क्या आप दूसरों को चेतावनी देने में और मेहनत कर सकते हैं?
सन् 1900 की शुरूआत में, लोगों ने बिना आवाज़ की एक फिल्म देखने का मज़ा लिया, जिसका नाम था, अ ट्रिप डाऊन मार्केट स्ट्रीट। इस फिल्म में दिखाया गया था कि अमरीका के सैन फ्रांसिस्को शहर में उस ज़माने में ज़िंदगी कैसी होती थी। फिल्म बनानेवालों ने हाथ से चलनेवाले कैमरे को चलती हुई केबल-कार के आगे इस तरह लगा दिया था, जिससे कि आगे की भीड़-भाड़वाली सड़क पर जो भी हो रहा है वह दिखायी दे सके। इस फिल्म में घोड़ा-गाड़ी, उस ज़माने की मोटर-गाड़ियाँ, खरीदारी करनेवाले लोग और अखबार बेचनेवाले लड़के देखे जा सकते हैं।
अगर आज हम यह फिल्म देखें, तो एक बात जिसे सोचकर दिल रो पड़ता है, वह यह है कि शायद यह फिल्म अप्रैल 1906 में बनी थी, यानी उस भयानक भूकंप और आग से बस कुछ ही दिन पहले जिसने 18 अप्रैल को हज़ारों लोगों की जान ले ली थी और उस शहर के एक हिस्से को लगभग बरबाद कर दिया था। इस फिल्म में जो हँसते-खेलते चेहरे दिखाए गए हैं, शायद उनमें से कई तो बस कुछ ही दिनों के मेहमान थे। फिल्म बनानेवालों में से एक का वंशज, जिसका नाम स्कॉट माइल्ज़ है, कहता है: “मैं बस लोगों को देख सकता हूँ। उन्हें ज़रा भी अंदाज़ा नहीं कि उनके साथ क्या होनेवाला है। मगर उन पर तरस खाने के अलावा हम और कुछ नहीं कर सकते।”
सन् 1906 में अचानक आए भूकंप और आग ने सैन फ्रांसिस्को के घनी आबादीवाले इलाके के एक बड़े हिस्से को नेस्तनाबूद कर दिया
आज हमारे दिनों के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं। और यह बात हमें गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर देती है। हम भी एक तरह से अपने पड़ोसियों पर तरस खाने के अलावा और कुछ नहीं कर सकते। वे अपने-अपने रोज़मर्रा के कामों में लगे हुए हैं। उन्हें ज़रा भी अंदाज़ा नहीं कि कुछ ही समय में उन पर एक बहुत बड़ा कहर टूटनेवाला है, और वह है इस दुनिया की व्यवस्था का विनाश। मगर यह कहर उस भूकंप से अलग है। वह भूकंप बिना कोई चेतावनी दिए मौत का पैगाम लेकर शहर में दाखिल हो गया था, जबकि इस कहर, यानी यहोवा के न्याय के दिन के बारे में अपने पड़ोसियों को आगाह करने का हमारे पास थोड़ा-सा वक्त अभी-भी बचा है। हो सकता है आप हर हफ्ते घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए कुछ समय निकालते हों, लेकिन दूसरों को सावधान करने के लिए क्या आप और मेहनत कर सकते हैं?
यीशु प्रचार करने के लिए हमेशा तैयार रहता था
यीशु का उदाहरण गौर करने लायक है। वह हमेशा लोगों को प्रचार करने के लिए तैयार रहता था। वह जिस किसी से मिलता था, उसे प्रचार करता था, फिर चाहे वह कर वसूलनेवाला हो, जिससे वह सड़क पर मिला था, या फिर दोपहर के वक्त कुएँ पर मिली एक औरत हो। (लूका 19:1-5; यूह. 4:5-10, 21-24) यहाँ तक कि जब यीशु आराम करनेवाला होता था, तब भी वह खुशी-खुशी अपना आराम त्यागकर दूसरों को सिखाने लग जाता था। सिर्फ नाम के लिए दूसरों को गवाही देने के बजाय, अपने पड़ोसियों के लिए करुणा का गुण उसे उभारता था कि वह इस काम में अपना भरसक करे। (मर. 6:30-34) वक्त की नज़ाकत को समझते हुए यीशु ने गवाही देने के मामले में जो मिसाल रखी, उस पर आज प्रचारक कैसे चल रहे हैं?
वे हर मौके का फायदा उठाते हैं
मेलिका नाम की एक बहन एक कड़ी सुरक्षावाले अपार्टमेंट में रहती है। उसके ज़्यादातर पड़ोसी विदेश से आए विद्यार्थी हैं। वे ऐसे मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं, जिनके नंबर किसी भी टेलिफोन डाइरेक्ट्री में दर्ज़ नहीं हैं और जिनके नामों का ज़िक्र बिल्डिंग की लॉबी में नामों की सूची में भी नहीं हैं। मेलिका जब भी लॉबी या लिफ्ट में इन किराएदारों से मिलती है, तो उनके साथ खुशखबरी बाँटने का वह कोई भी मौका नहीं गवाँती। वह कहती है: “एक तरह से मैं इसे अपना प्रचार का इलाका समझती हूँ।” वह अपने साथ कई अलग-अलग भाषाओं में साहित्य रखती है और कई पड़ोसी उससे ट्रैक्ट और पत्रिकाएँ लेते हैं। वह लोगों को हमारी वेबसाइट jw.org के बारे में भी बताती है। इस तरह, वह कई बाइबल अध्ययन शुरू कर पायी है।
सॉन्या नाम की बहन भी जिस किसी को हो सके, गवाही देने के लिए तैयार रहती है। वह एक डॉक्टर के क्लिनिक में काम करती है। उसने लक्ष्य रखा है कि वह अपने साथ काम करनेवाले हर किसी को अच्छी गवाही देगी। सबसे पहले उसने यह जानने की कोशिश की कि हरेक की ज़रूरत क्या है और उनकी दिलचस्पी किस चीज़ में है। फिर उसने दोपहर के खाने का जो समय मिलता है, उसका इस्तेमाल अपने सहकर्मियों को ढूँढ़ने और उनके साथ बाइबल पर चर्चा करने के लिए किया। नतीजा, सॉन्या दो बाइबल अध्ययन शुरू कर पायी। वह यह भी योजना बना रही है कि वह क्लिनिक के लॉबी में खाने के समय का इस्तेमाल करेगी और उन लोगों से बात करेगी जो वहाँ बैठकर अपना नंबर आने का इंतज़ार करते हैं।
हर मौके का फायदा उठाइए
एक आदमी ने, जो सन् 1906 में हुए भूकंप से ज़िंदा बच गया था, कहा कि वह हादसा “किसी राज्य या शहर में आनेवाला अब तक का सबसे भयानक हादसा था।” लेकिन ये सारे हादसे परमेश्वर के बदला लेने के उस दिन के मुकाबले कुछ भी नहीं हैं, जो बहुत जल्द उन सभी लोगों पर आनेवाला है “जो परमेश्वर को नहीं जानते।” (2 थिस्स. 1:8) यहोवा की यह इच्छा है कि लोग अपनी सोच और अपने दिल में बदलाव लाएँ और उसके साक्षी लोगों को जो चेतावनी देनेवाला पैगाम बाँट रहे हैं, उस पर ध्यान दें।—2 पत. 3:9; प्रका. 14:6, 7.
क्या आप रोज़मर्रा के काम करते वक्त हर मौके का फायदा उठाकर लोगों को गवाही दे सकते हैं?
आपको यह सम्मान मिला है कि आप लोगों की आँखें खोलें और उन्हें यह समझने में मदद दें कि हम संकटों से भरे वक्त में जी रहे हैं। उन्हें सिर्फ अपनी इच्छाओं के बारे में सोचना बंद करना होगा और यहोवा की सेवा करना शुरू करना होगा। (सप. 2:2, 3) क्या आप हर मौके का फायदा उठाकर अपने साथ काम करनेवालों, पड़ोसियों और रोज़मर्रा के काम करते वक्त मिलनेवाले लोगों को गवाही दे सकते हैं? क्या आप दूसरों को चेतावनी देने के लिए और मेहनत करेंगे?