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  • यहोवा कौन है?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1998
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1998
w98 5/1 पेज 5-7

यहोवा कौन है?

यहोवा ने अपने एक वफादार उपासक से कहा: “मनुष्य मेरे मुख का दर्शन करके जीवित नहीं रह सकता।” (निर्गमन ३३:२०) “परमेश्‍वर आत्मा है” और मनुष्य उसे अपनी भौतिक आँखों से नहीं देख सकता। (यूहन्‍ना ४:२४) जैसे भरी दोपहर में सीधे सूरज को देखना हमारी आँखों के लिए नुकसानदायक होगा, उसी प्रकार उस प्रचंड उर्जा के स्रोत को देखना भी हमारे लिए विनाशकारी होगा जिसने न केवल हमारा दिव्य सूरज बनाया वरन्‌ ब्रह्‍मांड में और भी अनगिनत सूरज बनाए हैं।

खुशी की बात है कि परमेश्‍वर के बारे में जानने के लिए हमें उसे देखने की ज़रूरत नहीं है। बाइबल हमें उसकी पहचान कराती है जिसने हमारे लिए अद्‌भुत पार्सल, यह पृथ्वी बनाई और उसके व्यक्‍तित्व को भी प्रकट करती है। इसलिए उस पिता के बारे में जानने के लिए बाइबल की जाँच करना उपयुक्‍त है जिसने हमें जीवन और इस जीवन का आनंद उठाने के लिए एक शानदार घर दिया है।

उसके नाम का अर्थ

हर नाम के अर्थ होते हैं, हालाँकि आज कई लोग शायद उससे अवगत न हों। उदाहरण के लिए, एक आम अंग्रेज़ी नाम डेविड इब्रानी शब्द से आता है जिसका अर्थ है “प्रिय।” सृष्टिकर्ता के नाम, यहोवा, का भी अर्थ है। वह क्या है? बाइबल की मूल भाषा इब्रानी में यह ईश्‍वरीय नाम चार अक्षरों में लिखा गया है, यहवह और बाइबल के इब्रानी भाग में करीबन ७,००० बार आता है। ईश्‍वरीय नाम का अर्थ यों समझा जाता है, “वह बनने का कारण होता है।” यह इस बात का संकेत देता है कि अपने उद्देश्‍यों को पूरा करने के लिए यहोवा को जो भी बनने की ज़रूरत होती है वह बुद्धिमानी से खुद को वही बनाता है। वह सृष्टिकर्ता, न्यायी, उद्धारकर्ता, जीवन का पोषणकर्ता है और इसी कारण वह अपने वादों को पूरा कर सकता है। इसके अलावा, इब्रानी में यहोवा नाम का शब्द ऐसे रूप में है जो सूचित करता है कि कार्य पूरा होने की स्थिति में है। जी हाँ, यहोवा खुद को अभी भी अपने उद्देश्‍यों का पूर्तिकर्ता बनवा रहा है। वह एक जीवित परमेश्‍वर है!

यहोवा के प्रमुख गुण

बाइबल सृष्टिकर्ता का वर्णन यूँ करती है: “ईश्‍वर दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त, और अति करुणामय और सत्य, हज़ारों पीढ़ियों तक निरन्तर करुणा करनेवाला, अधर्म और अपराध और पाप का क्षमा करनेवाला है।” (निर्गमन ३४:६, ७) “करुणामय” यह अभिव्यक्‍ति इब्रानी के एक बहुत ही अर्थपूर्ण शब्द का अनुवाद है। यह ऐसी करुणा को चिन्हित करती है, जो प्रेमपूर्ण तरीके से स्वयं को किसी वस्तु से जोड़े रहती है जब तक की उस वस्तु के लिए उसका उद्देश्‍य सफल नहीं हो जाता। इसे “निष्ठावान प्रेम” भी अनुवादित किया जा सकता है। यहोवा की करुणा प्रेमपूर्ण रीति से स्वयं को अपने प्राणियों से जोड़े रहती है और उसका अद्‌भुत उद्देश्‍य पूरा करती है। क्या आप उसके प्रेम को सर-आँखों पर नहीं रखेंगे जिसने आपको जीवन दिया है?

यहोवा क्रोध में धीमा और हमारी गलतियों को क्षमा करने में तत्पर है। ऐसे व्यक्‍ति के करीब रहना वाकई स्नेहपूर्ण है। फिर भी, इसका मतलब यह नहीं कि वह कुकर्म को अनदेखा करता है। वह स्पष्ट कहता है: “मैं यहोवा न्याय से प्रीति रखता हूं, मैं अन्याय और डकैती से घृणा करता हूं।” (यशायाह ६१:८) एक न्यायी परमेश्‍वर होने के नाते वह निर्लज्ज पापियों को जो अपनी दुष्टता में लगे रहते हैं, हमेशा के लिए बर्दाश्‍त नहीं करेगा। सो हम निश्‍चित हो सकते हैं कि अपने सही समय पर यहोवा संसार से अन्याय मिटा देगा। वह पीड़ितों की ओर से अपना मुँह नहीं फेरेगा।

प्रेम और न्याय के बीच सही संतुलन बनाए रखना आसान नहीं है। अगर आप एक माता या पिता हैं और जब आपके बच्चे बदतमीज़ी करते हैं तब क्या आप यह फैसला करना कठिन पाते हैं कि उन्हें कब, कैसे और किस हद तक अनुशासन दें? न्याय को प्रेमपूर्ण करुणा से संतुलित करने के लिए बड़ी बुद्धि की ज़रूरत होती है। मनुष्यों के साथ अपने व्यवहार में यहोवा इस गुण को भरपूर मात्रा में दिखाता है। (रोमियों ११:३३-३६) वाकई, सृष्टिकर्ता की बुद्धि हर जगह देखी जा सकती है, उदाहरण के लिए इस अद्‌भुत सृष्टि में जो हमारे चारों ओर है।—भजन १०४:२४; नीतिवचन ३:१९.

फिर भी, मात्र बुद्धि का होना ही काफी नहीं है। अपनी इच्छा पूरी करने के लिए सृष्टिकर्ता के पास शक्‍ति भी होनी चाहिए और बाइबल प्रकट करती है कि वह बहुत ही शक्‍तिशाली है: “अपनी आंखें ऊपर उठाकर देखो, किस ने इनको सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में से कोई बिना आए नहीं रहता।” (यशायाह ४०:२६) अपनी ‘सामर्थ’ के कारण यहोवा अपने काम पूरा करता है। क्या ऐसा गुण आपको उसकी ओर आकर्षित नहीं करता?

हर जाति का परमेश्‍वर

आप शायद सोचें, ‘लेकिन क्या यहोवा “पुराने नियम” का परमेश्‍वर और प्राचीन इस्राएल का परमेश्‍वर नहीं है?’ यह सच है कि यहोवा ने स्वयं को इस्राएलियों पर प्रकट किया था। फिर भी, चूँकि उसी ने पहले मानवी जोड़े को सृजा है, इस कारण यहोवा वह परमेश्‍वर है “जिस से . . . पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है।” (इफिसियों ३:१५) अगर आप मानते हैं कि अपने पूर्वजों का आदर करना सही है तो क्या यह उचित न होगा कि आज पृथ्वी पर पाई जानेवाली सभी वंशावलियों की जड़, हम सबका पूर्वज, उस पहले मनुष्य को जिसने जीवन दिया हम उसकी उपासना करें?

मानवजाति का सृष्टिकर्ता संकुचित मनवाला नहीं है। सच है कि एक समय पर इस्राएली जाति के साथ उसका विशेष संबंध था। लेकिन इसके बावजूद उसने अपनी बाँहे पसारे उन सभों को स्वीकार किया जिसने उसका नाम लिया। इस्राएल के एक बुद्धिमान राजा ने प्रार्थना में यहोवा से कहा: ‘परदेशी भी जो तेरी प्रजा इस्राएल का न हो, जब वह तेरा नाम सुनकर, दूर देश से आए, तब तू अपने स्वर्ग से सुन, और जिस बात के लिये ऐसा परदेशी तुझे पुकारे, उसी के अनुसार व्यवहार करना जिस से पृथ्वी के सब देशों के लोग तेरा नाम जानें।’ (१ राजा ८:४१-४३) आज भी, हर जाति के लोग यहोवा को जान सकते हैं और उसके साथ अर्थपूर्ण रिश्‍ता बना सकते हैं। लेकिन इससे आप पर क्या असर होगा?

यहोवा को जानने के लाभ

चलिए, एक बार फिर से पिछले लेख में दिए उदाहरण पर गौर करें। अगर आप सुंदर रीति से पैक किया गया एक पार्सल पाते हैं तो आप ज़रूर जानना चाहेंगे कि यह तोहफा आखिर क्यों भेजा गया। इसका उपयोग कैसे किया जाना है और कैसे इसकी देखभाल करनी है? उसी तरह हम जानना चाहेंगे कि परमेश्‍वर के मन में क्या था जब उसने हमारे लिए यह पृथ्वी तैयार की। बाइबल बताती है कि उसने “उसे सुनसान रहने के लिये नहीं परन्तु बसने के लिये उसे रचा है,” अर्थात मनुष्यों द्वारा बसने के लिए।—यशायाह ४५:१८.

फिर भी, अधिकांश लोगों ने सृष्टिकर्ता के तोहफे की कोई परवाह नहीं की है। यहोवा को नाराज़ करते हुए वे पृथ्वी को तबाह करने में लगे हुए हैं। लेकिन यहोवा ने अपने नाम के मुताबिक मनुष्य और पृथ्वी के विषय में अपने मूल उद्देश्‍य को पूरा करने की ठानी है। (भजन ११५:१६; प्रकाशितवाक्य ११:१८) वह इस पृथ्वी को दुरुस्त करेगा और ऐसे लोगों को इसका उत्तराधिकारी बनाएगा जो उसके आज्ञाकारी बालक बनकर जीने के इच्छुक होंगे।—मत्ती ५:५.

जब ऐसा होगा तब उस समय के वातावरण का वर्णन, बाइबल की आखिरी किताब यूँ करती है: “देख, परमेश्‍वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, . . . और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।” (प्रकाशितवाक्य २१:३, ४) तब कोई इसलिए दुःख के आँसू न बहाएगा, न शोक मनाएगा कि उसका प्रिय जन मौत में उससे जुदा हो गया है। न ही कोई निराश होकर मदद के लिए चिल्लाएगा या जानलेवा बीमारियों के कारण दर्द से तड़पेगा। यहाँ तक कि ‘मृत्यु को नाश किया जाएगा।’ (१ कुरिन्थियों १५:२६; यशायाह २५:८; ३३:२४) यह उस प्रकार के जीवन का वर्णन करती है, जिसका यहोवा शुरू से ही चाहता था कि हम आनंद उठाएँ जब उसने हमारे प्रथम पूर्वजों को सृष्ट किया था।

वाकई, आज आप ऐसी परादीसीय अवस्था की झलक यहोवा के उपासकों के बीच देख सकते हैं। वह उनसे कहता है: “मैं ही तेरा परमेश्‍वर यहोवा हूं जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूं, और जिस मार्ग से तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूं।” (यशायाह ४८:१७) यहोवा एक दयालु पिता है जो हमें, यानी अपने बच्चों को जीने का उत्तम तरीका सिखाता है। उसके मार्गदर्शन मनुष्यों के लिए अनुचित रोक-टोक नहीं वरन्‌ प्रेमपूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हैं। उनका पालन करने से सच्ची स्वतंत्रता और खुशी मिलेगी, ठीक जैसे लिखा है: “प्रभु तो आत्मा है: और जहां कहीं प्रभु का आत्मा है वहां स्वतंत्रता है।” (२ कुरिन्थियों ३:१७) जो बाइबल में दिए गए मार्गदर्शनों का पालन कर उसके शासकत्व को स्वीकार करते हैं, वे आज भी मन की वह शांति पा रहे हैं जो एक दिन मानवजाति के इस पूरे संसार में फैल जाएगी।—फिलिप्पियों ४:७.

यहोवा क्या ही परोपकारी पिता है! जो इस सारी अद्‌भुत सृष्टि के पीछे है क्या आप उसके बारे में अधिक जानने के इच्छुक हैं? ऐसे लोगों के लिए आज भी अमूल्य लाभ है। और भविष्य में तो अनगिनत आशीषें होंगी।

[पेज 5 पर तसवीर]

चार इब्रानी अक्षरों में लिखे ईश्‍वरीय नाम को अनेक पुराने गिरजा-घरों की दीवारों पर देखा जा सकता है

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