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  • क्या आपको याद है?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2002
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2002
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क्या आपको याद है?

क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ पढ़ने का आनंद लिया है? देखिए कि क्या आप नीचे दिए गए सवालों के जवाब जानते हैं या नहीं:

• तनाव से राहत पाने के लिए आप पहाड़ी उपदेश से जुड़े किस निजी कार्यक्रम का इस्तेमाल कर सकते हैं?

हर दिन आप उस पहाड़ी उपदेश से या सुसमाचार की किसी भी किताब से यीशु की एक शिक्षा पढ़ सकते हैं। फिर उस शिक्षा पर मनन करके और उसे खुद पर लागू करके आप पहले से ज़्यादा खुशी और कम तनाव महसूस करेंगे।—12/15, पेज 12-14.

• कलीसिया के प्राचीनों के पास ऐसे कौन-से तीन कारण हैं जिनकी बिनाह पर वे सहायक सेवकों को ज़्यादा ज़िम्मेदारी उठाने के लिए ट्रेनिंग दे सकते हैं?

यहोवा के साक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी होने से ऐसे ज़िम्मेदार भाइयों की ज़रूरत आ पड़ी है जो बपतिस्मा पा चुके नए लोगों को आध्यात्मिक रूप से बढ़ने में मदद दे सकें। ढलती उम्र और खराब सेहत ने कुछ प्राचीनों को लाचार कर दिया है कि अब वे पहले की तरह कलीसिया की ज़िम्मेदारियाँ पूरी तरह नहीं निभा पा रहे हैं। और कुछ काबिल प्राचीन आज कलीसिया की ज़िम्मेदारियों के अलावा और भी दूसरी आध्यात्मिक ज़िम्मेदारियाँ सँभाल रहे हैं। इसलिए जैसा वे पहले अपनी कलीसिया के लिए कर पाते थे, आज नहीं कर सकते।—1/1, पेज 29.

• लोग, कैसे उन ईश्‍वरों पर भरोसा रखते हैं जो सच्चे नहीं हैं?

बहुत-से लोग अपने धर्म के देवी-देवताओं को पूजते हैं। लेकिन ये बेजान हैं और एलिय्याह के दिनों के बाल देवता के समान हैं जो अपने उपासकों को नहीं बचा सका। (1 राजा 18:26, 29; भजन 135:15-17) दूसरे लोग मनोरंजन की दुनिया के कलाकारों या खिलाड़ियों को पूजते हैं जो उन्हें भविष्य की पक्की आशा नहीं दे सकते। लेकिन यहोवा इनसे कितना अलग है, क्योंकि वह सचमुच अस्तित्त्व में है और अपने उद्देश्‍यों को पूरा कर सकता है।—1/15, पेज 3-5.

• परमेश्‍वर की तरफ से चेतावनी दिए जाने पर कैन ने जो रवैया दिखाया, उससे हम क्या सीख सकते हैं?

परमेश्‍वर ने हमें अपनी मरज़ी से चुनाव करने की आज़ादी दी है जिसका इस्तेमाल करके हम सही काम करने का चुनाव कर सकते हैं। ऐसा करके हम कैन जैसा रवैया दिखाने से बच सकते हैं जिसने भला करने से मुँह फेर लिया। बाइबल के इस वृत्तांत से यह बात भी सीखने को मिलती है कि यहोवा, पछतावा न दिखानेवालों को ज़रूर दंड देता है।—1/15, पेज 22-23.

• स्वच्छता खासकर अब इतनी ज़रूरी क्यों है?

आज लोगों के रहन-सहन के तरीके बदलते जा रहे हैं और इस वजह से वे अपने घरों को पहले की तरह साफ-सुथरा रखने में उतना समय नहीं देते। भोजन और पानी की साफ-सफाई का ध्यान न रखने से स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। शारीरिक स्वच्छता के अलावा बाइबल, आध्यात्मिक, नैतिक और मानसिक स्वच्छता पर भी ज़ोर देती है।—2/1, पेज 3-6.

• प्राचीन समय के सेवकों के बारे में पौलुस ने कहा: ‘वे हमारे बिना सिद्धता को नहीं पहुंचेंगे।’ ऐसा कैसे हो सकता है? (इब्रानियों 11:40)

आनेवाले हज़ार साल के राज्य के दौरान, मसीह और उसके अभिषिक्‍त भाई, राजा और याजक के तौर पर स्वर्ग में सेवा करेंगे और पुनरुत्थान पाए हुए लोगों को छुड़ौती बलिदान के फायदे पहुँचाएँगे। इस तरह वे इब्रानियों के 11वें अध्याय में ज़िक्र किए गए वफादार जनों को “सिद्धता तक पहुँचाएगें।”—2/1, पेज 23.

• पौलुस का क्या मतलब था जब उसने इब्रानियों को कहा “तुम ने . . . ऐसी मुठभेड़ नहीं की, कि तुम्हारा लोहू बहा हो”? (इब्रानियों 12:4)

उसका मतलब था, अपना खून बहाने की हद तक सहन करना। बाइबल के इतिहास में ऐसे लोगों के उदाहरण हैं जो मरते दम तक वफादार रहे। हालाँकि जिन इब्रानी मसीहियों को पौलुस ने यह बात लिखी थी, उनकी इस हद तक परीक्षा नहीं हुई थी कि उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़े। लेकिन उन्हें प्रौढ़ता की ओर बढ़ना था और अपने विश्‍वास को इतना मज़बूत बनाना था कि वे किसी भी परीक्षा का सामना कर सकें।—2/15, पेज 29.

• यह कहना क्यों सही नहीं होगा कि यहोवा अपने न्याय को दया से नरम करता है?

कुछ भाषाओं में “नरम” करने का मतलब खुद पर काबू पाना हो सकता है। यहोवा न्यायी और दयालु परमेश्‍वर है और वह इन दोनों गुणों को साथ-साथ दिखाता है। (निर्गमन 34:6, 7; व्यवस्थाविवरण 32:4; भजन 116:5; 145:9) यहोवा को अपने न्याय को दया से नरम करने या उसे नियंत्रित करने की ज़रूरत नहीं है।—3/1, पेज 30.

• क्या मसीहियों के लिए अपने मरे हुए अज़ीज़ों का शवलेपन करना उचित है?

शवलेपन, शव को सुरक्षित रखने का एक ज़रिया है। प्राचीन समय के कुछ लोग, धार्मिक कारणों से ऐसा किया करते थे। सच्चे उपासक ऐसे कारणों से शवलेपन नहीं करते थे। (सभोपदेशक 9:5; प्रेरितों 24:15) शवलेपन महज़ एक ऐसी प्रक्रिया है जो मरने के बाद इंसान के शरीर को जल्दी खराब होने से रोकती है। लेकिन आखिर में, इस शरीर को मिट्टी में ही फिर मिल जाना है। (उत्पत्ति 3:19) लेकिन अगर सरकार आदेश देती है, या परिवार में कुछ लोगों की ख्वाहिश है कि शवलेपन किया जाए, या फिर दूर के रिश्‍तेदार और दोस्त शव को देखना चाहते हैं तो शवलेपन करने में कोई हर्ज़ नहीं है।—3/15, पेज 29-31.

• बाइबल में दिए गए कौन-से उदाहरणों से हम सीखते हैं कि परमेश्‍वर सभी जातियों के लोगों को बुलावा देता है?

यहोवा ने भविष्यवक्‍ता योना को नीनवे के लोगों को चेतावनी देने के लिए भेजा। और जब उन लोगों ने अपना मन फिराया तो परमेश्‍वर ने योना को उनके पछतावे पर ध्यान देने के लिए कहा। यीशु ने अपनी बातों और कामों के ज़रिए, सामरियों के लिए प्यार दिखाने का बढ़ावा दिया। प्रेरित पतरस और प्रेरित पौलुस ने गैर-यहूदियों को सुसमाचार सुनाने में एक भूमिका निभायी। इस तरह के उदाहरणों से हम देख सकते हैं कि सब जातियों के लोगों को मदद किए जाने की ज़रूरत है।—4/1, पेज 21-4.

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