासीनता की ओर ले जाता है। मनोरंजन और रुचियाँ योग्यता की वह भावना प्रदान नहीं करते जो कि कार्य प्रदान करता है।
यहोवा के साक्षियों के लिए, सेवानिवृत्ति “सेवा करने का एक बड़ा द्वार” खोल सकती है। (१ कुरिन्थियों १६:९, NHT) हालाँकि ढलती उम्र की अपनी समस्याएँ और सीमाएँ होती हैं, कुछ वृद्ध जनों ने यह पाया है कि यहोवा की सहायता से वे उसके लिए अपनी सेवा को बढ़ा सकते हैं। नॆदरलैंडस् के कुछ वृद्ध मसीहियों के अनुभवों पर ध्यान दीजिए। १९९५ सेवा वर्ष के दौरान, १,२२३ से ज़्यादा पायनियरों (पूर्ण-समय के राज्य उद्घोषकों) में से २६९ जन ५० साल के अथवा उससे ज़्यादा वृद्ध थे। इनमें से ८१ जन ६५ साल की उम्र अथवा उससे ज़्यादा के थे।
कुछ लोग उसी व्यस्त रत्नतार को बनाए रखने के द्वारा जो कि उन्होंने काम करने के समय क़ायम की थी, पायनियर कार्य करने में समर्थ हुए हैं। (फिलिप्पियों ३:१६ से तुलना कीजिए।) कारॆल नामक एक सेवानिवृत्त मसीही याद करता है: “जब मैं अपनी लौकिक नौकरी करता था, तो मैं प्रातः ७:३० बजे काम शुरू किया करता था। जब मुझे अपनी पेन्शन मिलनी शुरू हुई, तब मैंने उसी दिनचर्या को क़ायम रखने का निर्णय किया। मैं दिन की शुरूआत हर सुबह सात बजे रेलमार्ग के सामने पत्रिका सड़क गवाही कार्य करने के द्वारा करता।”
सुविचारित योजना बनाना भी सफलता की एक कुंजी है। (नीतिवचन २१:५) उदाहरण के लिए, कुछ लोग अपनी सेवकाई में अपना ख़र्च चलाने के लिए पर्याप्त धन बचाने में समर्थ हुए हैं। कुछ ने व्यक्तिगत ख़र्चों को कम करने और अंश-कालिक नौकरी पाने का निर्णय किया है। टेओडॉर और ऑन पर ध्यान दीजिए। उन्होंने अपने विवाहित जीवन की शुरूआत पायनियरों के तौर पर शुरू की जब तक कि परिवार की बाध्यताओं ने पायनियर कार्य को रोकने की माँग नहीं की। लेकिन उनकी पायनियर आत्मा जीवित रही! जैसे-जैसे उनकी बेटियाँ बड़ी हुईं, उन्हें पायनियर कार्य करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया गया। इससे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण, अकसर सहायक पायनियरों के तौर पर सेवा करने के द्वारा, टेओडॉर और ऑन ने एक अच्छा उदाहरण रखा। जैसे-जैसे लड़कियाँ बड़ी होती गईं, टेओडॉर और ऑन ने क्षेत्र सेवा में ज़्यादा समय पाने के लिए लौकिक नौकरी में कटौती करना शुरू कर दिया।
अपनी बेटियों के पूर्ण-समय सेवकाई में दाख़िल होने और घर छोड़ने के बाद, ऑन ने पायनियर कार्य शुरू कर दिया। एक दिन उसने टेओडॉर को अपनी नौकरी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। “हम दोनों पायनियर कार्य कर सकते हैं,” उसने सुझाव दिया। टेओडॉर ने अपने मालिक को अपनी मंशा बतायी। उसे आश्चर्य हुआ, उसके बॉस ने उसे अंश-कालिक काम देकर मदद करने का प्रस्ताव रखा, उसने कहा: “मैं समझता हूँ कि आप वहाँ ऊपर [स्वर्ग में] अपने बॉस के लिए पूर्ण-समय काम करना चाहते हैं।” टेओडॉर और ऑन अब मिलकर पायनियर कार्य करने का आनन्द उठाते हैं।
कुछ लोगों ने उन परिस्थितियों के जवाब में पायनियर कार्य शुरू किया है जो उनके जीवन में विकसित हुई थीं। अपनी बेटी और नातिन की दुःखद मृत्यु ने एक वृद्ध जोड़े को अपने बाक़ी बचे वर्षों को जिस तरीक़े से वे इस्तेमाल कर रहे थे उसके बारे में गंभीरतापूर्वक सोचने के लिए मजबूर किया। (सभोपदेशक ७:२) शोक में डूब जाने के बजाय, उन्होंने पूर्ण-समय सेवकाई चुन ली, जिसका आनन्द वे अब पिछले आठ साल से उठा रहे हैं!
माना कि पूर्ण-समय सेवकाई में बने रहने के लिए वास्तविक दृढ़निश्चय की ज़रूरत होती है। उदाहरण के लिए, जैसे ही अर्नस्ट और उसकी पत्नी, रीक के बच्चों ने घर छोड़ा उन्होंने पायनियर कार्य करना शुरू कर दिया। उसके कुछ समय बाद एक पुराने व्यवसाय साथी ने अर्नस्ट को एक अच्छी कमाईवाली नौकरी प्रस्तुत की। अर्नस्ट ने जवाब दिया: “हमारा मालिक अब तक का सबसे अच्छा मालिक है, और हमें उसकी सेवा छोड़ने की इच्छा नहीं है!” क्योंकि अर्नस्ट और उसकी पत्नी यहोवा के “कर्मचारी” रहे, उनके लिए सेवा के अन्य विशेषाधिकार खुल गए। उन्होंने सर्किट कार्य में २० से ज़्यादा साल तक काम किया और आज के दिन तक पायनियरों के तौर पर सेवा जारी रखे हुए हैं। क्या वे अपने आत्म-बलिदानी जीवन से पछताते हैं? कुछ समय पहले उस जोड़े ने लिखा: “यदि यह यहोवा की इच्छा हुई, तीन महीने बाद हम अपने विवाह के ५० वर्ष मनाने की आशा करते हैं, जिसे अकसर स्वर्ण जयन्ती कहा जाता है। लेकिन पूरे विश्वास के साथ हम कहते हैं कि हमारे वास्तविक स्वर्ण वर्ष तब शुरू हुए जब हमने पायनियर कार्य शुरू किया था।”
अनेक लोग पाते हैं कि ज़्यादा गतिविधि का द्वार ज़्यादा आनन्द की ओर भी ले जाता है! एक भाई जिसने ६५ की उम्र के होने के दो सप्ताह बाद पायनियर कार्य शुरू किया था, कहता है: “मैं यह ज़रूर कहना चाहूँगा कि मैंने अपने जीवन में कभी-भी इतनी आशिषों से भरे समय का अनुभव कभी नहीं किया जितना कि पायनियर कार्य के पिछले दस सालों में किया है।” एक विवाहित जोड़ा, जिसने सात साल से ज़्यादा पायनियर कार्य किया है, कहता है: “हमारी उम्र और हमारी परिस्थितियों के साथ एक जोड़े को इसके अलावा और क्या करना चाहिए? हम अकसर अपनी तरह के लोगों को क्षेत्र में देखते हैं—घर में आराम से बैठे, बस मोटे, वृद्ध, और कड़क होते जा रहे हैं। यह सेवा हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखती है। हम हमेशा साथ होते हैं। हम बहुत हँसते हैं और जीवन का आनन्द उठाते हैं।”
सही है कि सभी वृद्ध जनों की परिस्थितियाँ उन्हें पायनियर कार्य करने की अनुमति नहीं देतीं। ये मसीही आश्वस्त हो सकते हैं कि जो कुछ भी वे उसकी सेवा में करते हैं यहोवा उसका मूल्यांकन करता है। (मरकुस १२:४१-४४ से तुलना कीजिए।) उदाहरण के लिए, एक अपंग बहन एक नर्सिंग होम तक सीमित है। फिर भी, उसके लिए गतिविधि का एक द्वार अब भी खुला है! एक डॉक्टर ने उससे पूछा कि वह अपना समय कैसे काट पाती है। वह बताती है: “मैंने उसे बताया कि मुझे हमेशा समय की घटी रहती है। वह इसे समझ नहीं सका। मैंने उसे बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरे दिन संतोषजनक गतिविधियों से भरे हुए हैं। मैं एकाकी नहीं हूँ, लेकिन मैं उनकी तलाश करती हूँ जो एकाकी हैं और उन्हें यह बताने की कोशिश करती हूँ कि परमेश्वर ने मानवजाति के लिए भविष्य में क्या रखा है।” वह यह कहते हुए बात का निचोड़ निकालती है: “एक ऐसे व्यक्ति से जो लगभग ८० का है, एक व्यक्ति ज़्यादा उम्मीद नहीं कर सकता। मेरे लिए प्रार्थना कीजिए ताकि मैं अब भी अनेक लोगों को यहोवा की ओर ले जा सकूँ।”
क्या आपकी उम्र सेवानिवृत्ति की हैं? आराम करने का द्वार शायद बहुत प्रलोभक हो, लेकिन यह एक आध्यात्मिक आशिष का द्वार नहीं है। प्रार्थनापूर्वक अपनी परिस्थितियों पर विचार कीजिए। शायद ऐसा हो सकता है कि आप ऐसे द्वार से प्रवेश करें जो यहोवा की सेवा में ज़्यादा गतिविधि की ओर ले जाए।
[पेज 25 पर तसवीरें]
सेवानिवृत्ति सेवकाई में ज़्यादा गतिविधि की ओर ले जा सकती है