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  • क्या आपको याद है?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2003
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2003
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क्या आपको याद है?

क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ पढ़ने का आनंद लिया है? देखिए कि क्या आप नीचे दिए गए सवालों के जवाब जानते हैं या नहीं:

• शापान के परिवार से हम कौन-सी अच्छी बात सीख सकते हैं?

शापान, यहूदा के राजा योशिय्याह का मंत्री और शास्त्री था। वह राज्य के खास लोगों में से एक था। उसने सच्ची उपासना को बहाल करने की राजा की योजना को सफल बनाने में मदद दी थी। शापान के दो बेटे भविष्यवक्‍ता यिर्मयाह के वफादार रहे थे। उसके एक दूसरे बेटे और दो पोतों ने भी सच्ची उपासना को बढ़ावा देने के लिए अपने ओहदे का इस्तेमाल किया। उसी तरह हमें भी अपने साधनों और ओहदे का इस्तेमाल करके सच्ची उपासना का समर्थन करना चाहिए।—12/15, पेज 19-22.

• ईरेना होकस्टनबाक अपनी इतनी बड़ी अपंगता से संघर्ष करते हुए कैसे यहोवा की सेवा कर पायी?

सात साल की उम्र में वह अपनी सुनने की शक्‍ति खो बैठी। बधिर होने के बावजूद उसने दूसरों से बातचीत करना सीखा और आज अपने पति (एक सफरी ओवरसियर) के साथ नेदरलैंड्‌स की कलीसियाओं में सेवा करती है।—1/1, पेज 23-6.

• “राज्य के जोशीले प्रचारक” ज़िला अधिवेशन में अध्ययन के लिए कौन-सी दो नयी किताबें रिलीज़ की गयी थीं?

पूरी दुनिया में मसीही, एकमात्र सच्चे परमेश्‍वर की उपासना करें किताब पाकर फूले नहीं समाए। यह किताब उन लोगों के साथ अध्ययन करने के लिए तैयार की गयी है जिनका ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है किताब से अध्ययन पूरा हो गया है। रिलीज़ की गयी दूसरी किताब है, ड्रॉ क्लोस टू जेहोवा। उसमें यहोवा के गुणों और लोगों के साथ उसके व्यवहार पर खास रोशनी डाली गयी है। किताब यह भी बताती है कि हम परमेश्‍वर के गुणों को ज़ाहिर करते हुए कैसे उसका अनुकरण कर सकते हैं।—1/15, पेज 23-4.

• नीतिवचन 12:5 में बताया है कि “धर्मियों की कल्पनाएँ न्याय ही की होती हैं।” इसका क्या मतलब है?

एक भले इंसान के विचार हमेशा अच्छे और नेक होते हैं, जो उसे सही और धार्मिकता के काम करने के लिए उकसाते हैं। धर्मी इंसान जो कुछ करता है, वह परमेश्‍वर के और अपने संगी-साथियों के सच्चे प्यार की खातिर करता है, इसलिए उसके इरादे हमेशा नेक होते हैं।—1/15, पेज 30.

• काम के बारे में सही नज़रिया पैदा करने में क्या बात एक इंसान की मदद कर सकती है?

बचपन से ही काम की कदर करना सीखना बहुत फायदेमंद होता है। बाइबल काम के बारे में एक अच्छी आदत पैदा करने और आलसीपन से दूर रहने की सलाह देती है। (नीतिवचन 20:4) यह मसीहियों को इस बात का भी बढ़ावा देती है कि वे अपने-अपने कामों में पूरी तरह उलझ न जाएँ। हमें समझना चाहिए कि परमेश्‍वर की सेवा हमारी ज़िंदगी में सबसे पहले स्थान पर हो। (1 कुरिन्थियों 7:29-31) इसके अलावा, सच्चे मसीहियों को पूरा भरोसा है कि परमेश्‍वर उन्हें कभी नहीं त्यागेगा।—2/1, पेज 4-6.

• बाइबल में सबसे पहले, वेदी का ज़िक्र कहाँ मिलता है?

उत्पत्ति 8:20 में इसका सबसे पहला ज़िक्र मिलता है, जब जलप्रलय के बाद नूह ने जहाज़ से बाहर निकलकर एक वेदी बनायी थी। कैन और हाबिल ने भी परमेश्‍वर के लिए बलि चढ़ायी थी, तो उन्होंने भी शायद वेदी का इस्तेमाल किया होगा। (उत्पत्ति 4:3, 4)—2/15, पेज 28.

• कुछ मसीही अपने बदलते हालात का कैसे पूरा-पूरा फायदा उठा सकते हैं?

कुछ लोगों की नौकरी की जगह पर जब कोई बदलाव आया या जब उन्होंने खुद बदलाव की माँग की तो इससे उन्हें परमेश्‍वर की सेवा में और ज़्यादा समय बिताने का मौका मिला। दूसरों के जब बच्चे बड़े हो गए और उनकी शादी हो गयी तो उनकी ज़िम्मेदारी कम हो गयी। इस वजह से वे परमेश्‍वर की सेवा में कुछ खास ज़िम्मेदारियाँ उठा पाए और परमेश्‍वर के काम के लिए ज़्यादा समय दे पाए।—3/1, पेज 19-22.

• दूसरों को यहोवा की नज़र से देखने में योना और प्रेरित पतरस का उदाहरण कैसे हमारी मदद करता है?

पतरस और योना की जब विश्‍वास और आज्ञा मानने की परीक्षा हुई, तब उन्होंने जो कदम उठाया और जैसी सोच दिखायी, वह गलत थी और इसके बारे में हम सभी जानते हैं। लेकिन फिर भी यहोवा ने उनके अच्छे गुणों पर ध्यान दिया और वह उन्हें अपनी सेवा में इस्तेमाल करता रहा। जब कोई हमें गुस्सा दिलाता है या हमारा दिल दुखाता है तब हम उसकी उन अच्छाइयों पर ध्यान दे सकते हैं जो पहले हमें उसकी तरफ खींच लायी थीं और उन अच्छे गुणों पर भी, जो परमेश्‍वर उसमें देखता है।—3/15, पेज 16-19.

• अलग-अलग बाइबल अनुवादों में भजन संहिता की किताब में दी गयी आयतों के नंबर एक-दूसरे से मेल क्यों नहीं खाते?

भजन की किताब मूल में इब्रानी भाषा में लिखी गयी थी और फिर इसका अनुवाद यूनानी सेप्टुआजेंट में किया गया। लेकिन इन दोनों किताबों की आयतों के नंबर में फर्क है। अभी हाल के अनुवादों में भी यही फर्क नज़र आएगा क्योंकि वे अनुवाद या तो इब्रानी पाठ से या सेप्टुआजेंट से किए गए हैं।—4/1, पेज 31.

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